वेटरनरी विश्वविद्यालय ने भी उठाये जरूरी कदम
बीकानेर, 21 मई। वेटरनरी विश्वविद्यालय में पशुओं से मनुष्य में फैलने वाली बीमारियों के बारे में लगातार मानिटरिंग का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय का एपेक्स सेन्टर पूरे राज्य के जिलों में सर्वे और उपचार के बारे में सतर्क है।
पशुओं के सम्पर्क में आने से संक्रमित होने वाली बीमारियों के संभावित रोगी अस्पतालों से यहां भेजे जाते है, जिन्हे उचित परामर्श और उपचार की सलाह दी जाती है। जीवाणु जनित रोग “ब्रुसेलोसिस” पशुओं में पाई जाने वाली बीमारी है जिसका संक्रमण स्वस्थ्य मनुष्य में भी हो जाता है। राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के एपेक्स सेन्टर, बीकानेर द्वारा गत चार वर्षो
से किये जा रहे सर्वे के मुताबिक 1085 में से 3.68 फीसदी पशुपालक, पशु चिकित्सक एवं पैरावेट, पशुओं में होने वाले “ब्रुसेलोसिस” रोग से संक्रमित पाये गए है। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने बताया कि पशुओं में पाये जाने वाले रोगों में से 70 प्रतिशत रोग मनुष्य को संक्रमित कर सकते है। खासतौर पर पशुपालन कार्य से जुड़े लोगों में इसकी अधिक संभावनाएं रहती है। इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए समय-समय पर जाँच और उपचार जरूरी होता है। विश्वविद्यालय एपेक्स सेन्टर के प्रप्रभारी अधिकारी प्रप्रो. ए.के. कटारिया ने बताया कि “ब्रुसेलोसिस” में पशुओं में कमजोरी के साथ साथ गर्भधारण क्षमता में कठिनाई होती है। इससे शारीरिक वृद्धि प्रप्रभावित होती है जिसका सीधा असर पशु उत्पादों पर पड़ता है। स्वस्थ्य मनुष्य में इसके संक्रमण से जोड़ों-मांसपेशियों में दर्द, शारीरिक थकान के साथ साथ सिर दर्द और हल्का बुखार भी रहता है। इस रोग को लेकर गत 4 वर्षो से राज्य के विभिन्न जिलों के पशु चिकित्सकों, पशुधन सहायकों और पशुपालकों के सर्वे और जांच का कार्य किया जा रहा है। इस सर्वे में 1085 लोगों की जांच में 3.68 प्रप्रतिशत में “ब्रुसिला” एन्टी बॉडीज पाई गई है। वेटरनरी विश्वविद्यालय में अर्न्तगत एपेक्स सेन्टर, बीकानेर पशुओं में होने वाले रोगों के अन्वेषण और निगरानी का कार्य भी करता है। सेन्टर द्वारा राज्य और देश भर के पशुपालन से संबंधित लोगों को प्रप्रशिक्षण भी दिया जाता है। गत एक वर्ष में सेन्टर द्वारा विभिन्न जिलों में रोग निदान के लिए 2 हजार सैम्पल इकट्ठेे कर प्रयोगशाला जांच के बाद पशुपालकों को उचित परामर्श दिया गया। उदयपुर, सीकर, टौंक, चूरू, नागौर, और बीकानेर जिले में भेड़-बकरियों भैंसों, मुर्गियों, बछडे-बछडियों में रोगों के प्रकोप की सूचना मिलने पर एपेक्स सेन्टर के चिकित्सा वैज्ञानिकों ने तत्काल मौके पर पहुँचकर पशुओं के रोग का निदान कर उपचार किया गया। इनमें पी.पी.आर., निमोनिया, गर्भपात, लू-तापघात, पेट में कृमि, वायरल, खुरपका-मुँहपका और लंगड़ा बुखार जैसी बीमारियों का ईलाज किया गया।
वेटरनरी विश्वविद्यालय की दो छात्राओं को 12 हजार रूपये की फैलोशिप
बीकानेर, 21 मई। राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की बैचलर ऑफ वेटरनरी साईंस एण्ड एनीमल हसबेंड्री के अन्तिम वर्ष की परीक्षा में अव्वल रहने वाली छात्रा-छात्राओं को ड़ॉ. मोहन सिंह मेमोरियल फैलोशिप के तहत 12-12 हजार रूपये के चैक प्रप्रदान किये जायेगें। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रप्रो. ए.के. गहलोत एवं अधिष्ठाता डॉ. बी.के. बेनीवाल ने सत्रा 2010-11 में अव्वल रहने वाली छात्रा कुमारी कंचन जांगिड और सत्रा 2011-12 के लिए कुमारी दीप्ति सोहेल को फैलाशिप अवार्ड की उपलब्धि को अन्य छात्रा-छात्राओं के लिए प्रप्रेरणादायक बताया है। जयदेव बिमला देवी चैरिटेबल ट्रस्ट अजमेर द्वारा प्रप्रति वर्ष स्नातक परीक्षा में टॉपर रहने वाले विद्यार्थियों वेटरनरी कॉलेज के पूर्व अधिष्ठाता डॉ. मोहन सिंह जी स्मृति में 12 हजार रूपये फैलोशिप रूप में प्रप्रदान किये जाते है।
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