रिफाइनरी से पहले किसानों पर बरसेगी लक्ष्मी, 634 किसानों को मिलेंगे 290 करोड़
जयपुर. बाड़मेर में रिफाइनरी लगने से पहले ही क्षेत्र के गांवों में खुशहाली आ जाएगी। रिफाइनरी के लिए जमीन अवाप्त करने के बदले मिलने वाली राशि से लीलाला, जांदुओं की ढाणी और सबरामणि गोदारों की ढाणी के कई किसान करोड़पति हो जाएंगे।
इन गांवों में 634 किसानों की 9,610 बीघा जमीन अवाप्त करने के लिए सरकार की ओर से तीन लाख रु. प्रति बीघा मुआवजा दिया जाना प्रस्तावित है। यह राशि बढ़ भी सकती है। ऐसे में इन किसानों को 290 करोड़ से अधिक की राशि मिलेगी।
जिसके पास जितनी जमीन है, उस हिसाब से किसान करोड़पति भी होंगे और कुछ लखपति भी। क्षेत्र में रहने वाले लाखा राम और गुमना राम चौधरी बताते हैं कि कुछ लोगों ने रिफाइनरी की महत्ता को देखते हुए इसी क्षेत्र में ही बड़े-बड़े मकान बनाने की योजना बनानी शुरू कर दी।
रिफाइनरी के लिए जमीन अवाप्ति की कार्रवाई फास्ट ट्रैक की तर्ज पर की जा रही है। धारा 4 के नोटिस के बाद धारा 6 का नोटिस जारी किया गया है। बाड़मेर के कलेक्टर भानु प्रकाश येटुरू बताते हैं कि इसके साथ ही इमरजेंसी अवाप्ति कार्रवाई के लिए धारा 17 जोड़ी गई है।
7.3 बिलियन बैरल हैं पेट्रोलियम के भंडार
बाड़मेर-सांचौर बेसिन में 7.3 बिलियन बैरल (757.44 मिलियन टन) पेट्रोलियम तेल के भंडार हैं। इसे देखते हुए यहां 9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता की रिफाइनरी लगाना प्रस्तावित है।
भंडारों को देखते हुए इस रिफाइनरी को अगले 40 साल तक कच्चे तेल की आपूर्ति की जा सकती है। वर्तमान में यहां 1.75 लाख बैरल का उत्पादन हो रहा है। उत्पादन को मंजूरशुदा 3 लाख बैरल प्रतिदिन करने की कार्रवाई जारी है।
रिफाइनरी की घोषणा कल संभव
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक मंगलवार को होगी। इसमें बाड़मेर जिले में पेट्रोलियम रिफाइनरी का मुद्दा तय होगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित राज्य के अधिकारी इसे लेकर आशान्वित हैं। पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव सुधांश पंत का कहना है कि बैठक में सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।
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