जयपुर, 25 जून। कमिश्नरेट में तैनात दागी थानाधिकारियों को हटाए जाने की सुगबुगाहट के बीच नॉन फील्ड किए जा रहे थानेदारों ने अब जयपुर में जमे रहने के लिए नए-नए बहाने तलाशना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं चुनाव पॉलिसी या रोजाना फील्ड में होने वाली वारदातों से परेशान होकर कुछ थानाधिकारी अनुशासनहीनता करने में लगे हुए हैं।
थानों से मोहभंग होने के कारण नॉन फील्ड होने के लिए बाकायदा डिजायर करवाकर जेडीए, नगर निगम, पुलिस अकादमी और पुलिस मुख्यालय जाने के लिए करीब 15 थानाधिकारी जोर लगा रहे हैं। किसी भी कीमत पर ये थानाधिकारी राजधानी से बाहर जाना नहीं चाहते हैं। इसको लेकर वे अपने अफसरों के यहां हाजिरी लगाने में लगे हुए हैं। पुलिस कमिश्नरेट में तैनात करीब 24 थानाधिकारियों को चार साल से ज्यादा समय हो गया है। ये सभी चुनाव आयोग की पॉलिसी में आ गए और इनका राजधानी से बाहर स्थानांतरण होना तय है लेकिन 15 थानाधिकारी वे हैं जो राजधानी में रहने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। थानों से हटाए जाने से पहले पाल बांधने में जुटे इन सभी थानाधिकारियों ने बाकायदा मंत्रियों और खासतौर पर शहर के विधायकों से डिजायर करवाई है
। इनका तर्क है कि उनका स्थानांतरण पुलिस मुख्यालय जेडीए, नगर निगम, पुलिस अकादमी, पुलिस मुख्यालय और किसी भी नॉन फील्ड जगह पर कर दिया जाए। गौरतलब है कि तीन साल पहले पुलिस मुख्यालय ने एक आदेश जारी किया था कि पुलिस विभाग में किसी भी राजनेता की डिजायर नहीं चलेगी। डिजायर करवाने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद 15 थानाधिकारियों ने मनपसंद जगह पर लगने के लिए डिजायर करवा ली है। राजधानी में रहने के लिए किसी ने अपनी पत्नी को बीमार कर दिया तो किसी ने अपने बेटे की पढ़ाई का हवाला दिया तो कोई अपने बूढ़े मां-बाप की सेवा की दुहाई देकर जयपुर में ही रहना मजबूरी बता रहा है। जो किसी भी सूरत में जयपुर से बाहर जाना नहीं चाहते उसका सबसे बड़ा कारण नॉन फील्ड होकर भी सारी सुविधाएं मिलना हैं। पुलिस मुख्यालय पर इस समय इन सिफारिशी थानाधिकारियों को घूमते देखा जा सकता है।
No comments:
Post a Comment