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Tuesday, April 9, 2013

प्रदर्शनकारियों और पुलिस, अघिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई


बीकानेर। सुजानदेसर-गंगाशहर सालमनाथ धोरे के पास नगर निगम की आवासीय योजना सालमनाथ नगर बसाने के कब्जों को हटाने के विरोध में चलाया जा रहा आंदोलन सोमवार को उग्र हो गया। आंदोलनकारियों ने दोपहर में नगर निगम कार्यालय में घुस गए और तोडफोड़ कर दी। इन्हें खदेड़ने के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस, अघिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच करीब दस मिनट तक  धक्का-मुक्की और हाथापाई भी हुई। निगम प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ तोड़फोड़ और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज कराया है। निगमकर्मियों ने मंगलवार को शहर में सफाई समेत अन्य कार्य का बहिष्कार करने की घोष्ाणा की है।


सालमनाथ नगर आवासीय योजना के तोड़े गए मकानों के मुआवजे, उपनगर गंगाशहर के पट्टे देने एवं गंगाशहर अस्पताल को सेटेलाइट अस्पताल का दर्जा देने की मांग को लेकर करीब सप्ताहभर से आंदोलन चल रहा है। सोमवार को करीब 200 महिला और पुरूष्ा कलक्ट्रेट पर धरना स्थल से जुलूस के रूप में नगर निगम कार्यालय पहुंचे और वहां नारेबाजी की।

इस दौरान अंदर घुस रहे लोगों को रोकने की पुलिस एवं स्टाफ ने कोशिश की। इस दौरान धक्का-मुक्की में वहां आयुक्त कक्ष का कांच टूट गया और मामला गरमा गया। इस दौरान जब आयुक्त प्रियंका गोस्वामी अपने कक्ष से बाहर आई और लोगों से बात करने लगी तो महिला  प्रदर्शनकारियों से उनकी जमकर तू-तू-मैं-मैं हुई। महिलाओं ने चप्पले भी हाथ में ले ली। आयुक्त की नेम प्लेट भी तोड़ दी गई। इस दौरान वहां खड़े कर्मियों ने इन्हें हटाया तो हाथापाई शुरू हो गई लेकिन, कुछ लोगों ने बीच-बचाव कर भीड़ को वहां से हटाया। मामला बिगड़ते देख आरएसी के जवानों को भी बुला लिया गया।
महापौर भवानीशंकर शर्मा ने सोमवार को नगर निगम कार्यालय में हुई घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि समस्याएं दूर करने में कुछ दिक्कतें हो सकती है। धीरे-धीरे समाधान होता है। कार्यालय में जबरन घुसना गलत है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कर्मचारियों एवं अघिकारियों की ओर से उन्हें इस मामले की शिकायत मिली है। इसकी जांच की जाएगी।
रिपोर्ट में एक दर्जन नामजद
बाद में नगर निगम आयुक्त प्रियंका गोस्वामी ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का मामला सदर थाने में दर्ज कराया है। सीआई प्रशांत कौशिक ने बताया कि रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब दो सौ महिलाओं व पुरूष्ाों ने निगम कार्यालय में बिना सूचना के प्रवेश किया। इनका नेतृत्व मिलन गहलोत, भंवर माली, भंवर सोलंकी, श्याम गहलोत, मूलचंद, मोहनलाल, ओमप्रकाश भाटी, बाबूराम गहलोत, मूलाराम भाटी, तुलसीराम गहलोत व हनुमान ब्राह्मण कर रहे थे। इन लोगों ने भीड़ को उकसाया जिससे भीड़ आयुक्त कक्ष में घुसी और तोड़फोड़ की। राजकार्य में बाधा डाली और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। मामले की जांच एएसआई मोहम्मद अनवर कर रहे हैं। मामला दर्ज करने के साथ ही पुलिस हरकत में आगई और आरोपियों की तलाश में दबिश दी।
कर्मचारी आज काम नहीं करेंगे
इस मामले को लेकर नगर निगम कर्मचारियों में आक्रोश है। उन्होंने घटना की निंदा की और  महापौर भवानीशंकर शर्मा, जिला कलक्टर आरती डोगरा, पुलिस अधीक्षक राकेश सक्सेना को ज्ञापन देकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ  कार्रवाई की मांग की। निगम के समस्त संघों की ओर से विरोध स्वरूप मंगलवार को नगर निगम में कार्य बहिष्कार का ऎलान किया है। इस दौरान न तो रोड़ लाइट ठीक की जाएगी और न ही शहर में सफाई कार्य। बीकानेर नगर निगम ठेकेदार संघ के अध्यक्ष विजय कुमार जोशी ने भी घटना की निंदा की है। 
अनशन जारी रखेंगे
उधर, इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस विधानसभा क्षेत्र पूर्व के संयोजक मिलन गहलोत ने मांगें पूरी नहीं होने तक कलक्ट्रेट पर धरना जारी रखने की घोष्ाणा की है। उन्होंने एक विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि कर्मचारियों एवं अघिकारियों ने आयुक्त से नहीं मिलने दिया गया और धक्का-मुक्की की। बाद में महिलाओं की पिटाई की एवं मोबाइल छीन लिए। उन्होंने महिलाओं को जातिसूचक गालियां निकालने का भी आरोप लगाया है। उधर, आयुक्त प्रियंका गोस्वामी ने इन आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि कब्जे हटाए जा चुके है तथा पत्थरगढ़ी का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा।



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