2008 से फंड के नाम पर 5 पैसे लीटर की कटौती, न प्रोविजन फंड बना न किराया जमायोगेन्द्र शर्मा
जयपुर, 5 जून। जयपुर डेयरी सरस दूध की बिक्री कर अपने परिवारों का पालन-पोषण करने वाले करीब 25 हजार खुदरा कमीशन एजेंटों के कमीशन का करीब 7 करोड़ रुपए डकार गई है।
पिछले 5 सालों से 5 पैसे प्रति लीटर दूध के हिसाब से कमीशन की कटौती तो डेयरी प्रशासन करता रहा लेकिन इस पैसे से न तो बिक्री एजेंटों को बोनस का भुगतान किया गया और न ही नगर निगम में डेयरी बूथों का किराया जमा करवाया गया।
इस पूरे खेल में डेयरी बोर्ड में प्रस्ताव लिए बगैर बिक्री प्रतिनिधियों से यह पैसा अवैध तरीके से लिया जा रहा है। इसका कोई हिसाब-किताब डेयरी प्रशासन के पास नहीं है।
इन बिक्री एजेंटों द्वारा बार-बार यह रुपया लौटाने की मांग जयपुर डेयरी प्रशासन से की जा रही है लेकिन पैसा लौटाने की बजाय अधिकारियों द्वारा टालमटोल की जा रही है। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लगे जयपुर डेयरी बूथों का किराया भी नगर निगम को इसमें से नहीं दिया जा रहा है।इस पूरे खेल में डेयरी बोर्ड में प्रस्ताव लिए बगैर बिक्री प्रतिनिधियों से यह पैसा अवैध तरीके से लिया जा रहा है। इसका कोई हिसाब-किताब डेयरी प्रशासन के पास नहीं है।
एक ओर किराया जमा नहीं कराने के कारण नगर निगम द्वारा डेयरी संचालकों को बूथ हटाने का नोटिस दिया जा रहा है। दूसरी ओर, दुग्ध उत्पादों का कमीशन कम मिलने तथा मिलने वाले कम मार्जिन से भी पांच पैसे प्रतिलीटर कटौती सालों से होने के कारण प्रतिमाह बूथ का किराया, बिजली बिल तथा ठेकेदारों द्वारा कटी-फटी थैलियां सप्लाई किए जाने से होने वाले नुकसान के बाद इन एजेंटों को अपना परिवार पालना भारी पडऩे लगा है। गौरतलब है कि सरस बिक्री एजेंटों का भविष्य संवारने के नाम पर 27 जून 2008 से कमीशन से काटी जा रही 5 पैसे प्रतिलीटर की इस हिस्सा राशि से इन बूथ एजेंटों को परिवार के लिए सहायतार्थ बोनस तथा नगर-निगम को डेयरी बूथ के किराए का भुगतान किया जाना शामिल था। लेकिन, पूरे पांच साल गुजर जाने के बाद भी डेयरी विभाग न तो इन परिवारों को कोई सहायता राशि ही दे पाया और न ही नगर-निगम को किराए का भुगतान कर पाया है। इसके चलते प्रदेश के 25 हजार सरस बिक्री एजेंटों को विभाग द्वारा किए जा रहे शोषण का सामना करना पड़ रहा है। डेयरी विभाग द्वारा इस मामले पर लीपा-पोती कर सुनवाई नहीं किए जाने से बूथ संचालकों ने अब राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव व डेयरी मंत्री बाबूलाल नागर से मामले में हस्तक्षेप कर विभाग द्वारा अनुचित रूप से काटे जाने वाले भुगतान को दिलवाने की मांग की है। मै अभी नया लगा हूं। मुझे मामले की जानकारी नहीं है। पीआरओ से पूछो वह बताएंगे।
-दिनेश मिश्रा, कार्यवाहक प्रबंध निदेशक, जयपुर डेयरी
प्रोविजन फंड मामले का पता करवाते हैं। इसका मिस यूज हो रहा है तो उसे रोककर आगे कार्रवाई करवाते हैं।
-मुकेश शर्मा, सीएमडी, आरसीडीएफ
No comments:
Post a Comment