योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए संवेदनशीलता से कार्य करें : मेघवाल
बीकानेर,
04 मार्च। राजस्थान अनुसूचित जाति
आयोग के अध्यक्ष
गोपाराम मेघवाल ने कहा
है कि अनुसूचित
जाति पर अत्याचारं,
शोषण को रोकने
उनको राज्य सरकार
की योजनाओं का
लाभ दिलाने के
लिए जन प्रतिनिधि
व प्रशासनिक अधिकारी
संवेदनशीलता से कार्य
करें। सरकार की
मंशा के अनुसार
अनुसूचित जाति के
लोगों के हितों
की रक्षा करें
तथा उन्हें शिक्षित
व स्वावलम्बी बनाने
में सहभागी बने।
मेघवाल सोमवार को
कलक्टेªट सभाकक्ष
में जिला
स्तरीय समीक्षा बैठक में
बोल रहे थे।
बैठक में संसदीय
सचिव कन्हैयालाल झंवर,
बीकानेर पंचायत समिति के
प्रधान भोमराज आर्य सहित
विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा
लिया।
राजस्थान अनुसूचित जाति
आयोग
के अध्यक्ष
ने कहा कि
अधिकारी बैठक में
संख्यात्मक आंकड़ों की बजाए
लाभान्वितों के बारे
में जानकारी लाए
जिससे जन प्रतिनिधियों
व आम लोगों
को अनुसूचित जाति
के लोगों को
मिले लाभ से
अवगत करवाया जा
सके। उन्होंने कहा
कि संवेदनशीलता, सकारात्मक
सोच के साथ
सरकार की ओर
से अनुसूचित जाति
के लोगों के
कल्याणार्थ चलाई जा
रही कल्याणकारी योजनाओं
का पात्रा लोगों
को लाभ दिलवाएं।
अनुसूचित जाति के
उत्पीड़न, शारीरिक, आर्थिक व
मानसिक शोषण, पी.सी.आर.एक्ट,
3 एस.सी., एस.टी. एक्ट,
कृषि व रिहायशी
भूमि पर अतिक्रमण
सहित विभिन्न प्रकरणों
में पुलिस
के उच्चाधिकारी जांच
कर पीड़ित को
राहत दिलवावें। किसी
मामले में एफ.आर. लगती
है तो उसके
कारणों की भी
समीक्षा कर उसको
न्याय दिलवावें।
राजस्थान अनुसूचित जाति
आयोग के अध्यक्ष
ने कहा कि
बादनूं में अनुसूचित
जाति के छात्रावास
में विद्यार्थियों की
संख्या कम होने
पर जहां आवश्यकता
हो उसे स्थानान्तरित
किया जाए। अनुसूचित
जाति के विद्यार्थियों
को मिलने वाली
छात्रावृत्ति व अन्य
योजनाओं का लाभ
दिलवाने में तत्परता
बरते । जिन
विद्यार्थियों के बैंक
में खाते नहीं
खुलवाए गए है
उनके खाते खुलवावें
। छात्रावृति स्वीकृत
होने के बाद
क्षेत्रा के जनप्रतिनिधि
को भी लाभान्वित
विद्यार्थियों की सूची
सुलभ करवावें। उन्होंने
कृषि व घरेलू
विद्युत कनेक्शनों में अनुसूचित
जाति के लोगों
को प्राथमिकता देने
के निर्देश विद्युत
निगम के अधिकारियों
को दिए।
संसदीय सचिव कन्हैयालाल
झंवर ने कहा
कि अनुसूचित जाति
के बी.पी.एल. परिवारों
की कन्याओं के
विवाह के समय
राज्य सरकार द्वारा
कन्यादान की ’’सहयोग’’
योजना के तहत अब बी.पी.एल.
परिवार के सभी
वर्गों की 18 वर्ष या
इनसे अधिक आयु
की कन्याओं के
विवाह पर दस
हजार रुपए की
सहायता राशि देय
है। इसके अतिरिक्त
योजना के तहत
दसवीं उत्तीर्ण
कन्याओं के विवाह
पर 5 हजार रुपए
अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि (कुल
15 हजार ) रुपए एवं
स्नातक उतीर्ण कन्याओं के
विवाह पर दस
हजार रुपए की
अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि (20 हजार
रुपए देय) है। सहयोग
योजना व अनुसूचित
जाति की विधवाओं
की कन्याओं के
विवाह में विलम्ब
से सहयोग राशि
मिलती है अतः
सहयोग राशि को
विवाह के समय
सुलभ करवाना चाहिए।
अनुसूचित जाति के
लोगों को कृषि
कनेक्शन प्राथमिकता से दिलवाने
के लिए राजस्थान
अनुसूचित जाति आयोग
के अध्यक्ष के
साथ सरकार स्तर
पर बातचीत करेंगे।
उन्होंने कहा कि
शारीरिक शोषण की
शिकार महिला के
बयान के दौरान
महिला पुलिस कर्मी
या उसके परिवार
की महिला सदस्य
की उपस्थित होनी
चाहिए।
बीकानेर पंचायत समिति
के प्रधान भोमराज
आर्य ने कहा
कि अनुसूचित जाति
के कल्याणार्थ अधिकारी
सकारात्मक सोच के
साथ कार्य
करें तथा पात्रा
व्यक्तियों को विभिन्न
योजनाओं का लाभ
दिलवावें। सरकार ने अनेक
जन कल्याणकारी योजनाएं
लागू की है
इनका सीधा लाभ
सभी वर्ग व
तबके के लोगों
को मिल रहा
है। अनुसूचित
जाति जन जाति
अत्याचार निवारण समिति के
सदस्य चन्द्र शेखर
चांवरिया, हजारी देवड़ा ने
जिले की एक
पीड़िता को पूर्ण
राशि दिलवाने की
मांग की ।
अतिरिक्त जिला कलक्टर
के.एम.दूड़िया
ने बताया कि
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
विभाग के माध्यम
से 100 लोगों को 30 जुलाई 2012 से 26 जनवरी
13 तक 2 लाख
72 हजार रुपए की
सहायता प्रदान की गई।
इनमें 62 पुरुष व 38 महिलाएं
शामिल है। वर्ष
2012-13 में 17 छात्रा-छात्राओं के
संधारण पर 117.86 लाख, स्वच्छकार
छात्रावासों के संधारण
के लिए 13.68 लाख
रुपए व्यय किए
गए। अनुप्रति योजना
में 168 छात्रों की 37.29 लाख
की स्वीकृति व
उतर मैट्रिक योजना
में 56 छात्रों की 17.04 की
स्वीकृति जारी की
गई।
अतिरिक्त पुलिस पुलिस
अधीक्षक शहर राजेन्द्र
कुमार ने बताया
कि वर्ष 2012 में
अनुसूचित जाति के
250 मामले दर्ज हुए
जिसमें 95 के चालान
हुआ तथा 146 में
एफ.आर.लगाई
गई, 9 प्रकरण विचाराधीन
है। वहीं वर्ष
2013 में 41 दर्ज किए
गए जिसमें 4 में
चलान किए गए
17 में एफ.आर.लगाई गई
और 20 प्रकरण पेंडिंग
है। बैठक
नगर विकास न्यास
के सचिव अरुण
शर्मा ने बताया
कि प्रशासन शहरों
के संग अभियान
के दौरान करीब
4 हजार पट्टे जारी किए
गए, इनमें अनेक
अनुसूचित जाति के
लोगों को एक
रुपए में पट्टा
दिया गया।
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