राज्य में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाओं में वृद्ध, विशेष योग्यजन एवं निराश्रित व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान है। इसके बावजूद अनेक बेसहारा लोग अत्यन्त दयनीय परिस्थितियों में रहते हैं उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं होता। विशेष परिस्थितियों
में रहने वाले व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के लिए माननीय मुख्यमंत्राी द्वारा वर्ष 2012-13 के बजट भाषण में निराश्रित सम्बल योजना आरम्भ करने की घोषणा की गई थी। घोषणा की क्रियान्विति के लिए ऐसे व्यक्तियों को निराश्रित सम्बल योजनान्तर्गत अधिकतम सिर्फ एक बार रूपये 2000 तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया था। निराश्रित सम्बल योजना को संशोधन करते हुए अब मुख्यमंत्राी असहाय पुनर्वास योजना संचालित की है।
इस योजना का लाभ जिले का निवासी , बेसहारा एवं अत्यन्त दयनीय स्थिति में रहने वाली महिला व पुरूष जिसकी देखभाल करने वाला कोई न हो, परित्यक्त माता पिता, सन्तानहीन, पूर्णतः निराश्रित, दीनहीन लोग उठा सकेंगे।
योजना के तहत ऐसे महिला एवं पुरूषों को अधिकतम एक बार 2000 रूपये तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी। जो व्यक्ति पेंशन योजनान्तर्गत शाामिल नहीं होेते है उन व्यक्तियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित तथा राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा अनुदानित डे-केयर सेन्टर, वृद्धाश्रमों में प्रवेश की सुविधा मिलेगी वहीं ऐसे निराश्रित व्यक्ति यदि वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग पेन्शन नियमों के अन्तर्गत पात्राता रखते हैं तो उन्हें संबंधित योजना में पेन्शन की स्वीकृति चिन्हित करने के एक माह के अन्दर जारी की जावेगी।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे ऐसे असहाय, अत्यन्त गरीब जिनकी आजीविका का कोई स्त्रोत नहीं है, परित्यक्त माता पिता, सन्तानहीन, बेसहारा व पूर्णतया निराश्रित, जिनको अभी तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला हो, का ग्रामीण क्षेत्रा में विकास अधिकारी द्वारा ग्राम सेवकों के माध्यम से व शहरी क्षेत्रों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी के माध्यम से सर्वे करवाया जायेगा व उनका डाटाबेस तैयार करवाया जायेगा।
योजना के तहत सहायता से लाभान्वित होने वाले व्यक्तियों की जिला स्तरीय क्रियानवयन समिति के द्वारा ट्रेैकिंग की जायेगीं ऐसे चिन्हित व्यक्ति जिनकों इस योजनान्तर्गत आर्थिक सहायता प्रदान की गई है उसके पश्चात् उन्हे सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की अन्य सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं से जोडा जायेगा व यह सुनिश्चित किया जायेगा कि सर्वे में चिन्हित किये गये ऐसे व्यक्ति को किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जाये।
विशेष रूप से वृद्धजनों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए एक बार आर्थिक सहायता के अतिरिक्त वृद्ध महिला एवं पुरूष जिनकी कोई देखभाल करने वाला नहीं है, उनके लिए राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जिरियाट्रिक वार्ड प्रत्येक जिला अस्पताल में खोले जायेंगे।
विभाग की वृद्ध कल्याण सम्बन्धी योजनाओं के अन्तर्गत पात्रा व्यक्तियों को वृद्धाश्रमों एवं डे-केयर सेन्टर्स में प्रवेश दिलवाया जायेगा। ऐसे वृद्धजनों जो गम्भीर रूप से बीमार रहते है और उनकी सतत् नर्सिंग देखभाल और आराम की अपेक्षा होती है, को स्वयं सेवी संस्थाओं के द्वारा संचालित होने वाले देखभाल गृहों और सतत् देखभाल गृहों में रखा जायेगा। वृद्ध व्यक्तियों को जिला स्तरीय राजकीय अस्पतालों में फिजियोथैरिपी क्लिनिक में रखने की व्यवस्था की जायेगी। वृद्ध व्यक्तियों के लिए हैल्पलाईन एवं परामर्श केन्द्र भी स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित किये जायेंगे।
ब्लॉक स्तरीय समिति द्वारा सम्बन्धित ब्लॉक में योजनान्तर्गत सर्वे एवं टैªकिंग की मॉनिट्रिंग की जायेगी। यह समिति सर्वे, टैªकिंग एवं अन्य समस्त कार्यो के लिए जिला स्तरीय क्रियानवयन समिति को रिपोर्ट करेगी। ब्लॉक स्तरीय समिति बैठक प्रतिमाह आयोजित की जायेगी। योजनान्तर्गत
ऐसे पात्रा व्यक्तियों का चयन ग्रामीण क्षेत्रा में निकायों की साधारण सभा द्वारा किया जायेगा। जिला कलक्टर इस प्रयोजनार्थ साधारण सभा की बैठक बुलाने के लिए प्रशासनिक विभाग से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर सम्बन्धित निकायों को निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत होगें। चयनित सूची का जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक होगा। चयनित सूची का पूर्ण विवरण जिले एवं विभागीय वेबसाईट पर उपलब्ध करवाना आवश्यक होगा।
एक बार आर्थिक सहायता के लिए सादा कागज पर जिला कलक्टर अथवा ब्लॉक स्तरीय समिति को आवेदन प्रस्तुत करना होगा। ऐसे महिला व पुरूष जो पेंशन योजनान्तर्गत लाभान्वित नहीं किये जा रहे हैं, उन्हें सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित,अनुदानित वृद्धाश्रमों में ब्लॉक स्तरीय समिति की अनुशंषा के आधार पर इसके लिए पात्रा हैं ब्लॉक स्तरीय समिति की अनुशंषा के आधार पर जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रवेश दिया जायेगा। जिला कलक्टर ब्लॉक स्तरीय समिति की अनुशंषा के आधार पर स्व-विवेक एवं पात्राता संबंधी सन्तुष्टि होने पर प्रार्थी को निर्देर्शो में निर्धारित अधिकतम वित्तीय सीमा तक राशि स्वीकृत कर सकेगा। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि योजनान्तर्गत प्रार्थी को सिर्फ एक बार ही सहायता राशि स्वीकृत की गई है एवं किसी भी प्रकार का आवर्तक दायित्व उत्पन्न नहीं हुआ है। जिला कलक्टर से स्वीकृत राशि का ग्रामीण क्षेत्रा में विकास अधिकारी द्वारा लाभार्थी को ग्राम पंचायत की पाक्षिक बैठक में ग्राम सेवक के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में शहरी निकाय की साधारण बैठक के दौरान वितरण करवाया जायेगा। स्वीकृत आर्थिक सहायता के वितरण का उत्तरदायित्व ब्लॉक स्तरीय समिति का होगा। योजना के लिए प्रावधित राशि का उपयोग इस प्रकार किया जायेगा कि योजनान्तर्गत सिर्फ पात्रा व्यक्तियों को ही योजना का लाभ मिल सकेगा।
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