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Thursday, April 11, 2013

शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की साधना शुरू


मंदिरों में घटस्थापना, नवान्हपारायण के पाठ,विशेष झांकियां


जयपुर, 11 अप्रेल। या देवी सर्व भूतेषू शक्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्ये-नमस्तस्ये-नमस्तस्ये नमो नममहामंत्र के साथ आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को सवेरे घर-घर में घटस्थापना कर मां दुर्गा की आराधना की गई, मंदिरों में घट स्थापना के बाद श्रद्घालु दर्शनों के लिए उमड़ पड़े। मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्रीराम से भी जुड़े चैत्र नवरात्र में भगवान राम और हनुमान जी के मंदिरों में वाल्मीकि और तुलसीकृत रामायण के नवान्ह पारायण प्रारंभ हुए। नवरात्र, नवसंवत्सर और चेटीचंड के कारण आज छोटीकाशी पूरी तरह धार्मिक आयोजनों के रंग में रंगी है। आमेर स्थित शिलामाता के मंदिर में यह रंग ज्यादा ही खिल रहा है। यहां सवेरे से दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ है। सवेरे सवा छह बजे यहां घट स्थापना की गई। विशिष्ट पूजा, हवन के बाद पट खोले गए। पट खुलने से पूर्व ही मंदिर का चौक श्रद्घालुओं से खचाखच भर गया था।
मंदिर प्रबंधन और आमेर महल प्रबंधन ने दर्शनों के लिए पुख्ता व्यवस्था की है। आमेर महल अधीक्षक पकंज धरेन्द्र ने बताया कि प्रतिदिन दोपहर साढ़े बारह बजे तक दर्शन होंगे। शाम की पारी में शाम चार बजे से दर्शन होंगे। आमेर के ही मनसा माता मंदिर तथा गोविन्ददेवजी मंदिर ठिकाने के कनकघाटी स्थित मनसा माता मंदिर में भी घट स्थापना के साथ नवरात्र पूजन प्रारंभ हुआ। शिलामाता मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्घालुओं ने इन मंदिरों में भी दर्शन किए। दुर्गापुरा स्थित दुर्गामाता मंदिर में सवेरे सवा छह बजे घट स्थापना की गई। अखण्ड ज्योत प्रज्जवलित की गई। महंत महेन्द्र भट्टाचार्य ने बताया कि वासंतिक नवरात्र में प्रतिदिन मातारानी को नवीन पौशाक धारण करवाई जाएगी। अष्टमी को विशेष पूजन होगा। दुर्गा सप्तशती के पाठ भी प्रतिदिन होंगे। नवरात्र उत्थापन 21 अप्रेल को होगा। घाटगेट श्मशान के पास काली माता मंदिर में नवरात्र पर अनेक श्रद्घालुओं ने दर्शन किए। यहां दक्षिणमार्गी पद्वति से काली माता का पूजन हुआ। मंदिर की पूजा सहित अन्य कार्य महिला पुजारी ही देखती है। बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर स्थित भुवनेश्वरी साधना केन्द्र में मातारानी की पूजा कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई। ऋतु पुष्पों से श्रृंगार कर ज्योत ली गई। राजापार्क के पंचवटी सर्किल स्थित वैष्णोदेवी मंदिर में प्रतिदिन विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे। राममंदिरों में नवान्ह पारायण: चैत्र के वासंतिक नवारत्र में भगवान श्रीराम की भी विशेष आराधना की जाती है। खोले के हनुमान मंदिर, चांदपोल के रामचन्द्र जी मंदिर, घाट के बालाजी, गलताजी के सीताराम मंदिर, छोटी चौपड़ के सीताराम मंदिर, बंगाली बाबा गणेश मंदिर में नवरात्र के नौ दिन रामचरित मानस के नवान्ह पारायण होंगे। प्रतिदिन हवन होगा। खोले के हनुमानजी में वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस के नवान्ह पारायण शुरू हुए। श्यामनगर स्थित ओम विश्व गुरुदीप आश्रम में देवी भागवत ज्ञानयज्ञ होगी। महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानेश्वरपुरी के सान्निध्य में आज शाम पांच बजे से राजेन्द्र जोशी कथाश्रवण कराएंगे। कल शाम श्यामनगर के हरिहर मंदिर से मंगल कलश यात्रा निकाली गई। श्री राधेरानी प्रभातफेरी मंडल के तत्वावधान में पानीपेच के नेहरू नगर में 251 आसनों पर संगीतमय रामचरित मानस ने नवान्ह पारायण पाठ होंगे। आज शाम साढ़े छह बजे से रात्रि साढ़े नौ बजे तक पाठ होंगे। अखिल विश्व गायत्री परिवार की गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में पांच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ हुआ। श्रद्घालुओं ने विश्व कल्याणार्थ यज्ञदेवता को आहुतियां अर्पित की। प्रज्ञागीत प्रवचन भी हुए। आदर्शनगर स्थित श्रीराम मंदिर, टोंक रोड हरिमार्ग स्थित शिवकॉलोनी के राधादामोदर, राम-हनुमान मंदिर में भी रामायण पाठ शुरू हुए।

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