नई राजनीतिक ताकत का ऐलान, संगमा है राष्ट्रीय अध्यक्ष
जयपुर। राजस्थान में राष्ट्रीय जनता पार्टी नाम से एक नई राजनीतिक ताकत का ऐलान हो गया है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा की अगुवाई में राष्ट्रीय स्तर पर बनी इस पार्टी का राजस्थान में भी गठन हो गया। यह पार्टी प्रदेश प्रमुख आदिवासी नेता निर्दलिय सांसद डॉ.किरोडी लाल मीणा की अगुवाई में बनाई गई है।
पार्टी का चुनाव चिन्ह किताब है और प्रदेश की सभी दो सौ विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वैसे तो पार्टी का रजिस्ट्रेशन राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के रूप में पहले से है, लेकिन फिलहाल तो राजस्थान पर ही ध्यान केंद्रीत रहेगा। डॉ.मीणा कई सालों तक भाजपा में रहे और वसुंधरा राजे सरकार में में मंत्री भी रहे। इस पार्टी में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री बूटा सिंह
, प्रमुख गुर्जर नेता कर्नल किरोडी सिंह बैंसला और भरतपुर के पूर्व महाराजा विश्वेन्द्र सिंह,पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह के पुत्र जगत सिंह सहित कई नेता आगामी दिनों में शामिल होंगे। पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो के साथ गठबंधन करेगी। इस बारे में मीणा की इनेलो नेताओं के साथ चर्चा चल रही है। अगले माह जयपुर में प्रदेश स्तरीय रैली आयोजित होगी जिसमें ये सभी नेता पार्टी में शामिल होने की घोषणा करेंगे। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए.संगमा इस रैली को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस एवं भाजपा के उपेक्षित नेताओं को नई पार्टी से जोड़ने को लेकर मीणा लम्बे समय से सक्रिय है। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों के नेता नई पार्टी में शामिल हो सकते है। प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र उदयपुर के गोगुन्दा में जनसभा को संबोधित करते हुए मीणा ने नई पार्टी के गठन की घोषणा करते हुए कहा कि दोनों बड़ी पार्टियां कांग्रेस एवं भाजपा से आम आदमी परेशान हो चुका है। पहले भाजपा शासन में और फिर अब कांग्रेस सरकार के समय में भ्रष्टाचार हो रहा है। आम आदमी की जरूरतों का पूरा ध्यान नहीं रखा जा रहा। लोग अब दोनों ही दलों को वोट नहीं देना चाहते, इसलिए नई पार्टी बनाई गई है। रैली में निर्दलिय विधायक गोलमा देवी एवं हनुमान बेनीवाल मौजूद थे। गौरतलब है कि मीणा 40 साल तक भाजपा में रहे। संघ से जुड़े मीणा वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री रहे,लेकिन फिर मतभेद के चलते भाजपा छोड़ दी। पिछले विधानसभा चुनाव में मीणा के समर्थन से आधा दर्जन निर्दलिय विधायक चुने गए और वे खुद दौसा संसदीय सीट से निर्दलिय सांसद बने। प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मीणा का प्रदेश के करौली, सवाई माधोपुर,दौसा जिलों की एक दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रभाव है,इसके साथ ही विश्वेन्द्र सिंह का भरतपुर जिले की छह विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। प्रदेश के आदिवासी जिलों डूंगरपुर,बांसवाड़ा जिलों में वे पिछले लम्बे समय से मेहनत कर रहे है,इन जिलों की विधानसभा सीटों में भी उनका प्रभाव बढ़ रहा है। इसके साथ ही चौटाला की पार्टी से गठबंधन होने पर हरियाणा से सटी झुंझुनूं और अलवर जिलों की विधानसभा सीटों एवं जाट बाहुल्य क्षेत्रों में फायदा हो सकता है।
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