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Monday, March 25, 2013

121 तरह के दही बड़े



बीकानेर बीकानेर के युवा अग्रवाल श्री धर्मेन्द्र अग्रवाल ने बीकानेर का नाम रोशन करते हुए कुछ महिनों पूर्व 121 तरह के गोलगप्पे बनाकर अपना नाम लिम्बा बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड में दर्ज करवाया। इसी जजबे के चलते इस बार वे पुन: 121 तरह के दही बड़ेे बनाकर अपने नाम को लिम्का बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड में दर्ज करवाने की दावेदारी आज पेश करेंगे। इनका सपना है कि एक दिन ये अपना नाम गिनिज बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड में दर्ज करवायें और केवल बीकानेर ही नहीं अपितु सम्पूर्ण राजस्थान का नाम अपने समाज को विश्वस्तरीय नयी पहचान दिलवायें। बीकानेर युवा ईकाई द्वारा इनके जजबे को देखते हुए
इनके प्रयासों को अंजाम तक पहुंचाया है और भविष्य में भी यह जजबा कायम रहे इसके लिए अग्रवाल युवा ईकाई सदैव धर्मेन्द्र अग्रवाल के साथ रहेगी। आज धर्मेन्द्र अग्रवाल ने अपनी मेहनत और लगन से 121 तरह के अलग - अलग फ्लेवर  के बेहतरीन दहीबड़ों को बनाकर अपनी अद्भूत क्षमता प्रस्तुत की है।
मुख्य अतिथि के रूप में बीकानेर रेल्वे डीआरएम श्रीमती मंजू गुप्ता   एन.के. गुप्ता कार्यक्रम में शामिल हुवे। एक साधारण परिवार में जन्में श्री धर्मेन्द्र ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी कि मौहताज नहीं होती है। श्री धर्मेन्द्र ने अपने अथक प्रयास मेहनत से लगातार कार्य करते हुए इस कार्य को अंजाम दिया है। अब श्री धर्मेन्द्र का अगला निशाना गिनिज बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड की तरफ है।  इस कार्य में सहयोग के रूप में अग्रवाल युवा ईकाई के हनुमान अग्रवाल, अशोक गोयल, दिपेश अग्रवाल, श्याम अग्रवाल, माखणलाल अग्रवाल, बुलाकी अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, आलौक अग्रवाल, कैलाश अग्रवालश्रीमती रेखा अग्रवाल ने अपनी भूमिका निभाई तथा श्री धर्मेन्द्र अग्रवाल के कार्य की सराहना की। इसी उपलक्ष्य में अग्रसेन भवन में फाग महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें 50 किलो गुलाब के फूलों एंव चंदन, केसर, गुलाबजल तिलक से होली खेली गई पानी से होली नहीं खेलकर केवल तिलक होली खेलने का संकल्प लिया गया। साथ ही समाज के व्यक्तियों द्वारा स्वरूचि भोज 121 तरह के दहीबड़ों का आनन्द लिया गया। फाग उत्सव के दौरान सभी आगन्तुकों द्वारा चंग, ढ़प का आनन्द उठाया गया तथा नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा कृष्ण राधा के रूप में नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर फूलों से होली खेली गई।

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