जयपुर, 7 मार्च।
विधानसभा पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने आ रहे वकीलों पर कल पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए वकीलों ने अपने तेवर और तीखे कर लिए हैं।किसी भी पुलिस अधिकारी को हाईकोर्ट सहित किसी भी कोर्ट में नहीं घुसने देने की चेतावनी को देखते हुए हालात बेहद भयावह नजर आ रहे हैं। उधर आज इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर सुबह बुलाई एक बैठक में मुख्य सचिव सी के मैथ्यू व अन्य आला अफसरों के साथ स्थिति की समीक्षा की।
साथ ही, प्रदेशभर में कई स्थानों से वकीलों के भारी विरोध-प्रदर्शनों की भी जानकारी मिली है। इसके साथ ही राजस्थान उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन भवन में आगे की व्यूहरचना में जुटे वकीलों ने कल की घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही कोर्ट में किसी भी पुलिस अधिकारी को नहीं घुसने देने की चेतावनी दी। आज हाईकोर्ट की जयपुर बैंच में पेशी पर राज्य के पुलिस महानिदेशक और जयपुर पुलिस कमिश्नर को तलब किए जाने के बाद इन अधिकारियों के यहां पहुंचने पर वकीलों की ओर से दी गई चेतावनी से स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। गुस्साए वकीलों ने आज सभी न्यायालयों में अपने कार्य का बहिष्कार कर विरोध जताया। राजस्थान हाईकोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री की भत्र्सना करते हुए कहा कि लाठी चलाने का आदेश उन्होने ही दिया था, कानूनन पुलिस पैर के नीचे की तरफ ही लाठी प्रहार कर सकती है लेकिन कल हुई घटना में वकीलों के सिर फोड़े गए, इससे यह स्पष्ट है कि पुलिस अधिकारी वकीलों की हत्या करने पर आमादा थे।
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