इंटरनेशनल सिटी ने बढ़ाया पहला कदम
जयपुर, 20 मई। आधुनिक शहरों की जमात में शामिल हो रहे जयपुर के ताज में आज एक नया हीरा जड़ रहा है। देश की सबसे आधुनिक, पूर्णतया स्वदेशी और सुरक्षित जयपुर मेट्रो के पहले 4 कोच आज मानसरोवर स्थित मेट्रो स्टेशन पहुंच रहे हैं। कल रात को किशनगढ़ पहुंचे ट्रेलर पर लदे कोच आज सुबह करीब 8 बजे जयपुर के लिए रवाना हुए। जिनके दोपहर बाद यहां पहुंचने की उम्मीद है। स्टेशन पर कोच की अगुवानी की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ट्रेलर को अंदर घुसाने के लिए नई सड़क बनाई गई है।
इन्हें फिलहाल ऐलिवेटेड ट्रैक पर नहीं उतारा जा सकेगा क्योंकि इसका काम अभी पूरा नहीं हुआ है। बेंगलुरू में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल)में तैयार 4 कोच 29 अप्रेल को मंत्रोच्चार के बाद ट्रेलर पर लोड कर जयपुर के लिए रवाना किए गए थे। देश में वर्तमान में चल रही मेट्रो ट्रेनों में जयपुर मेट्रो ही ऐसी ट्रेन है जो पूर्णत: स्वदेशी है। इससे पहले चलीं ट्रेन या तो विदेशों में बनीं अथवा किसी विदेशी कंपनी और बीईएमएल के संयुक्त उपक्रम के रूप में बनीं थीं। बीईएमएल जयपुर मेट्रो की 10 ट्रेनों के 40 कोच तैयार कर रहा है
। इसमें से एक ट्रेन के 4 कोच आज जयपुर पहुंच रहे हैं। पूरी ट्रेन में करीब 1230 यात्री जयपुर में चलने वाली मेट्रो ट्रेन में 1230 यात्री सफर कर सकेंगे। एक ट्रेन में दो मोटर कार और दो ड्राइविंग ट्रेलर कार होंगे। एक मोटर कार में 340 और ड्राइविंग ट्रेलर कार में 315 यात्री एक बार में सफर कर सकेंगे। तकनीक के लिहाज से भी जयपुर मेट्रो दूसरी मेट्रो से इक्कीस होगी। जयपुर मेट्रो में माउंटेड डिस्क ब्रेक का उपयोग किया गया है जिससे रुकते समय झटका नहीं लगता है जबकि दिल्ली मेट्रो में पुरानी तकनीक के ब्रेक हैं जिससे ट्रेन के चलते, रुकते समय झटके लगते हैं। काम ने पकड़ी गति जून 2010 में जयपुर मेट्रो के लिए डीपीआर बनाई गई थी। प्रोजेक्ट का काम नवंबर 2010 में शुरू हो गया था तथा जून 2013 तक इसे पूरा किया जाना था लेकिन बीच में काम धीमा होने के चलते इसका नया टारगेट अगस्त 2013 निर्धारित किया गया। पहले फेज में मानसरोवर से चांदपोल तक के 9.2 किलोमीटर रूट पर मेट्रो चलेगी। फिलहाल यह काम भी तय समय से काफी पीछे चल रहा है। इसी के चलते फिलहाल मानसरोवर से रेलवे स्टेशन तक ही मेट्रो चलाई जाएगी। मानसरोवर से अजमेर पुलिया तक के 5.5 किलोमीटर लंबे रूट का काम लगभग पूरा होने को है लेकिन अजमेर पुलिया से चांदपोल स्टेशन तक के 3.7 किलोमीटर लंबे रूट का लगभग एक तिहाई काम बाकी है।
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