बीकानेर,ऐसे दीन जन जिनका न कोई घर है न कोई ठिकाना। जीवन के अंतिम पड़ाव में प्लेटफार्म, सार्वजनिक व धार्मिक स्थलों पर कष्टों को झेल रहे बेसहारा लोगों को अब ‘अपना घर’ आश्रम में आसरा मिलेगा। बीकानेर के रानी बाजार क्षेत्र में संचालित अपना घर में संभाग के लावारिस, असहाय, बीमार व पीडि़त जनों को प्रवेश दिया जाएगा। संस्थान के डॉ.बी.एम.भारद्वाज ने पत्रकारों को बताया कि अपना घर आश्रम का विधिवत शुभारंभ 26 मई को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आश्रम में पीडि़त लोगों को पीड़ा मुक्त कर समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के प्रयास किए जाएंगे। वर्तमान में आश्रम में 40 लावारिस व बीमार पुरुष और सात महिलाओं को प्रवेश दिया गया है। आश्रम में करीब सौ लोगों की आवासीय क्षमता है।
भारद्वाज ने कहा कि इस संस्था की ओर से भरतपुर, अलवर, अजमेर कोटा सहित दिल्ली व कोकिलावन में भी ऐसे आश्रम संचालित किए जा रहे हैं। इन आश्रमों में 18 प्रदेशों के पीडि़तों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। बीकानेर में जल्द ही तहसीलस्तर पर अपनाघर सेवा समिति व हेल्प लाइन बनाई जाएगी। वही संभाग क्षेत्र में हर पीडि़त तक पहुंचने की योजना संस्था द्वारा तैयार की गई है। जिसके तहत तीन सदस्यीय चार टीमें गठित की गई है। यह टीम रविवार को सुबह नौ बजे श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू व बीकानेर के अस्पतालों के पास पहुंचेगी। वहां पर दीन-दुखी व बीमार की जानकारी लेगी तथा बीमार व्यक्तियों को आश्रम तक पहुंचाएगी। प्रेसवार्ता में आश्रम से जुड़े सदस्य धर्मपाल जैन, माधुरी भारद्वाज, जुगल राठी, अशोक मूधड़ा आदि ने भी जानकारी दी।
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