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Tuesday, May 21, 2013

गुटबाजी का ग्रहण, ग्रामीणों की दूरी


धरियावद, 21 मई। इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया और राहुल गांधी तक के लिए कांग्रेस में भीड़ जुटाऊ रैलियों का गढ़ रहा वागड़ इस बार संदेश यात्रा में कुछ सूना-सूना सा लग रहा है।यहां भीड़ जुटाने वाले भी वही हैं और इलाके भी वही। लेकिन आंतरिक गुटबाजी और परंपरागत वोट बैंक के बिखराव की तपन के कारण संदेश यात्रा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जनसभाओं में उम्मीद से कम ही भीड़ की छांव मिल रही है। 

यह भीड़ उतनी ही दिखाई दे रही है जितनी सामान्यतया उद्घाटन और शिलान्यास के सरकारी समारोह में होती है। पंचायतीराज मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया और सांसद रघुवीर मीणा को छोड़ दें तो वागड़ के अधिकांश कांग्रेस नेता कार्यक्रमों से दूर ही दिखाई दे रहे हैं। टिकट मांगने वाले नए दावेदारों ने यहां राजनीतिक संघर्ष के हालात भी पैदा कर रखे हैं। इसमें पुराने क्षत्रप और नए खिलाडिय़ों में संघर्ष है। हाल ही में घोषित दो सौ करोड़ के विशेष पैकेज की फुहारें भी आदिवासियों में बढ़ती
शिकवा शिकायतों की गर्मी को दूर नहीं कर पा रही हैं। ऐसे में गत विधानसभा चुनाव में वागड़ के बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले की 11 सीटों में से आठ विधानसभा सीटों पर कब्जा कर सत्ता में आने का मजबूत आधार तैयार करने वाली कांग्रेस को इस बार यहां पसीने रहे हैं। अपनी ताकत को मजबूती देने के लिए डूंगरपुर-बांसवाड़ा रेल लाइन, पेयजल परियोजनाओं और स्टेट हाइवे की उपलब्धियों के साथ फ्लेगशिप योजनाओं की राहत को गिनाया जा रहा है लेकिन मीणा समाज का अन्य पार्टियों की ओर झुकाव तथा वन अधिकार अधिनियम की लचर क्रियान्विति उसे लोगों की जुबां पर नहीं चढऩे दे रही है। संदेश यात्रा के सातवें चरण के तीसरे दिन आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धरियावद में जनसभा को संबोधित करने पहुंच रहे हैं। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान सहित अन्य प्रमुख नेता हैं। अपने वागड़ दौरे में मुख्यमंत्री का पूरा ध्यान बीपीएल आवास, नि:शुल्क दवा, नि:शुल्क जांच, एक रुपए किलो अनाज और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की क्रियान्विति और आम जनता तक पहुंचे उनके लाभ की हकीकत जानने पर है। वे स्वागत कार्यक्रमों के दौरान आमजन से इन योजनाओं के लाभ को लेकर सवाल पूछते हैं और अपने भाषण में भी इन्हीं को प्रमुखता दे रहे हैं। संदेश यात्रा के रात्रि पड़ाव में भी फ्लेगशिप योजनाओं की क्रियान्विति ही छाई हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समय मिलते ही अधिकारियों के साथ बैठक कर इनकी समीक्षा में जुटे दिखाई दे रहे हैं। बीती रात सलूम्बर में हुए संदेश यात्रा के पड़ाव में अशोक गहलोत ने अधिकारियों से फीडबैक लेकर योजनाओं की हकीकत टटोली। वे आज प्रतापगढ़ जिले में दौरे के दौरान फ्लेगशिप स्कीम को लेकर उदयपुर संभाग के अधिकारियों की खास बैठक लेंगे। संदेश यात्रा धरियावद के साथ घाटोल विधानसभा क्षेत्र के नरवाली में जनसभा होगी। संदेश यात्रा से पूर्व माना जा रहा था कि वागड़ में आम जनता यह मान रही थी कि कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक जनसभाओं में भारी भीड़ के साथ जुटेगा लेकिन गर्मी में 45 से 48 डिग्री तापमान ने एक तो भीड़ की संख्या को कम कर दिया है वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो यह भीड़ उतनी ही है जितनी सामान्य सरकारी कार्यक्रमों में जुटती है। भाजपा की सुराज संकल्प यात्रा के दौरान भी जनसभाओं में इतनी ही भीड़ जुटना बताया जा रहा है। संदेश यात्रा के दौरान कांग्रेस का ध्यान उन सीटों पर अधिक है जहां कांग्रेस पर परम्परागत रूप से कब्जा कर रहा है। भाजपा ने इन सीटों में ही अपनी जनसभा कर उसकी चिंता बढ़ा दी है। जिससे यहां टिकट के दावेदारों की संख्या भी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल सीमलवाड़ा, आसपुर और डूूंगरपुर में जनसभाओं को संबोधित किया। इन जनसभाओं में जब उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे पर निशाना साधा तो कांग्रेसियों को कुछ राहत की उम्मीद नजर आने लगी है। उदयपुर के बाद वागड़ की राजनीति पर प्रभाव रखने वाले कटारिया के सीबीआई कार्रवाई से घिरने को कांग्रेस फिलहाल अपने पक्ष में मान रही है। संदेश यात्रा का सभी जगह आदिवासी परम्परागत ढंग से स्वागत कर रहे हैं और तीर कमान, तलवार और आदिवासी परिधान पहनते कांग्रेसी नेता भाजपा की राह पर चलते नजर रहे हैं।

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