बीकानेर
गंगाशहर स्थित माहेश्वरी पंचायत की भूमि पर चार दीवारी कर ताला लगाने का विवाद एक बारगी निबट गया है। जिला कलेक्टर की मध्यस्थता के बाद धरने पर बैठे एक पक्ष के लोगों ने अनशन समाप्त कर दिया। गणगौर तक पंचायत के दरवाजे को खुला रखने पर सहमति हुई है।
जिला कलेक्टर आरती डोगरा के निर्देश पर एडीएम केएम दूडिय़ा, एएसपी दोनों पक्षों के साथ मौके पर पहुंचे और ताला खोलकर चाबी सुमेरमल दफ्तरी को सौंप दी।
इससे पूर्व चार घंटे तक दोनों पक्ष और प्रशासन के बीच वार्ताओं के दौर चले। माहेश्वरी समाज की तरफ से बजरंगलाल सारड़ा, सुमेरमल दफ्तरी और आंदोलनकारियों की ओर से शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत, भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य गोपाल गहलोत, मोहन सुराना, गुलाब गहलोत, सलीम भाटी, टिंकू भाटी मौजूद थे। पहले कलेक्टर सभा कक्ष में वार्ता हुई। जिला कलेक्टर, एडीएम ए, एसपी राकेश सक्सेना, एएसपी की मध्यस्थता में भूमि विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच गरमा गरम बहस भी हुई। जिला कलेक्टर ने कहा कि होली का त्योहार है। इस अवसर पर आपसी भाई चारे और सौहार्द पूर्ण वातारण बनाकर रखना चाहिए। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
अंतिम फैसला कोर्ट ही करेगी। इस दौरान माहेश्वरी समाज के लोगों ने सुबह-शाम को ही भूमि का ताला खोलने की बात कही लेकिन दूसरे पक्ष के लोग नहीं माने। यह बात धरने पर बैठे अनशनकारियों तक भी पहुंचाई गई तो उन्होंने भी सहमति नहीं दी। दोनों पक्षों के लोग धरना स्थल पर भी गए। अंत में गणगौर मेले तक ताला खोलने पर दोनों पक्ष सहमत हो गए। इस दौरान गेट की चाबी तीसरे व्यक्ति सौंपने की बात कही गई। दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने वापस कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलेक्टर को निर्णय की जानकारी दे दी। उसके बाद अनशन पर बैठे बंशीलाल तंवर, आदूराम भाटी और किस्मत अली को \'यूस पिलाकर अनशन तुड़वा या गया। होली के त्योहार को देखते हुए मोहन सुराना ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियमित पुलिस गश्त की मांग एसपी से की है।
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