बीकानेर,
6 जून। प्रशासनिक सुधार, मानव संसाधन विकास एवं जनशक्ति आयोजना समिति के अध्यक्ष डॉ एन.एम. सिंघवी ने कहा कि प्रशासनिक कार्यों को और अधिक गति मिले तथा जनता को सरकारी विभागों के कम से कम चक्कर निकालने पड़े, इसके लिए विभिन्न जिलों के जनप्रतिनिधियों और लोक सेवकों से सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं।
प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार प्रतिवेदन राज्य सरकार को प्रेषित किए जाएंगे।
सिंघवी गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्योंं के सम्पादन में आने वाली समस्याओं पर चर्चा, उनके समाधान के प्रयास तथा मानव संसाधन का समुचित उपयोग कर प्रदेश को विकास की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा अब तक लगभग 20 जिलो में बैठकें आयोजित कर, सुझाव लिए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि आम व्यक्ति का श्रम और समय बचे तथा उनके सभी कार्य निर्धारित समय अवधि में हों, सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जा सके, इन बिंदुओं पर चर्चा करने की आवश्यकता है।
सिंघवी ने कहा कि समिति द्वारा दीर्घकालीन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का निर्धारण किया जाएगा, जिससे कि किसी क्षेत्रा का सम्पूर्ण विकास हो सके। उन्होंने कहा कि फील्ड अधिकारियों को लेपटॉप तथा इंटरनेट की सुविधा मुहैया करवाने के प्रस्ताव सरकार को भिजवाए गए हैं, जिससे कि वे कम्प्यूटर फ्रेंडली बन सके तथा सरकार अथवा प्रशासन द्वारा चाही गई सूचनाएं फील्ड से ही तत्काल उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में व्यावहारिक ज्ञान, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, ट्रेफिक सेंस पैदा करने सहित अन्य विषयों को सम्मिलित करने के सुझाव भी दिए गए हैं, जिससे कि बच्चों का सम्पूर्ण विकास हो सके।
कोलायत विधायक देवी सिंह भाटी ने सुझाव दिया कि केन्द्र अथवा राज्य सरकारों द्वारा योजना निर्धारण करते समय क्षेत्रा विशेष की परिस्थितियों और आवश्यकताअें का ध्यान रखना चाहिए। योजना निर्धारण में आमजन की भागीदारी हो, इसके लिए उनके सुझाव आमंत्रित किए जाएं। नागरिकों को उनके क्षेत्रा की सफाई, प्रकाश और अन्य आधारभूत व्यवस्थाओं के संधारण में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया के सरलीकरण तथा राजस्व मामलों के जल्द निपटारों के लिए कानून तैयार करने की सलाह दी। उन्हांेने कहा कि भारत सदैव परम्पराओं का पोषक और संरक्षक रहा है। ऐसे में यहां की परम्पराओं और परम्परागत वस्तुओं के संरक्षण के क्षेत्रा में काम किया जाए। उन्होंने गोचर और ओरण भूमि के संरक्षण तथा आयुर्वेद को प्रोत्साहित करने का सुझाव भी दिया।
जिला कलक्टर आरती डोगरा ने सुझाव दिया कि श्रेष्ठ काम करने वाले कार्मिकों को प्रोत्साहित करने का प्रावधान भी रखा जाए। उन्होंने कहा कि आरएसआर नियमों के अनुसार लचर कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के प्रावधान है लेकिन श्रेष्ठतम कार्य करने वाले कार्मिकों को समय-समय पर प्रोत्साहित किया जाए। इससे उनके कार्यों में अधिक निखार आएगा तथा सरकारी कार्यों का सम्पादन भी तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि कार्मिकों अपने कार्य में अधिक दक्ष हों, इसके लिए दक्षता अभिवृद्धि कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
डोगरा ने रूट लेवल पर योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतर परिणामों के लिए निचले स्तर के कर्मचारियों पर सीमित जिम्मेदारियां रखने की सलाह दी। उन्होने कहा कि राजस्व विभाग के पटवारियों को जीपीएस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे राजस्व नक्शों का डिजिटलाईजेशन हो सके। बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने विभागों से संबंधित सुझाव दिए।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर के एम दूड़िया, उपायुक्त (उपनिवेशन) दुर्गेश बिस्सा, जिला रसद अधिकारी नरेन्द्र सिंह पुरोहित, उप निदेशक (स्थानीय निकाय) भवानी सिंह शेखावत, सीएमएचओ डॉ देवेन्द्र चौधरी, जिला परिषद के एसीईओ ताज मोहम्मद सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
-----
No comments:
Post a Comment