बीकानेर 10 मार्च। भारतीय रक्षा अनुसंधान परिषद के पूर्व निदेशक डॉ हनुमान प्रसाद व्यास ने कहा कि बच्चे सुनकर नहीं बल्कि देखकर अधिक सीखते हैं। अभिभावकों को चाहिए वे संयमित दिनचर्या अपनाकर बच्चों के सामने आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें।
डॉ व्यास रविवार को रंगीला फाउण्डेशन के तत्वावधान् में शुरू हुए ‘स्वनिर्माण राष्ट्र नवनिर्माण’ अभियान के तहत अजित फाउण्डेशन सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छोटी उम्र में बच्चों में अच्छी आदतें डालनी जरूरी हैं। उनके संस्कार निर्माण पर अधिक ध्यान देना चाहिए। बच्चों के सामने नकारात्मक प्रभाव छोड़ने वाली बातें न हों।
उनमें समानता का भाव पैदा करना भी आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में जिम्मेदारी की भावना जागृत करने के लिए उनके लिए प्रतिदिन करने लायक कार्य का निर्धारण करना चाहिए। अनजाने में उनके द्वारा हुई भूल दोबारा न हो, इसके लिए उन्हें प्रेम से समझाना चाहिए।
उनमें समानता का भाव पैदा करना भी आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में जिम्मेदारी की भावना जागृत करने के लिए उनके लिए प्रतिदिन करने लायक कार्य का निर्धारण करना चाहिए। अनजाने में उनके द्वारा हुई भूल दोबारा न हो, इसके लिए उन्हें प्रेम से समझाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बच्चों में संस्कार निर्माण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। परिवार के वैचारिक मतभेद बच्चों के सामने उजागर न हों तथा उन्हें पूर्ण सकारात्मक माहौल मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। बच्चों को सिर्फ स्कूली शिक्षा के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें खेलने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। डॉ व्यास ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में पोषक तत्त्वों की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण होती है। पोषक तत्वों की कमी धन की बजाय जानकारी के अभाव में होती है। इस कारण प्रत्येक अभिभावक को सभी आवश्यक पोषक तत्त्व प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों की जानकारी होनी चाहिए। शरीर मे पोषक तत्त्वों की कमी से बच्चों में चिड़चिड़ाहट, याददाश्त की कमी थकावट नींद न आना मुंह में छाले होना जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
कार्यक्रम संयोजक मधु सूदन व्यास ने बताया कि संस्था द्वारा अभिभावकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत प्रत्येक माह के दूसरे और चौथे रविवार को अभिभावकों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। इसमें उनके साथ आने वाली व्यावहारिक समस्याओं तथा उनकी जिज्ञासाओं के समाधान पर चिंतन किया जाएगा। रंगीला फाउण्डेशन के अध्यक्ष बसंत आचार्य ने कहा कि बच्चों को स्कूली शिक्षा के अलावा व्यावहारिक ज्ञान तथा संस्कारों की सीख दी जानी आवश्यक है। इसके लिए शहरी क्षेत्र के अभिभावकों को सकारात्मक सोच के साथ अभियान में सहयोग करना होगा। कार्यक्रम का संचालन हरि शंकर आचार्य ने किया। जुगल किशोर व्यास ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर संजय श्रीमाली राहुल कुमार रंगा खुशाल चंद आचार्य राधा किसन किराड़ू मुकुंद नारायण हर्ष श्रीराम बिस्सा विक्रांत आचार्य राज कुमार जोशी गिरिराज पुरोहित वीरेन्द्र आचार्य मूल चंद जोशी सहित अन्य अभिभावक मौजूद थे।
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