PHOTOS

Monday, April 22, 2013

सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान की समीक्षा



बीकानेर, 22 अप्रेल।  जिला कलक्टर आरती डोगरा ने कहा है कि बीकानेर के सभी गांव सम्पूर्ण स्वच्छता के तहत खुले से शौच से मुक्त बने इसके लिए जन प्रतिनिधियांें, स्वयं सेवी संस्थाओं आम नागरिकों को पूरे मनोयोग से जुड़ना होगा। कार्य मुश्किल नहीं है। मगर हम सबकों पूरे विश्वास के साथ लोगों को बताना होगा कि खुले में शौच से हम कितनी तरह की बीमारियों को खुला निमंत्रण  दे रहे हैं।
            डोगरा सोमवार को कलक्टेª सभागार में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान (निर्मल भारत अभियान) के तहत बीकानेर पंचायत समिति की नाल ग्राम पंचायत समिति को खुले में शौच से मुक्त गांव घोषित करने सहित अन्य ग्राम पंचायतों में इस संदर्भ में चल रहे कार्यों की समीक्षा कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि 14 अप्रेल को नाल गांव के सरपंच श्रीराम रामावत ने जितने आत्म विश्वास के साथ यह संकल्प लिया था
कि 20 अप्रेल तक वे ग्रामीणों के सहयोग से पूरे गांव को खुले में शौच से मुक्त  कर लेंगे, यह कार्य इन्होंने कर दिखाकर जिले में अनुकरणीय कार्य किया है। अब अगर भविष्य में कोई व्यक्ति खुले में शौच करते पाए जाने पर ग्रामीण उन्हें पकड़कर 100 रुपए का जुर्माना लगाएं साथ ही गांव के मुख्य मार्गों पर खुले में शौच से मुक्त गांव का होर्डिंग लगाया जाए।
            जिला कलक्टर ने कहा कि अगर इस कार्यक्रम की सफल क्रियान्विति में महिला जन प्रतिनिधि आगे आए तो यह काम अगले 15 दिनों में हर ग्राम पंचायत में हो सकता है। उन्होंने सामरदा की महिला सरपंच से कहा कि वे गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए महिलाओं की कम से कम 10 टीमें बनालें जो घर-घर जाकर लोगों को समझाइश करे, कि खुले में शौच से बीमारियां  तो फैलती ही है साथ ही महिलाओं की इज्जत भी कम होती है। हमें महिलाओं का सम्मान बढ़ाने के लिए यह पहला कदम आगे रखना होगा कि गांव खुले में शौच से मुक्त बनें।
            जिला कलक्टर ने कहा कि अपने घरों मे ंशौचालय का निर्माण करवाकर तथा जिन घरों में शौचालय उपलब्ध है वे भी शौचालय का उपयोग कर खुले में शौच से होने वाली भंयकर बीमारियों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण शादी, घर में रसोई अन्य कमरों में खर्च कर देते है जबकि शौचालय का निर्माण नहीं करते हैं। शौचालय निर्माण प्राथमिक आवश्यकता है इससे मां, बहन, बहू बेटी की इज्जत रहती है, उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ता। खुले में शौच करने पर मक्खियां, मच्छर, उस पर बैठकर मल अपने पैर पंखों पर लगाकर भोजन पर बैठती है, जिससे अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
            बैठक में नाल सरपंच श्रीराम रामावत ने कहा  कि डॉ.भीमराव अम्बेडकर जयंती पर 14 अप्रेल को जिला प्रमुख रामेश्वर डूडी   जिला कलक्टर आरती डोगरा की उपस्थिति में मैंने अपने गांव के लोगों के विश्वास के साथ जो भरोसा दिलाया था कि निर्धारित तिथि तक गांव को खुले में शौच से मुक्त करवा दूंगा इसमें सभी का सकारात्मक सहयोग मिला और आज पूरा गांव सम्पूर्ण स्वच्छता की ओर हैं। सरपंच ने बताया कि 5-5 व्यक्तियों की 7 टीमें बनाई गई जिसमें महिला पुरुष शामिल थे, हम सभी अल्ल सुबह 4 बजे गांव में जाते थे और बुर्जुगों अन्य नागरिकों को हाथ जोड़कर खुले में शौच नहीं करने के लिए अपील करते थे। ग्रामीणों ने हमारी भावनाओं को समझा और जिला प्रमुख जिला कलक्टर की प्रेरणा से स्वतः ही आज हम सफल हो गए।
            रामावत ने बताया कि नाल गांव राष्ट्रीय राजमार्ग से सीधा जुड़ा है ऐसे में यहां कुछ स्थानों पर ट्रक ठहरते है और कुछ फैक्ट्रियां गांव में है। यहां कार्य करने वाले मजदूर ट्रक ड्राइवर खलासी खुले में शौच नहीं करें इसके लिए फैक्ट्री मालिकों जिन होटलों में ट्रकों का ठहराव होता है उन्हें समझाइश कर उन्हें खुले में शौच से रोकने के लिए समझाने और सार्वजनिक शौचालय बनाने का आग्रह किया गया है। इसके भी सकारात्मक परिणाम आए हैं।
                                                            खुले में शौच और एक मक्खी
            मनुष्य का मन कीटाणुओं का सबसे बड़ा घर है, सिर्फ एक ग्राम मल में एक करोड़ विषाणु, दस लाख जीवाणु, 9 हजार 632 परजीवी अंडे रहते हैं।  मक्खी मल पर बैठने के बाद वहां से यह अपने पांवों में लेकर भोजन के सामान पर बैठ जाती है। इस भोजन को खाने के बाद मल भोजन में पहुंच जाता है, जिससे हम खा लेते है। इसके अलावा खुले मं जगह-जगह मल त्याग करने से वह मिट्टी पानी में फैल जाता है, जिससे दस्त, हैजा, टाइफाइड पीलिया जैसी कई बीमारियां फैलती है। एक सर्वे के अनुसार हमारे देश में करीब 3 करोड़ लोग इस गंदगी से होने वाली बीमारियों से पीड़ित हो जाते हैं।
            बैठक में गोकुल के सरपंच हंसराज ने कहा कि वे अगले 15 दिन में गोकुल को खुले में शौच से मुक्त ग्राम पंचायत बना लेंगे। इसके लिए किसी भी तरह कोई खामी नहीं छोड़ी जाएगी। प्रशासन द्वारा दिया जाने वाला आर्थिक सहयोग कम रहा तो ग्रामीण अपने खर्चें पर इसे पूरा कर लेंगे। बैठक जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओम प्रकाश, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ताज मोहम्मद मोहम्मद राठौड़, ब्लॉक उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल वर्मा ,उरमूल के अरविन्द ओझा सहित बीकानेर, कोलायत, नोखा खाजूवाला पंचायत समिति के सरपंच ग्राम सेवक उपस्थित थे।
                                                            फैश बुक पेज लोगों का लोकार्पण
                        जिला कलक्टर आरती डोगरा ने सोमवार को लेपटॉप पर सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान की ओर से बनाई गई फैश बुक पेज लोगों ’’बंकों बीकाणों’’ का लोकार्पण किया गया। लोगो बीकानेर के दीपेन्द्र कुमार स्वामी ने बनाया है। सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के बारे में महेन्द्र सिंह शेखावत ने विस्तार से जानकारी दी।
                                                                        ------
डॉ. . के. पटेल का कार्य ग्रहण

बीकानेर, 22 अप्रेल।  केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, मरू क्षेत्राीय परिसर, बीकानेर के प्रभागाध्यक्ष के पद पर पद पर सोमवार को  डॉ. . के. पटेल, प्रधान के  कार्य ग्रहण कर लिया है।
             इसके पूर्व डॉ पटेल पिछले 22 वर्षो से काजरी में भेड़ बकरियों के उत्पादन बढाने  के लिए शोध कर रहे थे। उन्होंने  मरू क्षेत्रा में पशुओं के उत्पादन बढ़ने के लिए नस्ल सुधार, आवास व्यवस्था अन्य पशु प्रबन्धन सम्बन्धी     शोध कार्य कर के पशुपालकों को लाभ पहुंचाया। डॉ. पटेल ने बताया वे भेडों पर किये जाने वाले   अनुसंधान कार्य से  भेड़ पालकों को लाभांवित करने के प्रयास करेंगे।
                                                                        -----


No comments:

Post a Comment