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Thursday, June 20, 2013

मैदान में आने दो : राजे

बीकानेर ! सुराज संकल्प यात्रा के तहत जूनागढ़ के सामने हुई सभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे कभी सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति आक्रामक मुद्रा में नजर आईं तो उन्होंने बीकानेर की जनता के प्यार के प्रति आभार भी जताया। 

महाराजा गंगासिंहजी के समय करवाए गए कार्यों को याद करते हुए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि प्रिंस बिजयसिंह मैमोरियल अस्पताल का नाम हम किसी भी सूरत में नहीं बदलने देंगे तो उन्होंने बीकानेर की जनता से मिले प्यार को कर्ज बताते हुए कहा कि जिंदगी भर सेवा करूं तो भी इसे नहीं उतार सकती। बुधवार के शिड्यूल की अंतिम सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने राजस्थान में अपराध के आंकड़े बताते हुए सीधे सवाल किए कि जिस शहर में बच्चियां सुरक्षित नहीं है, उस राज का मुखिया तो खुद ही गद्दी से उतर जाना चाहिए। उन्होंने इस दौरान चूल्लू भर पानी में डूब जानेÓ जैसे महावरे का उपयोग करते हुए अपने भाषण को धार दी और भ्रष्टाचार नंबर एक बने राजस्थान की सरकार के शासन को शर्मनाक करार दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह सरकार जो फायदा दे रही है वो भले ही ले लीजिये लेकिन जब राजस्थान के हित का सवाल आए तो सोच-विचार कर फैसला करना। उन्होंने किसी भी सूरत में सरकार के हथकंडों से डरने और धमकी में नहीं आने के लिए आगाह करते हुए कहा कि आपको लडऩे के लिए तैयार रहना है।उन्होंने कहा कि अगर ये दुष्ट लोग फिर से सत्ता में गए तो राजस्थान को गड्ढ़े में डालने का काम करेंगे।
इस मौके पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता वक्त को जिसने ना समझा, उसे मिटना पड़ा है, क्यों कितनी ही बड़ी हो, कठिन हो, हर नदी की राह से चट्टान को हटना पड़ा हैÓ प्रस्तुत करते हुए बता दिया कि वे पूरी तरह से सरकार को हटाने के लिए तैयार है सिर्फ जनता का सहयोग चाहिए। उन्होंने हाथ उठाकर मुट्ठियां
बांधकर साथ देने का वचन मांगा और कहा कि मुट्ठियां इसलिए बंद करवा रही हूं क्योंकि हाथ पापी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के लोग भले ही गरीब हों लेकिन ऐसे लोगों को एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं करेंगे जो स्वाभिमान पर चोट पहुंचाए। अब तो इन्हें मैदान में आने दो। हम इनके साथ मैदान में निपटेंगे।
वापस शासन नहीं आने की पीड़ा भी झलकी
राजे ने अपने भाषण में बातों ही बातों में अपना शासन वापस नहीं आने की पीड़ा भी जता दी। उन्होंने नरेंद्र मोदी को गुजरात में मिले 15 साल और शिवराजसिंह चौहान को मध्यप्रदेश में मिले दस साल को इन दोनों प्रदेशों के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हुए बिहार का भी जिक्र किया। उन्होने कहा कि कहां बिहार था जिसकी विकास दर आज 16 फीसदी है और कहां राजस्थान था जिसकी विकास दर घटकर पांच फीसदी हो चुकी है। राजे के इस वक्तव्य के दौरान जब नरेंद्र मोदी का नाम आया तो दर्शकों ने खूब नारे लगाए।
कयासों के तीर-तुक्के
बीकानेर। पूर्व विधायक नंदलाल व्यास को सबसे पहले माला पहनाने के लिए बुलाया गया। बीकानेर पश्चिम से विधायक डॉ.गोपाल जोशी का भाषण लंबा होने के कारण उन्हें कम करने का इशारा करवाया गया। सिद्धिकुमारी का भाषण बहुत ही संक्षिप्त होने पर वसुंधरा का आश्चर्य चकित होना। देवीसिंह भाटी का सारी गतिविधियों पर नजर टिकाए रखना और बीच-बीच में मुस्कान और हाथ के इशारों से प्रतिक्रियाएं देना। शहर भाजपा अध्यक्ष शशि शर्मा का कुर्सी पर नहीं बैठने की बजाय पूरी गतिविधियों पर नियंत्रण रखना और फिर वसुंधरा का उन्हें आशीर्वाद मिलना। युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की टी-शर्ट पर खुश हुई वसुंधराराजे का महावीर रांका से इस संबंध में तफसील से जानकारी लेना।
लूणकरनसर में चर्चा है भाजपा के किट की!
बीकानेर। लूणकरणसर में भाजपा की प्रदेशाध्यक्ष वसुंधराराजे की सभा को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं के प्रयास जारी है। इस बीच यहां के कार्यकर्ताओं में नौ खास चीजों की चर्चा है। कुछ जिम्मेदार कार्यकर्ताओं के पास इन नौ चीजों का एक किट है जिसमें एक छोटा और एक बड़ा बैनर, सूतली, पांच मीटर प्लास्टिक डोरी, एक ब्लेड, एक टेप, हैंडबिल, तख्ती और पेन तथा डायरी है। पता चला है कि मानिकचंद सुराना के कार्यकर्ताओं को यह सामग्री उपलब्ध करवाई गई है ताकि इसमें सभा में आने वाली गाडिय़ों का हिसाब-किताब रह सके। दूर-दराज क्षेत्र से गाडिय़ों में आने वाले लोगों के भोजन आदि की व्यवस्था भी इन्हीं कार्यकर्ताओं को करनी है। इस डायरी में दर्ज सूचनाओं के मुताबिक यह सारी व्यवस्थाएं होंगी। इस व्यवस्था के लिए एक पूरा नेटवर्क काम कर रहा है जिसके सूत्रधार जितेंद्र सुराणा हैं।
अथ: वसुंधरा उवाच: 
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पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे ने कहा है कि चाबुक चलाओ तो सरकार भी काम करती है। इसलिए इस सरकार से काम लेना है तो आंख दिखानी पड़ती है। आप देख लीजिये जो काम कांग्रेस 53 साल में नहीं कर पाई उसे मेरे आने से एक दिन पहले कर दिया। आपकी सूरसागर झील फिर से बेहतर बन गई है। मुझे याद है अटल बिहारी वाजपेयी जी की मीटिंग में मैंने जब वादा किया तो आपने कहा था कि यह राजनीतिक मुद्दा है। देख लिए यह काम हो गया। लेकिन मेरे आने से एक दिन पहले जो किया गया वैसो नाटक मैंने पहले कभी नहीं देखा। इस बार हो रहा है। श्रीगंगानगर जाने से पहले मेडिकल कॉलेज का करार हो जाता है। हनुमानगढ़ में नौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोल दिए जाते हैं। सूरसागर को फिर से साफ पानी की झील बना दिया जाता है।
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बीकानेर से जो रिश्ता है वह राजनीतिक नहीं है। राजनीति माइंड से की जाती है, ऐसा कहा जाता है लेकिन बीकानेर से दिल का रिश्ता है। यहां अकेले राजनीति का रिश्ता नहीं। दिल और दिमाग का रिश्ता है।
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चार साल इस सरकार ने कुछ नहीं किया लेकिन जैसे ही सुराज संकल्प यात्रा की घोषणा हुई इन्होंने नरेगा में लूंगड़ी देनी शुरू कर दी। पेंशन दी। साइकिल दी। टैबलेट दिए। साड़ी के बदले में नकद पैसा दिया। काम करना शुरू कर दिया है चार महीने के लिए। करवा लीजिये। जो फायदा लेना है-ले लीजिये। वरना कालाधन बनकर स्विस बैंक में चला जाएगा।
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गांव में बिजली नहीं मिल रही है। किसान मारे-मारे फिर रहे हैं। हमने 18घंटे तक बिजली देने का वादा निभाया था। इस बार घरेलू बिजली 24 घंटे देंगे। पाइप लाइन के फिल्टरेशन का काम करवाएंगे ताकि घर-घर तक शुद्ध पानी मिल सके।
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हमने बीकानेर के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग की थी। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को यह दर्जा दिया जा सकता था लेकिन इस शख्स (मुख्यमंत्री) ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। जब डॉक्टर नहीं, टीचर नहीं, बिजली नहीं, पानी नहीं, रोजगार नहीं तो किया क्या है? शर्म आनी चाहिए उसको। हमारी इज्जत और स्वाभिमान को मिट्टी में मिलाने का काम किया जा रहा है।
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बच्ची स्कूल जाती है तो डर लगता है। महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं। किसानों को राहत नहीं है, मजबूरी में वे आत्महत्या कर रहे हैं। युवाओं को रोजगार नहीं है तो फिर हुआ क्या।
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यह सरकार कुर्सी पर बैठने का हक खो चुकी है। ये लुभाने के लिए आते हैं। डराते हैं लेकिन अब डरना नहीं है। सीबीआई भी इनके इशारों पर नाचती है।
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युवा और कर्मचारियों को कहती हूं कि उनकी जायज मांगों के लिए हमेशा उनके साथ हूं।
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ये नेयवेली लिग्नाइट बिजली पैदा करने के लिए बनाई गई लेकिन हुआ क्या? बिजली मिली क्या? बिजली मिली नहीं और ये कोयला बेच रहे हैं। यह गलत है। हमारी सरकार आएगी तो एक्शन लेंगे।
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हम नया राजस्थान, समृद्ध राजस्थान और विकसित राजस्थान बनाने के लिए संकल्पित हैं। आइये एक सुंदर बीकानेर बनाएं।


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