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Friday, June 28, 2013

बीकानेर जेल में 3 कैदियों की हत्या

बीकानेर, 28 जून। जिले के बीचवाल कारागाह में कैदियों के बीच देर रात हुए एक भयावह घटनाक्रम में गहरी नींद में सो रहे तीन कैदियों की ईंटों से सिर कुचल कर नृशंस हत्या की सनसनीखेज वारदात से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

बेकाबू हुए हमलावर कैदी को काबू करने के लिए जब जेल प्रहरी वहां पहुंचे तो उसने उन पर भी हमला कर दिया। इस घटनाक्रम से जबर्दस्त दहशत और अफरातफरी का माहौल व्याप्त हो गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए आला पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और घटना का जायजा लिया। यह संघर्ष किन कारणों से हुआ इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से भी इस मामले की गहराई से जांच करवाई जा रही है।पुलिस सूत्रों के मुताबिक मृतकों में करनैल सिंह (84), मूलाराम (72) और पवन (38) हैं। घटना की शुरुआत मध्यरात्रि उस वक्त हुई जब सभी कैदी अपनी-अपनी बैरक में गहरी नींद में सोए हुए थे। अचानक चीख-पुकार और शोरगुल सुनाई पडऩे पर बदहवास हालत में

भलूरी व दो बीएलएम को गोद लेकर कन्या बचाओं अभियान प्रारंभ

बीकानेर,28 जून। जिला कलक्टर आरती डोगरा के मार्गदर्शन में मरू विकास एवं शोध संस्थान नोखा द्वारा एमएमएस ट्रस्ट नोखा के सहयोग से कोलायत ब्लॉक के गांव भलूरी दो बीएलएम को गोद लेकर कन्या बचाओं अभियान प्रारंभ किया गया है।
            मरू विकास एवं शोध संस्थान के समन्वय के अनुसार भलूरी दो बीएलएम की बेस लाईन की सर्वे की रिपोर्ट पीसीपीएनडीटी  जिला कलक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भिजवाई गई है। इस रिपोर्ट में वहां की कन्याओं की स्थिति का अवलोकन किया गया है,जिसमें बालकों की तुलना में बालिकों की संख्या बहुत कम है।

            समन्वयक सुनीता सांगवान ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की पूर्ण जानकारी रखने एवं प्रसव पश्चात बालिका के स्वास्थ्य की जानकारी देने पर चर्चा की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रसव के बाद बालिकों की मृत्यु के कारणों को भी जानने की जरूरत है ताकि समाज में सन्तुलन बना रहे।

शोषित व कमजोर वर्ग को न्यायिक व्यवस्था के द्वारा समय पर राहत मिले : राय

बीकानेर,28 जून। राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति और राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण  के मुख्य संरक्षक श्री अमिताभ राय ने कहा है कि न्यायिक अधिकारी, अभिभाषकगण आमजन अपने अधिकारों और कर्त्तव्यों का सही रूप से निर्वहन करें तभी एक विवादमुक्त समाज का निर्माण हो सकेगा। न्याय पालिका,विधायिका और कार्यपालिका इन तीनों संस्थाओं का एक ही लक्ष्य है कि समाज के हर वर्ग को परिपूर्ण न्याय मिले।

            मुख्य न्यायाधीश श्री राय शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर नव स्थापित होने वाले वैकल्पिक विवाद निस्तारण केन्द्र भवन के शिलान्यास समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह शिलान्यास एक पुण्य यात्रा की शुरूआत है,जिसमें सभी की भागीदारी से ही न्याय दिलाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा।  समाज के, इसके लिए सभी को मिलजुलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि मुकद्दमों की बढ़ती संख्या से निपटने में हो रही देरी के मद्देनजर वैकल्पिक विवाद निस्तारण केन्द्र सार्थक सिद्ध होंगे।  वैकल्पिक विवाद निस्तारण का मूल आधार आपसी समझाइश पर निर्भर है। दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाने में अभिभाषकगणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र की सार्थकता इसी में है कि कानूनी अधिकारों के प्रति लोग जागरूक बनें। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो यह केन्द्र मात्रा भवन ही बनकर रह जायेगा। जो लोग विभिन्न कारणों से कानूनी सहायता नहीं ले पाते हैं उन्हें इसकी जानकारी देकर  न्याय दिलाया जाए।

प्रोफेसर दहामा की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न

बीकानेर, 28 जून। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की प्रबंधन समिति (बोम कमेटी) की आज यहां कुलपति प्रोफेसर के दहामा की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक कुलपति सचिवालय के सभाकक्ष में आयोजित हुई।

            बैठक में कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम अंतर्गत कृषि संकाय के विभिन्न विषयों में एसोसिएट प्रोफेसर पद से प्रोफेसर पद पर चयन किए गए लगभग दो सौ से अधिक प्रोफेसरों का प्रबंधन समिति द्वारा अनुमोदन किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा गत दिनों प्रोफेसर पदों के साक्षात्कार लिए गए थे। बैठक में सीधी भर्ती के माध्यम से 16 असीसटेंट प्रोफेसर के पदों पर और दो प्रोफेसर पदों पर चयन समिति द्वारा की गई नियुक्ति की अनुशंसा का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।
            विश्वविद्यालय के प्रचलित सहायक आचार्य पद की शैक्षणिक योग्यता में विभिन्न विषयों में संशोधन की अनुशंसा की गई। कृषि अभियांत्रिकी विषय में नेट परीक्षा में शिथिलता प्रदान की गई। कम्प्यूटर साईंस, गणित, कृषि सांख्यिकी अंग्रेजी आदि विषयों में नांस रेंटिंग के पेपरों की अनिवार्यता में शिथिलता प्रदान की गई।