बीकानेर । पुष्करणा ब्राह्मण समाज के विवाह योग्य युवक युवतियों का दो दिवसीय परिचय सम्मेलन का रविवार को पुष्करणा भवन समापन हुआ। परिचय सम्मेलन में प्राप्त 470 आवेदनों का संपूर्ण बायोडाटा ऑडियो विजुअल प्रणाली के माध्यम से बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि पीबीएम अस्पाल के पूर्व अधीक्षक डॉ डी एस व्यास ने कहा कि समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करना अत्यंत आवश्यक है। इनसे देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले स्वजातीय बंधुओं को एक-दूसरे के साथ जुडऩे के अवसर प्राप्त होते हैं तथा उनके मध्य भावनात्मक जुड़ाव होता है।
समाज के सर्वांगीण विकास के लिए यह बेहद आवश्यक है। अध्यक्षता करते हुए सेवानिवृत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लालचंद जोशी नेे कहा कि बीकानेर में पहली बार आयोजित हुए इस कार्यक्रम के प्रति लोगों में अच्छा उत्साह रहा। भविष्य में भी इनका सतत आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के युवाओं को शिक्षा से जोडऩे के साथ-साथ उन्हें स्वरोजगार के प्रति भी प्रेरित करना चाहिए। इसके लिए समाज के सक्षम लोग आगे आएं तथा समाज के उत्थान में सहयोग करें। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एस पी पुरोहित ने कहा कि दो दिवसीय कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों की संस्कृति और स्थानीय रीति-रिवाजों के बारे में जानने का अवसर प्राप्त हुआ। यह एक अच्छा अनुभव रहा। अखिल भारतीय पुष्टिकर सेवा परिषद के युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी जी बिस्सा ने कहा कि इस आयोजन के सार्थक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने युवाओं से आगे ओने का आह्वान किया तथा कहा कि समाज को नई दिशा देने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। इसके लिए अनुभवी वरिष्ठ जनों का सहयोग लिए जाने की आवश्यकता भी जताई। मेड़ता नगर पालिका के अध्यक्ष अनिल थानवी ने कहा कि समाज को संगठित रहकर सामूहिक प्रयास करने चाहिए, जिससे कि प्रत्येक क्षेत्र में समाज का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके। कार्यक्रम संयोजक मोहन लाल किराड़ू ने कहा कि लगभग दो माह के सतत प्रयास तथा सामूहिक सहयोग से यह कार्यक्रम सफल हो पाया है।
उन्हेांने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयेाजित किए जाने का विश्वास दिलाया। आयोजन समिति अध्यक्ष रूप किशोर व्यास ने कहा कि दो दिवसीय कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में शैक्षणिक, सामाजिक तथा आर्थिक विकास के संबंध में गंभीर चिंतन-मनन किया गया। इसके बाद आए सुझावों पर शीघ्र ही कार्यवाही की जाएगी। उक्त चर्चाएं सार्थक रही हैं तथा समाज के प्रत्येक वर्ग को इनका लाभ होगा। सचिव रामनाथ आचार्य ने कहा कि स मेलन में राष्ट्रीय स्तर पर प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। समिति का प्रयास रहेगा कि इस परिचय स मेलन को भविष्य में सामूहिक विवाह तथा सामूहिक यज्ञोपवित तक आगे बढ़ाया जाए। स्वागत समिति के अध्यक्ष राजेश चूरा ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि पुष्करणा चै बर ऑफ कॉमर्स की स्थापना से युवाओं को प्रत्यक्ष लाभ होगा तथा उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे पहले अतिथियों ने भगवान परशुराम के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम की विधिवित शुरूआत की।
डॉ अनुराधा व्यास ने सितार पर सरस्वती वंदना की प्रभावमयी प्रस्तुति दी। बारह साल के उल्लास पुरोहित ने राग अहीर भैरव का गीत 'अलबेला सजन आयो री' गाया तो समूचा समारोह स्थल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा।
नन्ही बालिका निकिता हर्ष ने लोक गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अतिथियों ने आयेाजन से संबंधित स्मारिका 'खोज जीवन साथी की' का विमोचन भी किया। आयोजन समिति अध्यक्ष रूप किशोर व्यास ने बताया कि इसमें 31 मार्च तक प्राप्त सभी आवेदनों के बायोडाटा को संकलित किया गया है। इस अवसर पर सभी आवेदनों को ऑडियो विजुअल फॉर्मेट में संकलित कर उनका प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन किशन पुरोहित और सुधा आचार्य ने किया। इस अवसर पर पूर्व सभापति चतुर्भुज व्यास, पूर्व विधायक नंद लाल व्यास, महिला विंग की शारदा पुरोहित, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी आरती आचार्य, कमल कल्ला, तकनीकी समिति प्रभारी स्नेह प्रकाश व्यास, राज कुमार व्यास, नटवर व्यास, उमेश पुरोहित, महेश पुरोहित, उमाशंकर आचार्य अनिल पुरोहित, मनीष व्यास, नारायण दास किराड़ू, रूपाराम रंगा, पुष्करणा समाज डॉट कॉम के प्रबंध निदेशक अविनाश आचार्य, दुर्गा शंकर आचार्य, पार्षद राज कुमारी आचार्य, अरविंद किशोर आचार्य सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे। वरिष्ठ कलाकार कन्हैया लाल रंगा और पूर्व मिस्टर डेजर्ट राजेन्द्र व्यास के नेतृत्व में रोबीलो ने भी राजस्थानी संस्कृति को साकार रूप प्रदान किया।
इन क्षेत्रों से आए प्रतिनिधि
कार्यक्रम सयांजक मोहन लाल किराड़ू ने बताया कि स मेलन के लिए 470 आवेदन प्राप्त हुए। कार्यक्रम में बीकानेर के अलावा नागौर, मेड़ता सिटी, ब्यावर, अजमेर, किशनगढ़, चितौडग़ढ़, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसंमद, जोधपुर, फलौदी, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, चूरू, हनुमानगढ़ और बाड़मेर से प्रतिनिधि आए। वहीं राजस्थान के अलावा पोरबंदर, अहमदाबाद, गांधीनगर, वापी, खामगांव, हिंगणघाट, आकोला, मुंबई, रतलाम, भोपाल, कोलकाता, नागपुर और रायपुर सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों ने शिरकत की। कार्यक्रम के अंत में बाहर से आए सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
No comments:
Post a Comment