बीकानेर, 7
मार्च। अतिरिक्त
जिला कलक्टर नगर
हजारी लाल ने
कहा है कि
मेले, मगरिएं भारतीय
संस्कृति और आपसी
भाईचारे तथा एकता
के प्रतीक है।
मेलो-मगरियों को
गरिमा को बनाए
रखना, वक्त के
साथ इनमें आने
वाली बुराइयों को
दूर करना समाज
के प्रत्येक वर्ग
व तबके के
जागरूक लोगों का दायित्व
है। लोग अपने
दायित्वों का सही
निर्वहन करें तथा
मेलों की उतम
परम्परा को बरकार
रखने में सहभागी
बनें।
अतिरिक्त जिला कलक्टर
(नगर) गुरुवार को
कलक्टेªेट सभा
कक्ष में राजस्थान
राज्य मेला प्राधिकरण
द्वारा जिले में
होने वाले मुख्यमेलों
के चिन्हिकरण व
प्राधिकरण में पंजीयन
के संबंध में
आयोजित बैठक की
अध्यक्षता कर रहे
थे। बैठक में
विभिन्न धर्म, समुदाय के
मेलों से जुड़े
सेवा भावी कार्यकर्ताओं,
पदाधिकारियों तथा उप
खंड अधिकारियों सहित पशु
पालन, पर्यटन, देव
स्थान, सार्वजनिक निर्माण सहित
विभिन्न विभागों के अधिकारी
मौजूद थे।
उन्होंने
कहा कि जिले
में मंदिर, बोर्ड,
प्रन्यास, वक्फ बोर्ड,
देवस्थान सहित विभिन्न
विभाग तथा मेले
से जुड़े अधिकारियों को निर्देश
दिए कि वे
अपने-अपने क्षेत्रों
के मेलों का
राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण
में पंजीयन करवाने
के लिए प्रस्ताव
बनाकर प्रस्तुत करें
जिससे मेले की
गरिमा व उसमें
कानून व व्यवस्था,
सांस्कृतिक परम्परा को बरकरार
रखा जा सके।
हजारी लाल ने
कहा कि मेलों
का प्राधिकरण में
सूचीबद्ध हो जाने
पर आर्थिक सहायता
दी जाएगी व
आवश्यकता अनुसार सुरक्षा एवं
संरक्षा के माकूल
प्रबंध किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि मेले
में आदर्श सुरक्षा
व्यवस्था की जाएगी
वहां नियंत्राण कक्ष
के माध्यम से
मेला अधिकारी की
नियुक्ति की जाएगी।
साथ ही मेला
स्थन पर अग्नि
शमन यंत्रा, प्राथमिक
उपचार सामग्री, स्टेªक्चर, वाहन, एम्बूलेंस,
फायर बिग्रेड, क्रेन
आदि की सुविधा
उपलब्ध करवाई जाएगी। मेला
स्थल पर खाद्य
सामग्री की उचित
मूल्य पर पर्याप्त
मात्रा में उपलब्धता
सुनिश्चित की जाएगी
जिससे मेलार्थियों का
कोई शोषण
नहीं हो ।
मेला क्षेत्रा में
प्रत्येक महत्वपूर्ण स्थान पर
पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा-कर्मी तैनात किए
जाएंगे उनमें सादा वस्त्रों
में सुरक्षाकर्मी शामिल
होंगे। सुरक्षाकर्मी भीड़ में
छुपे हुए असामाजिक
तत्वों पर निगरानी
रखेंगे तथा प्रत्येक
महत्वपूर्ण स्थान पर सी.सी.टी.वी. कैमरे
लगाए जाएंगे जिससे
भीड़ पर नियंत्रसण
रहे तथा असामाजिक
ततवों पर निगरानी
रखी जाएगी।
मेलार्थियों की प्रवेश
व निकासी की
व्यवस्था
अतिरिक्त जिला कलक्टर
(नगर) सभी
अधिकारियों को निर्देश
दिए कि वे
अपने-अपने क्षेत्रा
में लगने वाले
मेलों में दर्शनार्थियों
के लिए प्रवेश
व निकासी के
द्वार अलग-अलग
बनाए तथा भीड़
को नियंत्रित करने
के लिए आवश्यकता
अनुसार बैरीकैड लगाएं जाए।
रोशनी, पानी आदि
की माकूल व्यवस्था
की जाए। उन्होंने
कहा कि धार्मिक
स्थल के मुख्य
स्थान पर श्रद्धालुओं
के साथ थैले,बैंग आदि
को लेकर प्रवेश
पर रोक लगाई
जाए। साथ ही
निसक्तजनों के लिए
अलग से प्रवेश
द्वार बनाया जाए।
जिले में
ये लगते हैं
मेले
हजारी लाल ने
बताया कि बीकानेर
जिले में मुख्य
रूप से मुकाम
में गुरु जम्भेश्वर
का मेला, कोलायत
में महर्षि कपिल
का मेला, गजनेर
में जेट्ठा भुट्टा
व करमीसर क्षेत्रा
में गेमना पीर
का मेला, सुजानदेसर
व लूणकरनसर में
बाबा रामदेवजी का,
बीकानेर नगर में
तीज, गणगौर, निर्जला
एकादशी व जन्माष्टमी
पर लक्ष्मीनाथ मंदिर
परिसर व मरुनायक
चौक में, नृसिंह
चतुर्दशी पर लखोटियों
का चौक, डागा
चौक, नत्थूसर गेट
के बाहर, बिन्नाणियों
के चौक में
रघुनाथसर मंदिर के पास,
कजरी तीज पर
दम्माणी चौक , सावन में
शिवबाड़ी में मेला,
नवरात्रा में देशनोक
व नागणेचीजी मंदिर
के पास,कतरियासर
में जसनाथजी का
मेला, पूनरसर में
हनुमानजी का मेला,
पर्यटन विभाग की ओर
से लाडेरा में
ऊंट का मेला,
गणगौरी तीज पर
जूनागढ़ के पास,
चौतीना, जस्सूसर गेट, सिटी
कोतवाली के सामने,
ढढ्ढों का चौक
आदि स्थानों पर
गणगौर का मेला
भरता है। उन्होंने
सभी अधिकारियों को
निर्देश दिए कि
वे अपने अपने
क्षेत्रा में लगने
वाले अतिरिक्त मेलों
की भी सूची
सुलभ करवावें।
कोलायत प्रधान ने
किया आवेदन
राजस्थान राज्य मेला
प्राधिकरण द्वारा जिले के
मेलों का पंजीयन
करने के लिए
जिला कलक्टर के
माध्यम से सभी
उप खंड अधिकारियों
व मेला समितियों
को पत्रा लिखा
गया था। बैठक
में कोलायत की
सरपंच ने कार्तिक
पूर्णिमा पर प्रत्येक
वर्ष लगने वाले
महर्षि कपिल के
मेले के पंजीयन
के लिए आवेदन
बैठक में प्रस्तुत
कर दिया।
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