बीकानेर,
11 मार्च। जगद्गुरु पंचम पीठाधीश्वर
गोस्वामी वल्लभाचार्यजी महाराज (कामवन) के
सान्निध्य में श्री
राज रतन बिहारी
मंदिर के 161 वें
पाटोत्सव के तहत
आयोजित तीन दिवसीय
108 कुंडीय श्री विष्णु
महायज्ञ में सोमवार
को आरती के
बाद संपन्न हुआ।
जगद्गुरु पंचम पीठाधीश्वर
गोस्वामी वल्लभाचार्यजी महाराज (कामवन), यज्ञ
के प्रधान यज्ञाचार्य
राजेन्द्र किराडू व गुजरात
के जूनागढ़ के
पंडित मयूर उपाध्याय
के नेतृत्व में
आयोजित यज्ञ के
अंतिम दिन यज्ञ मंडप
की परिक्रमा देने
व वालों व
दर्शनार्थियों का सैलाब
उमड़ पड़ा, इनमें
कई विदेशी सैलानी
भी
शामिल थे।
मुख्य
अतिथि के रूप
में राजस्थान वित
आयोग के अध्यक्ष
डॉ.बुलाकी दास
कल्ला ने कहा
कि यज्ञ करने
से देव प्रसन्न
होते है, पर्यावरण
संतुलित रहता तथा
अच्छी वृष्टि और
चराचर जीव की
रक्षा होती है।
उन्होंने संस्कृत के एक
श्लोक ’’ यज्ञाद भवति पर्जन्यो
यज्ञकर्म समुद्भव’’ का उच्चारण
करते हुए कहा
कि निरन्तर यज्ञ
कर्म करने से
संस्कारों का सृृजन
होता है तथा
सनातनी प्रवृति में वृद्धि
होती है। वेद
विज्ञान है। वैदिक
मंत्रों से किया
गया यज्ञ नास्तिक
को आस्तिक बनाता
है। यज्ञ का
उद्धेश्य विश्व शांति व
जीव मात्रा का
कल्याण होना चाहिए।
उन्होंने जगद्गुरु पंचम
पीठाधीश्वर गोस्वामी वल्लभाचार्यजी महाराज
(कामवन) व उनकी
लीला सहधर्मिणी, विद्या
बहूजी व दोनों
पुत्रों पुत्रा देवकी नंद
बाबा व बिट्ठल
नाथ बाबा, यज्ञाचार्यों
व ब्राह्मणों अभिनंदन
किया तथा स्वयं मानवीयता,
परोपकार की भावना
प्रतिष्ठित करने तथा
सबकी सुख, समृद्धि के
लिए आहूतियां दी। जगद््गुरु उपाधि प्रदान
दिवस - जगद्गुरु पंचम पीठाधीश्वर
गोस्वामी वल्लभाचार्यजी महाराज का 41 वां
प्रागट्य दिन महोत्सव
13 मार्च बुधवार को मनाया
जाएगा। श्री राज
रतन बिहारी मंदिर
में सुबह साढ़े
ग्यारह बजे मार्कडेय
पूजा, शाम साढ़े
चार बजे केसर
स्नान का आयोजन
होगा। पाटोत्सव--हिन्दुस्तान में अपने
आप में अलग
पहचान रखने वाले
श्री रात रतन
बिहारी मंदिर का 161 वां
पाटोत्सव 14 मार्च 2013 गुरुवारक ो
मनाया जाएगा। इस
दिन सुबह साढ़े
ग्यारह बजे तिलक,
दोपहर बारह बजे
नंदोत्सव व शाम
सात बजे विवाह
खेल दर्शन का
आयोजन होगा। मंदिर
में 15 मार्च शुक्रवार को
छप्पन भोग का
प्रसाद चढ़ाया जाएगा। छप्पन
भोग की तैयारियों
के लिए डेढ़
दर्जन से अधिक
स्थानीय व कामवन
से आए हलवाई
कार्य कर रहे
हैं। पाटोत्सव पर
रतन बिहारी मंदिर
के साथ दाऊजी
मंदिर में रंग
बिरंगी रोशनी की गई
है। अनेक श्रद्धालु
गुजरात, कामवन व देश
के विभिन्न इलाकों
से आएं है।
No comments:
Post a Comment