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Monday, March 25, 2013

शहर में छाया होली का रंग




बीकानेर  'मेरा दावा है सारा जहर उतर जाएगा, दो दिन मेरे शहर में ठहरकर तो देखो..' मरहूम शायर अजीज आजाद का यह मनुहारभरा दावा होली की मस्ती देखकर पूरी तरह सटीक लग रहा है। समूचा शहर मस्ती में डूबा है। हजारों लोग शहर की सड़कों पर हैं। कहीं फागणिया फुटबाल का आनंद लिया जा रहा है तो कहीं गेर की टेर मिल रही है। रात-रातभर रम्मतों की रंगत जम रही है वहीं शहरभर में घूम रहे स्वांगों की हरकतें खिलखिलाने को मजबूर कर रही है। इन स्वांगों में हिंदू-मुसलमान, गरीब-अमीर जैसे प्रचलित भेद तो मिल ही नहीं सकते, पुरुष और महिलाओं में भेद तलाशना भी मुश्किल हो रहा है। महिलाओं के स्वांगधरे युवक इशारों से लोगों छका रहे हैं। इनका मजाक बने लोगों को देखकर राहगीर भी मुस्कुराए बगैर नहीं रहते। इसके बावजूद द्वेष इसलिए नहीं उपजता क्योंकि
मजाक करने वाले को दाद मिलती है 'जीतो रे..' और मजाक बनने वाले को सांत्वना दी जाती है 'होळी है..'


फागणिया फुटबाल देखने उमड़े हजारों दर्शक हंसते-हंसते हुए लोटपोट


मरुनायक चौक में हड़ाऊ मेहरी और आचार्यों के चौक में हुई अमरसिंह राठौड़ की रम्मत


हर्ष और व्यास जाति के बीच परंपरागत डोलची मार खेल रविवार को हर्षों की ढाल पर खेला गया। दोनों जाति के लोगों ने एक-दूसरे की पीठ पर पानी से प्यार भरा वार किया। पानी के इस वार को देखने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे। दोपहर 12:30 बजे शुरू हुए यह खेल दोपहर तीन बजे तक चला। इस दौरान एक-दूसरे पर व्यंग्य बाणों के साथ-साथ पानी के वार चलते रहे। खेल में हर्ष जाति की ओर से शंकरलाल हर्ष, माणकचंद हर्ष, हीरालाल हर्ष, सरल विशारद, सहित सैकड़ों युवक शामिल हुए। खेल की समाप्ति के बाद समाज के लोग अमरेश्वर महादेव की पूजा करने के लिए हर्षोलाव गए। यहां पूजा करने के बाद वे गेर के रूप में वापस शहर पहुंचे। वहीं दूसरी ओर व्यास जाति के लोग गेर के रूप में खेल में शामिल होने के लिए पहुंचे। इस गेर में नारायण दास व्यास, बल्लभ व्यास, मक्खनलाल व्यास, हरिनारायण व्यास 'मन्नासा' आदि शामिल हुए।



नागौर पर चढ़ा होते देख आक्रोशित राजा अमरसिंह की तलवार की चमक के सामने जहां रात का अंधियारा खत्म हो गया, वहीं मेहरी के शृंगार और प्रेम विरह की पीड़ा ने भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। ये दृश्य रविवार की रात शहर में नजर आए मौका था आचार्यों के चौक में मंचित वीर रस की रम्मत अमरसिंह राठौड़ और मरुनायक चौक में मंचित शृंगार रस पर आधारित हड़ाऊ मेहरी की रम्मत के मंचन का। होलाष्टक के दौरान खेली जाने वाले रम्मतों में शहर रमने लगा है। आचार्यों के चौक में रात 12 बजे बाद 'म्हारी राय भवानी जागे...' से माता की स्तुति के साथ शुरू हुई इस रम्मत में शादी के लिए छुट्टी लेकर नागौर के राजा अमरसिंह राठौड़ के समय पर नहीं पहुंचने पर उसकी मौत की घोषणा से आक्रोशित भतीजे ने काकी से हुकूम मांगा के अगर वे आदेश दे तो आगरा जीत लाऊं। काका-भतीजा, काकी और भतीजे के बीच हुए संवादों के ताने-बाने में गुंथी यह रम्मत सुबह आठ बजे तक चली। रम्मत के कलाकारों के संवादों की गूंज आसपास के मोहल्लों में भी सुनी गई। वहीं दूसरी ओर मरुनायक चौक में प्रेम रस पर आधारित हड़ाऊ मेहरी का मंचन किया गया। रम्मत में प्रेमी और प्रेमिका के विरह, मिलन के साथ-साथ जमाने की बात की गई। इससे पहले रविवार सुबह कीकाणी व्यासों के चौक में खेली गई जमना दास कल्ला की स्वांग मेहरी की रम्मत का मंचन किया गया। रम्मत की शुरुआत लटियाल माता के आगमन के साथ हुई। लटियाल कला केन्द्र के सचिव मदन गोपाल व्यास ने बताया कि रम्मत से पूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में दिल्ली, श्रीगंगानगर, बीकानेर, कोलकाता आदि ने प्रस्तुतियां दीं।




वसुंधरा और गहलोत गलबहियां डाल घूमे। मनमोहनसिंह बिपाशा संग झूमे। कैटरीना सलमान का साथ छोड़ डाकू पानसिंह से जा मिले। मुस्लिम फकीर, नागा साधू, साईं बाबा संग खेले। ये और ऐसे कई दृश्यों की बात सुनना ही आश्चर्य में डाल सकता है लेकिन रविवार को बीकानेर में हजारों लोगों की मौजूदगी में ऐसे दृश्य दिखे। यह अलग बात है कि ये सब स्वांग बने होली के रसियों ने किया और मौका था मस्ती से सराबोर फागणिया फुटबाल का। पुष्करणा स्टेडियम में हुए इस फुटबाल मैच का हर खिलाड़ी किसी किसी का स्वांग धरे था। बृजुभा व्यास स्मृति इस मैच में नेता, अभिनेता, अभिनेत्रियां, देव, देवियां, दानव,पुलिस, फौजी, डाकू, भूत आदि शामिल थे। मस्ती से सराबोर फुटबाल मैच शुरू हुआ तो लोग एक-एक दृश्य देखकर हंसते-हंसते पेट पकडऩे लगे। मसलन, कैटरीना कैफ के सामने सलमान आए। कैटरीना ने आंखों के तीर छोड़। दबंग उधर उलझे तो वह पैरों से धकेल बॉल आगे ले गई और डाकू पान सिंह को पास दे दी। कभी गहलोत वसुंधरा आमने-सामने हुए तो एकबारगी लगा जबरदस्त द्वंद्व होगा लेकिन अगले ही क्षण नजारा अलग दिखा। वे बॉल और गोल की चिंता छोड़ हाथ थामकर बतियाने लगे। भगवान कृष्ण, महादेव के बीच नोकझोंक हो गई वहीं फकीर और नागा साधु की भिडं़त दोस्ती में बदल गई। महिला वेश में मैदान में घूम रहे पात्र पुरुषों पर भारी पड़ते दिखे।इसका श्रेय खेल प्रतिभा के साथ उनकी अदाओं को भी जा रहा था। कालीमाता, रावण, यमराज, भगतसिंह, माइक जैक्सन, दीपिका पादुकोण, मल्लिका शेरावत सब खेल में अपने-अपने जौहर दिखाते जा रहे थे। कौन जीता-कौन हारा दावे से कहना मुश्किल था लेकिन आयोजकों ने सदाशयता दिखाते हुए महिलाओं को विजेता घोषित किया और पुरुषों ने भी इसका प्रतिकार किया। आयोजन में बतौर अतिथि मौजूद रहे वित्त आयोग अध्यक्ष डा.बी.डी.कल्ला, कार्डियोलॉजिस्ट डा.पिंटू नाहटा, बैंक अधिकारी आर.के.मोदी, कर्मचारी नेता महेश व्यास आदि ने स्वस्थ मनोरंजन से भरपूर होली के इस आयोजन को सराहा। आयोजन सचिव सीताराम कच्छावा, श्रीरतन तंबोली, भरत पुरोहित, शिवशंकर बोहरा, शैलेष आचार्य आदि संचालन में सहयोगी रहे।

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