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'आजादी मिली लेकिन भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी, लूट, व्यभिचार कम नहीं हुआ। स्वतंत्रता सेनानियों का 90 साल के संघर्ष का मकसद पूरा नहीं हुआ। बैलों की मानिंद वोटरों को हांक रहे हैं। यह सब इस वजह से क्योंकि जन अपनी ताकत भूल गया है और नेता जो दिखा रहे हैं उसे ही जनतंत्र समझ रहे हैं। असली जनतंत्र के लिए आजादी की दूसरी लड़ाई लडऩी पड़ेगी। यह लड़ाई बलिदान मांगती है। कौन तैयार है इस लड़ाई के लिए।' भ्रष्टाचार के विरुद्ध जंग लड़ रहे योद्धा अन्ना हजारे ने जब जोशीले अंदाज में अपनी बात कहते हुए यह सवाल उछाला तो सैकड़ों युवाओं ने समर्थन में हाथ उठा दिए।
अन्ना की मौजूदगी से उत्साहित लोगों के जोशीले नारों के बीच जूनागढ़ के सामने सोमवार शाम को हुई जनसभा में यह नजारा दिखा। अन्ना कहते गए, लड़ाई सीधी नहीं है। संसद में धोखेबाज बैठे हैं। धोखे गिनाए भी। रामलीला मैदान में बैठे तक पूरी रात चली संसद और लोकपाल के लिए दिया गया प्रधानमंत्री का पत्र। हौसले से हालात जीतने का जज्बा दिखाते हुए बोले, 30 साल से गुंडों के साथ लड़ रहा हूं।
जेल भेजा तो गया। कुछ भी बिगाड़ नहीं पाए। 75 साल की उम्र में युवाओं-सा जोश महसूस करता हूं। वादा करता हूं जब तक असली जनतंत्र नहीं मिल जाएगा मरूंगा नहीं। जन संसद जब अपनी ताकत पहचान लेगी, उठ खड़ी होगी तो संसद में बैठे भ्रष्ट लोग उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे।
भ्रष्ट लोगों को संसद में न भेजने की नसीहत देते हुए बोले, चश्मा बदलो मिल जाएंगे चरित्रवान।पार्टी-पक्ष को भूल जाओ। स्वतंत्र लोगों में चरित्रवान हो तो उन्हें जिताओ।
जनतंत्र यात्रा पर निकले अन्ना हजारे सोमवार शाम को बीकानेर पहुंचे। उनके साथ सैयद सूफी, संतोष भारतीय भी यात्रा में शामिल है। शहर में प्रवेश करते ही स्वामी केशवानंद यूनिवर्सिटी के सामने जनतंत्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न संगठनों के लोगो ने उनका स्वागत किया।
अनशन रो ऊजोणो कर दे, रबड़ी भेजूं रे
अन्ना हजारे का बीकानेर अंदाज में ही स्वागत, अभिनंदन हुआ। सफेद टोपी वाले अन्ना को राजस्थानी साफा पहनाया गया। नवदीप बीकानेरी ने अनशन के दौर में लिखा अपना गीत 'से'र में सिंझ्या पडग़ी रे के अन्ना जीम ले..' सुनाया जिसमें 'अनशन रो ऊजोणो कर दे, रबड़ी भेजू..' और '..भ्रष्टाचारी जासी जेल में..' पंक्तियों पर श्रोताओं की भी तालियां बटोरी। जनतंत्र मोर्चा के अमित जांगिड़ ने दिल्ली में अन्ना की हुंकार के बीकानेर में पड़े असर का जिक्र किया। कर्मचारी नेता भंवर पुरोहित ने क्रांति की जरूरत बताते हुए अन्ना के आंदोलन को देश की जरूरत बताया। विजय धमीजा के संचालन में हुई जनसभा में अन्ना के सेना में साथी रहे ब्रिगेडियर एन.एल.वर्मा भी पहुंचे। इससे पहले बीछवाल से लेकर सर्किट हाउस तक कई कार्यकर्ताओं-संस्थाओं ने स्वागत किया। जनतंत्र मोर्चा के अमित जांगिड़ के साथ तपन भटनागर, सूर्यप्रकाश, डा.विक्रमसिंह तंवर, विक्रमसिंह शेखावत, भगवती सोनी, सूरजमालसिंह आदि ने अन्ना की अगवानी की। पूर्व पार्षद सुनील बांठिया, परमानंद ओझा, मीना आसोपा आदि भी अन्ना हजारे से मिलने पहुंचे।
अन्ना के सुर में बो ले संत-सूफी
अन्ना हजारे के साथ आए सैयद सूफी ने जोशभरे अंदाज में सरकार को ललकारा, हमारे खिलाफ जांच करवाना, सीबीआई लगा देना या जो चाहे करना सर पर कफन बांधकर देश सेवा के लिए निकले हैं। देश को विकास के सही रास्ते पर लाकर ही दम लेंगे। 'मर्द-ए-मुजाहिद' अन्ना हजारे पॉलीटिक्स करने नहीं देश प्रेम का जज्बा लेकर गली-गली घूम रहे हैं। वे 'इंकलाब' आवाज लगाते हैं तो 120 करोड़ हिंदुस्तानी 'जिंदाबाद' बोलता है। इस कारवां को कोई पार्टी, सरकार नहीं रोक सकती।
संवित् सोमगिरी महाराज बोले, जब-जहां जरूरत पड़े पुकार लें। देह में रक्त का एक कतरा है तब तक देश सेवा के लिए लड़ते रहेंगे। युवा भी यह बोलना छोडें कि अन्ना हम तम्हारे साथ हैं। भगतसिंह, चंद्रशेखर का खुद में आह्वान करें। कहें, आप बैठें। आशीर्वाद दें। भ्रष्टाचार के खिलाफ हम लड़ेंगे।
संतोष भारतीय बोले, मुल्क के साथ हुए धोखे की चिंता लिए अन्ना दरवाजे-दरवाजे पर जा रहे हैं। इससे बड़ी मजाक क्या होगी कि एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा की सीबीआई की रिपोर्ट नहीं देखी और सीबीआई के डायरेक्टर ने हलफनामा दिया है कि एडवोकेट जनरल ने ही नहीं कानून मंत्री सहित कई लोगों ने रिपोर्ट देखी। संसद में धोखेबाजों के गिरोह बैठे हैं। अन्ना इनके खिलाफ लडऩे खड़े हुए हैं। इस जंग में देशभर से सैनिकों को आगे आने की जरूरत है।
बीकानेर से हजार अन्ना सैनिक
आमसभा के मंच से आह्वान किया गया, जो अन्ना के साथ मिलकर भ्रष्टाचार क े खिलाफ लड़ाई का सैनिक बनना चाहता है, नाम-नंबर लिखकर पर्ची पर दे दें। सभा में से सैकड़ों लोग पर्चियां ले उठे। व्यवस्था बिगडऩे लगी तो अलग-अलग कोनों में कार्यकर्ताओं को पर्चियां एकत्रित करने का जिम्मा दिया गया। सभा समाप्त होने से पहले पर्चियां गिनी गई तो संतोष भारतीय ने 950 संख्या बताई। इसके साथ ही 50 से अधिक लोग नई पर्चियां लेकर पहुंच गए।
सहयोग की झोली
अन्ना के आंदोलन में आर्थिक सहयोग के लिए सैयद सूफी के गले का दुपट्टा लेकर कार्यकर्ताओं ने इसे झोली की शक्ल दे दी। यह झोली आमसभा में घुमाई गई। जो रकम मिली वह अन्ना के आंदोलन के लिए सौंपी गई।
संवित् सोमगिरी महाराज
जूनागढ़ के सामने हुई जनसभा को संबोधित करते अन्ना हजारे।
जनसभा में हर ओर लहराया तिरंगा। बच्चे भी नहीं रहे पीछे।
हर ओर नजर आया अन्ना।
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