श्रीमती मेहता ने नवनिर्मित स्वतंत्रता सेनानी दीर्घा, शोध कक्ष, अणुचित्रण कक्ष एवं संदर्भ पुस्तकालय का अवलोकन किया। स्वतन्त्रता सैनानियों के संक्षिप्त विवरण का गहनता से अवलोकन किया। इसके साथ-साथ अभिलेख दीर्घा में प्रदर्षित फरमान, निषान, मंसूर, वकील रिपोर्ट्स, विवाह बही का बारिकी से अध्ययन किया। अभिलेख दीर्घा में रखी गई दुर्लभ पुस्तकों का गहनता से अध्ययन किया। टेस्सिटोरी खण्ड में डॉ. एल.पी. टेस्सिटोरी द्वारा हस्त लिखित राजस्थानी गीतों को रूचि के साथ पढ़ा। प्रदर्षनी कक्ष में प्रदर्षित 1857 की क्रांति से सम्बन्धित अभिलेखों का रूचि से अध्ययन किया। विभागीय पट्टा खण्ड में बीकानेर रियासत के मूल पट्टा अभिलेखों के बारे में जानकारी ली।
इतिहास खण्ड में सुरक्षित महत्वपूर्ण अद्वितीय मूल फरमान, निषान, मंसूर, दस्तूर कौमवार इत्यादि दस्तावेजों को गौर से देखा एवं इनके बारे में उन्होंने विस्तृत जानकारी प्राप्त की। संचयषाला में व्यवस्थित मूल अभिलेखों की व्यवस्था की प्रशंसा की। विभागीय कार्यकलापों, गतिविधियों आदि की जानकारी व अवलोकन डॉ. महेन्द्र खड़गावत, निदेशक, राजस्थान राज्य अभिलेखागार, बीकानेर द्वारा करवाया गया।
अभिलेख म्यूजियम तथा स्वतन्त्रता सेनानी दीर्घा का द्वितीय चरण शीघ्र ही प्रारम्भ होगें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्रीमती अदिती मेहता का यह दौरा मुख्यतः राजस्थान राज्य अभिलेखागार में मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत बनने वाले अभिलेख म्यूजियम तथा स्वतन्त्रता सेनानी दीर्घा के द्वितीय चरण हेतु स्थान का अवलोकन कर निदेशक राजस्थान राज्य अभिलेखागार डॉ. महेन्द्र खड़गावत को आवश्यक निर्देश दिये। श्रीमती मेहता के साथ विख्यात आर्ट एण्ड हेरिटेज कर्न्जवेटर शिखा जैन भी साथ थी। श्रीमती मेहता ने अभिलेख म्यूजियम में प्रदर्शित किये जाने वाले अभिलेखों को देखकर निदेशक से उनके बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने स्वतन्त्रता सेनानी दीर्घा के द्वितीय चरण हेतु भी कुछ नवीन जानकारियां सम्मलित करने के निर्देश दिये। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अभिलेख म्यूजियम तथा स्वतन्त्रता सेनानी दीर्घा के निर्माण के पश्चात् राज्य अभिलेखागार भारत के प्रमुख शोध केन्द्र के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय हो जायेगा। श्रीमती मेहता ने प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान तथा राजकीय संग्रहालय का भी अवलोकन किया।
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