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Friday, March 29, 2013

इतिहास को सचित्र जीवित रखने के लिए फोटोग्राफी से अच्छा साधन कोई नहीं : कल्ला



बीकानेर, 29 मार्च। राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ बी.डी. कल्ला ने कहा कि आने वाली पीढी के लिए इतिहास को सचित्रा जीवित रखने के लिए फोटोग्राफी से अच्छा साधन कोई नहीं है। छायाचित्रा उस वक्त की सामाजिक राजनैतिक, सांस्कृतिक धार्मिक सोच का भी प्रतिबिम्ब होता है।
            डॉ. कल्ला शुक्रवार को सुदर्शना कला दीर्घा में जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग, बीकानेर जिला उद्योग संघ  .पी. थ्री आई  के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान दिवस के तहत आयोजित बीकानेर के छायाकारांे के चित्रांे की प्रदर्शनी  “सुरंगो राजस्थानके उद्घाटन अवसर पर आयोजित समारोह मंे मुख्य
अतिथि के रूप में बोल रहे थे। प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ. कल्ला सहित महापौर भवानीशंकर शर्मा, नगर विकास न्यास के अध्यक्ष मकसूद अहमद, राजस्थान वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. . के. गहलोत, जिला कलक्टर आरती डोगरा, वरिष्ठ साहित्यकार राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर केे विशिष्ट साहित्यकार  सम्मान से सम्मानित डॉ. मदन केवलिया, अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन के. एम. दूडिया अलका डॉली पाठक ने किया। प्रदर्शनी में 12 छायाकारों के राजस्थान के विकास, वन्यजीवन, ग्रामीण जन जीवन, ऊंट उत्सव, रेगिस्तान, हवेलियों, ऐतिहासिक स्थलों केे 120 छायाचित्रा प्रदर्शित किये गये हैं।
            डॉ. कल्ला ने कहा कि राजस्थान के वन्यजीवन, प्रकृति जीवनशैली को प्रदर्शित करते उत्कृष्ट छायाचित्रों पर पर्यटन विभाग की ओर से पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। बीकानेर के छायाकारांे ने राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर की एक विशिष्ट पहचान बनाई है। प्रदर्शित छायाचित्रा राज्य में हो रहे विकास की जीवन्त तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। महापौर भवानीशंकर शर्मा ने कहा कि राजस्थान दिवस पर ऐसा शानदार आयोजन सराहनीय है। इन छायाचित्रों में राजस्थान के गौरव की झांकी प्रस्तुत की गई है। राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे जनहित के विविध कार्यो की झलक इन छायाचित्रों में दृष्टिगत हो रही है। ऐसे आयोजनों में आम जन की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। नगर विकास न्यास के अध्यक्ष मकसूद अहमद ने कहा कि इस फोटो प्रदर्शनी से बीकानेर में हो रहे विविध विकास कार्यो तथा ऐतिहासिक स्थलों के सजीव चित्रों से पर्यटन को बढावा मिलेगा।  उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य में सात दिन के कार्यक्रमों से  किशोर बालक -बालिकाओं युवाओं को राजस्थान के अतीत वर्तमान से रूबरू होने का एक अच्छा अवसर मिला है।
            राजस्थान वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. . के. गहलोत ने कहा कि छायाकार अपने कैमरे में ऐतिहासिक क्षणों को कैद कर लेते हैं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से बीकानेर के अनेक आयाम सामने लाये गये हैं, विशेषकर पशुधन सम्बंधित छायाचित्रा लाजवाब हैं। जिला कलक्टर आरती डोगरा ने कहा कि इस प्रदर्शनी के द्वारा बीकानेर के छायाकारों के छायाचित्रा एक ही स्थान पर देखने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। राज्य के पर्यटन स्थलों, हैरिटेज राज्य की समृद्ध संस्कृति को इन फोटोज् के द्वारा बेहतरीन ढ़ंग से प्रदर्शित किया गया है। रेगिस्तान के विविध रंग इन छायाचित्रांे में उकेरे गए हैं। डोगरा ने कहा कि प्रदर्शनी के अनेक छायाचित्रा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हैं। उन्हांेने छायाकारों को कहा कि वे इंटरनेट के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में अपने छायाचित्रों को प्रदर्शित करंे।
            वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मदन केवलिया ने कहा कि लौटकर आने वाले समय को सुरक्षित रखने की क्षमता ही फोटोग्राफी को विलक्षण महत्व प्रदान करती है। मानव जीवन के सुख -दुख के प्रसंगों को फोटोग्राफी द्वारा अमरत्व प्रदान किया जा सकता है। इन छायाचित्रांे मंेेजिन्दगी जिंदादिली का नाम हैकी उक्ति साफ झलक रही है। अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन के. एम. दूडिया ने कहा कि छायाकारांे ने अपने हुनर का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ऐसे आयोजनों से समाज को नई दिशा ऊर्जा मिलेगी। डी.पी.एस. विद्यालय की प्राचार्या अलका डॉली पाठक ने कहा कि युवा सकारात्मक सोच के साथ राष्ट्र का विकास करें। उन्होंने कहा कि बीकानेर की हवेलियों, भुजिया रसगुल्लांे की विश्व मंे अलग पहचान है। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक हनुमानमल आर्य ने राजस्थान दिवस के तहत आयोजित होने वाले विविध कार्यक्रमों की जानकारी दी। सहायक निदेशक जनसम्पर्क विकास हर्ष ने कार्यक्रम की महता बताई   कार्यक्रम संयोजक अजीज भुट्टा ने कहा कि  इस आयोजन से बीकानेर के फोटोग्राफरों को प्रोत्साहन मिलेगा। यह प्रदर्शनी 29मार्च से 31 मार्च तक दर्शकांे के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डी.पी. पचीसिया ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन रविन्द्र हर्ष ने किया। अतिथियों का माल्यार्पण स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में विठठ्ल बिस्सा, डॉ. आर. डी. मेहता, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा, उपध्यानचन्द्र कोचर सहित बडी संख्या में मीडियाकर्मी प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।
इनके छायाचित्रा हुए प्रदर्शित
            छायाचित्रा प्रदर्शनी में अजीज भुट्टा, बी.जी. बिस्सा, मनीष पारीक, दिनेश गुप्ता, राकेश शर्मा, ओम मिश्रा, एम. शाकिर, विनय जोशी, नौशाद, आलम हुसैन सिंधी, अंकित बिस्सा   गुलाम रसूल के 120 छायाचित्रा प्रदर्शित किए गये।
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