बीकानेर,
6 जून।
जैन
महासभा
बीकानेर
के
तत्वावधान
में
जैन
समाज
के
सभी
घटकों
ने
आज
मुख्यमंत्री
के
नाम
का
एक
ज्ञापन
संभागीय
आयुक्त
आनंद
कुमार
को
सौंपा।
ज्ञापन
में
मांग
करते
हुए
कहा
गया
है
कि
लगभग
दस
वर्ष
पूर्व
राजस्थान
में
कांग्रेस
के
शासनकाल
में
जैन
समाज
को
अल्पसंख्यक
घोषित
किया
गया
था
और
राजस्थान
सरकार
के
समाज
कल्याण
विभाग
ने
दिनांक
19 सितम्बर
2003 को
इस
संबंध
में
अधिसूचना
भी
जारी
कर
दी
थी।
महासभा के अध्यक्ष इंद्रमल सुराणा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मांग की है कि जैन समाज की जनसंख्या देश की कुल जनसंख्या का आधा प्रतिशत से भी कम होने के बावजूद जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं दिया जा रहा है,
जबकि
यह
मांग
जैन
समाज
पिछले
कई
वर्षों
से
करता
आ रहा
है।महासभा के अध्यक्ष इंद्रमल सुराणा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मांग की है कि जैन समाज की जनसंख्या देश की कुल जनसंख्या का आधा प्रतिशत से भी कम होने के बावजूद जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं दिया जा रहा है,
उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की कि अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा देते हुए शीघ्र विधेयक पारित करवाने की कार्यवाही की जाये, जिससे देश में भाईचारा, अहिंसा का पाठ पढ़ाने और भगवान महावीर स्वामी के सिद्धान्तों को जन-जन तक पहुंचाने वाले जैन साधुगण एक स्थान से दूसरे स्थान पर आराम से पदयात्रा कर सकें। इसके अलावा जैन समाज भी अपने धर्म, उपासना स्थलों, संस्कृति व संपत्तियों की सुरक्षा आदि कर सके।
महासभा के महामंत्री जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि इतना सब कुछ होने के बाद जैन समाज को अल्पसंख्यक की श्रेणी में नहीं माना गया और यह कहा गया कि उक्त विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत नहीं होने के कारण पारित नहीं हो सका। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में भी इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई, न ही वर्तमान सरकार ने लगभग साढ़े चार साल में कोई कार्यवाही की है।
छाजेड़ के अनुसार देश के अधिकांश राज्यों में जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जा चुका है। राजस्थान सरकार द्वारा अल्पसंख्यक का दर्जा देने में विलंब करने से जैन समाज में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि जैन समाज अहिंसा में विश्वास रखने वाला समाज है। अत: सरकार हमारी उचित मांग को तत्काल स्वीकार करें। ज्ञापन देने वालो में दिगम्बर समाज के अध्यक्ष एडवोकेट विनोद जैन, जिनेन्द्र जैन, अरिहंत मार्गी जैन संघ के जयचंद लाल सुखानी , तेरापंथी सभा के अध्यक्ष हंसराज डागा व प्रेमसुख चोपड़ा , कनक चोपड़ा , लूण करण छाजेड . जतन संचेती, मनोज सेठिया , साधुमार्गी समाज के मेघ राज बोथरा , मोहन सुराना , के .एल . बोथरा , तप्गच्छ के विजय कोचर , सुरेन्द्र भदानी , पायचंद गच्छ के तनसुख दास बांठिया ,रत्न हितेषी श्रावक संघ के इन्दर मल सुराना , ज्ञान गच्छ के चम्पक मल सुराना , हुकम चंदे गच्छ के निर्मल दस्सानी , के अलावा सोम चाँद सिंघवी , एडवोकेट सुरेंदर जैन भुगडी , धनेश जैन , वंदेमातरम मंच के विजय कोचर इत्यादी लोग शामिल हुए .
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