बीकानेर,31
मार्च। ‘‘डण्डकला गांव की महिलाआंे ने कशीदाकारी करके वास्तव में अपने व अपने परिवार का सामाजिक व आर्थिक बलदाव करके एक मिसाल कायम की है, इससे पश्चिमी राजस्थान की महिलाओं में स्वावलम्बन के प्रति रूझान बढेगा।’’ यह विचार जिला कलक्टर आरती डोगरा ने डण्डकला में कशीदाकारी कार्यक्रम से जुड़ी महिलाओं से बातचीत के दौरान व्यक्त किये।
डोगरा ने गांव में उरमूल सीमान्त समिति, बज्जू द्वारा संचालित किये जा रहे कार्यों का अवलोकन किया और संस्था के प्रयासों की सराहना की। गत् 22 से कशीदाकारी कार्य के माध्यम से उरमूल सीमान्त से जुड़ी पारूबाई ने जिला कलक्टर से बातचीत के दौरान गांव की स्वास्थ्य, शिक्षा, विशेष रूप से बालिका शिक्षा आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जब पारूबाई ने बताया कि प्रतिमाह महिलाएं 3 से 4 हजार
रूपये आय सृजित कर लेती है तो कलक्टर बहुत खुश हुई और उन्होंने और अधिक आमदनी प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया। पारूबाई ने बताया कि उन्होंने राज्य व देश में संस्था द्वारा आयोजित कशीदाकारी उत्पाद की प्रदर्शनियों में भाग लिया है। कलक्टर ने स्वयं सहायता समूहों, किशोरी प्रेरणा मंचों व अन्य मुद्दों पर विस्तार से बात की। महिलाओं ने गांव में शौचालय की समस्या के बारे में बताया तो कलक्टर ने आश्वस्त किया कि अगले माह ही सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को गांव में भेजकर इस समस्या का समाधान करवाया जायेगा।
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