भाजपा अध्यक्ष वसुंधरा राजे ने सोमवार को घोषित अपनी नई टीम में सबसे ज्यादा तवज्जो जयपुर क्षेत्र में रहने वाले नेताओं को दी है। उन्होंने संघ खेमे को रिझाने की भी पूरी कोशिश की है। संघ में मुखर विरोधियों से दूरी बनाने के साथ-साथ उन्होंने अपने ऐसे पुराने सहयोगियों से भी दूरी दिखाई है, जो संकट में उनके साथ एकजुट नहीं दिखे। पार्टी में माना जा रहा है कि 26 पदाधिकारियों और 6 मोर्चा अध्यक्षों की नई टीम में कई क्षेत्रों को जगह नहीं मिल पाई है। इस लिहाज से जयपुर क्षेत्र के सबसे ज्यादा 14 नेता टीम में आने
में सफल रहे हैं। बीकानेर, सीकर, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर, जालौर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, भीलवाड़ा आदि जिलों के नेताओं को अभी प्रतिनिधित्व की तलाश है। पदाधिकारियों में सुभाष महरिया, रामसिंह कस्वां, डॉ. रामप्रताप, नारायणराम बेड़ा जैसे नेताओं के नाम नहीं हैं तो देवीसिंह भाटी, नरपतसिंह राजवी, राजपाल सिंह शेखावत, बाबूसिंह राठौड़, मानवेंद्रसिंह जैसे चेहरे भी शामिल नहीं हैं। ओम बिड़ला, प्रभुलाल सैनी, कैलाश मेघवाल, महावीर जैन आदि भी पदाधिकारियों में शामिल नहीं हो सके हैं। वसुंधरा राजे की नई टीम में अजमेर से पांच, उदयपुर और कोटा से चार-चार और भरतपुर संभाग से तीन पदाधिकारी हैं। वसुंधरा राजे कार्यकारिणी में सोशल इंजीनियरिंग के पहलू पर ज्यादा फोकस नहीं है। पार्टी में माना जा रहा है कि इस टीम में माली, यादव, सिख, रेबारी, सीरवी, राजपुरोहित आदि समाजों को प्रतिनिधित्व मिलता तो यह टीम ज्यादा संतुलित होती। इस टीम को डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का विकल्प अभी तक नहीं मिल पाया है। उनके विकल्प के तौर पर आए नाम ऐसे हैं, जो वोट बटोरने वाले नहीं हैं। वसुंधरा की टीम में जातिगत हिसाब से देखने पर सबसे ज्यादा छह पद ब्राह्मणों को मिले हैं। इसमें वसुंधरा राजे के विरोधी घनश्याम तिवाड़ी की काट के तौर पर रामचरण बोहरा को महामंत्री बनाया है। बोहरा को तिवाड़ी का राजनीतिक विरोधी नेता समझा जाता है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को नई टीम में उपाध्यक्ष बनाकर संकेत दिया कि साथ चलने वालों को ही आगे बढ़ाया जाएगा। नई टीम में पूर्व मंत्री नरेंद्र कंवर और उपाध्यक्ष कीर्ति कुमारी को ड्रॉप किया गया।
जातिगत हिसाब से यह स्थिति
ब्राह्मण : अरुण चतुर्वेदी, रामचरण बोहरा, ज्योति किरण, कैलाश भट्ट, सुमन शर्मा, सुमन शृंगी।
राजपूत : राव राजेंद्र सिंह, भवानी सिंह राजावत, भगवती झाला, डॉ. बीरू सिंह राठौड़।
अनुसूचित जाति : अर्जुन मेघवाल, लक्ष्मीनारायण बैरवा, अनिता भदेल, सतीश चंदेल, चंद्रकांता मेघवाल।
अनुसूचित जनजाति : जसकौर मीणा, नंदलाल मीणा, अर्जुन मीणा, जितेंद्र मीणा।
जाट-विश्नोई : डॉ. दिगंबर सिंह, सतीश पूनियां, सांवर लाल जाट, पब्बाराम विश्नोई।
ओबीसी : नर्मल कुमावत, ओंकार सिंह लखावत, अनिता गुर्जर, हरिसिंह रावत।
वैश्य : कालीचरण सराफ, सुनील कोठारी।
मुस्लिम : युनूस खान, अमीन पठान।
खजाने की जिम्मेदारी परनामी को
अशोक परनामी को पूर्व महामंत्री संगठन प्रकाशचंद्र का काफी नजदीकी माना जाता है, लेकिन वसुंधरा राजे ने उन्हें कोषाध्यक्ष बनाया है। उन्हें राजे की यात्रा में भी अहम भूमिका मिलने जा रही है। यह पद अरुण चतुर्वेदी की टीम में शुरू से आखिर तक खाली रहा था।
इन्हें बनाया पदाधिकारी
जयपुर : अरुण चतुर्वेदी, राव राजेंद्र सिंह, कालीचरण सराफ, सतीश पूनियां, रामचरण बोहरा, लक्ष्मीनारायण बैरवा, सुनील कोठारी, जितेंद्र मीणा, अशोक परनामी, डॉ. वीरू सिंह राठौड़, ज्योति किरण, सुमन शर्मा, कैलाश भट्ट, निर्मल कुमावत।
अजमेर : ओंकार सिंह लखावत, युनूस खान (नागौर), अनिता भदेल, सांवर लाल जाट, सतीश चंदेल (टोंक)।
कोटा : सुमन शृंगी, चंद्रकांता, भवानी सिंह राजावत,अमीन पठान।
उदयपुर : नंदलाल मीणा, भगवती झाला, हरिसिंह रावत, अर्जुन मीणा।
भरतपुर : डॉ. दिगंबर सिंह, जसकौर मीणा (सवाईमाधोपुर), अनिता गुर्जर।
जोधपुर : पब्बाराम विश्नोई।
बीकानेर : अर्जुन राम मेघवाल।
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