जयपुर, 9 अप्रेल। राजस्थान में नशाबंदी के विषय को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गठित कमेटी की आज महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है।जानकारों की मानें तो राज्य सरकार इसे चुनाव का मुद्दा बनाने पर विचार कर रही है। शराबबंदी करने की जगह कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा करने का दाव आजमाने की कोशिश की जा रही है। यदि भाजपा इस विषय पर पीछे हटती है तो इस विषय को मुद्दा बनाकर गहलोत वोट बटोरने की फिराक में है। इसी वजह से शराबबंदी कमेटी की जांच की अवधि 2 माह से बढ़ाकर छह माह की गई है। राजस्थान में पूर्ण शराबबंदी संभव है इस दिशा में कमेटी की
ओर से तर्क तैयार किया जा रहा है कि शराब की तस्करी को रोका जा सकता है। इसकी वजह यह है कि राज्य की सीमा का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान से सटा होने के कारण वहां से तस्करी संभव नहीं है। शेष में हरियाणा, उत्तरप्रदेश और गुजरात ही हैं। गुजरात में पहले से ही शराब प्रतिबंधित है। हरियाणा ही शराब तस्करी का मुख्य स्रोत है। वहां कड़ाई कर शराब की तस्करी रोकी जा सकती है। प्रदेश नशाबंदी समिति के अध्यक्ष धर्मवीर कटेवा ने बताया कि समिति ने ज्ञापन देकर पूर्ण नशाबंदी की मांग की है। उनका कहना है राजय में भी शराब माफिया गहलोत सरकार पर दबाव डालकर विषय पर फैसला न कर इसे लटकाने की रणनीति अजमा रहे हैं। समिति प्रदेश में व्यापक प्रचार-प्रसार कर पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में जनमत संगठित करेगी।
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