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Saturday, July 6, 2013

जिंदादिल व्यक्तित्व थे पं.नवल किशोर: गहलोत

जयपुर, 6जुलाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गुजरात के पूर्व राज्यपाल पं. नवल किशोरजी शर्मा विराट व्यक्तित्व के जिंदादिल इंसान थे। उनमें बड़प्पन का भाव था। गहलोत बिड़ला ऑडिटोरियम में पं. नवल किशोर शर्मा जयंती समारोह समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के पद से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पण्डितजी के बारे में जितना कहा जाए कम है।

वे आज हमारे बीच नहीं हंै लेकिन उनका व्यक्तित्व और कृतित्व सदैव हमारे बीच रहेगा। महापुरुष अपने कार्यों के कारण ही अमर होते हंै इसीलिए उनकी स्मृतियां स्थायी रहती हंै, उनकी प्रतिमाएं लगती हंै ताकि आने वाली पीढिय़ां उनसे प्रेरणा ले सकें। गहलोत ने कहा कि बाऊजी की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए सरकार जल्दी ही निर्णय लेगी। अखिल भारतीय कांग्रेस मेटी के महासचिव सी पी जोशी ने कहा कि पं. नवल किशोर शर्मा कुशल संगठनकर्ता, दूरदर्शी और प्रेरणा स्रोत व्यक्तित्व थे। उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी से लेकर नई पीढ़ी के साथ कार्य किया। सबके साथ समन्वय स्थापित रखा।
अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर उनके कार्यो को आगे बढ़ाने का भार है। उन्होंने कहा कि देश के नेताओं को बाऊजी के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर पार्र्टी को मजबूत बनाने का प्रण लेना चाहिए। इससे पूर्व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मोहन प्रकाश ने कहा कि बाऊजी के व्यक्तित्व में चुम्बकीय आकर्षण था। उनकी हर मुस्कुराहट की अलग भाव भंगिमा होती थी। राजनीति का विश्लेषण करने में उन्हें विशेष महारत हासिल थी। उन्होंने कभी धर्मनिरपेक्षता से समझौता नहीं किया। वे शरीर से भले ही अस्वस्थ हुए लेकिन उनका मस्तिष्क आखिरी क्षणों तक स्वस्थ रहा। अब हमें बाऊजी के जीवन पर व्याख्यानमालाएं आयोजित कर उनके विचारों को जिंदा रखना है। पूर्व राज्य सभा सांसद मिर्जा इरशाद बेग ने कहा कि पं. नवलकिशोर शर्मा ने अपने सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति का मार्गदर्शन किया जिससे वह आगे बढ़ सका। उनका दिया मार्गदर्शन आज भी राह दिखा रहा है। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पण्डित ने सत्ता और संगठन में बड़े पदों पर रहते हुए भी खुद को कांग्रेस का साधरण कार्यकर्ता माना। वे हर तरह के लोगों से सम्पर्क रखते और उनमें घुल-मिल जाते। उनमें आदमी को पहचानने की कला थी। पार्टी और प्रदेश के विकास के लिए वे हर समय तैयार रहते थे, साथ ही सच्चाई का दामन भी नहीं छोड़ते। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान ने कहा कि पं. नवलकिशोर शर्मा कुशल राजनेता, समाज सुधारक और कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता थे, प्रखर वक्ता, अनुभवी और ज्ञानी व्यक्ति थे। जमीन से जुड़े बाऊजी राष्ट्रीय विचारधारा के राष्ट्रीय स्तर के नेता थे। उन्होंने कभी पार्टी कार्यों के लिए तनाव नहीं लिया और चुटकियों में समस्या का समाधान सुझा देते थे। सांसद महेश जोशी ने कहा कि बाबूजी सदैव अपनी शर्तों पर जीने वाले आदमी थे। सही बात कहने में वे हिचकते नहीं थे, भले ही सामने वाला कितना ही बड़ा आदमी क्यों हो। उन्होंने युवाओं को आगे बढ़ाने में सदैव योगदान दिया। महेश जोशी ने कहा कि सांसद के रूप में उनकी जीत की आधारशिला बाऊजी ने ही रखी थी। राज्यसभा सांसद अश्क अली टाक ने कहा कि वे सदैव युवा कार्यकर्ताओं को कार्य करने की प्रेरणा देते रहते थे। जिस कार्य के लिए कह दिया उसे अवश्य पूरा करते। विधानसभा में मुख्य सचेतक डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि बाऊजी ने पूरे राजस्थान को अपना परिवार माना, वे राजनीति की पाठशाला थे। नौजवानों को आगे बढ़ाने के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहे। वे किसी को भुलावे रखकर साफ शब्दों में अपनी बात कह देते थे। महापौर ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि नए नेताओं के सामने आने वाली चुनौतियों की जानकारी देकर बाऊजी पहले ही उन्हें सावचेत कर देते जिससे उसे मार्गदर्शन मिल जाता। वे पार्टी के कार्यकर्ता को जिताने के लिए वे सदैव तत्पर रहते। बड़े पदों पर रहने के बावजूद वे चुनाव बूथ पर प्रचार करने में भी संकोच नहीं करते थे। इससे पूर्व समिति के संरक्षक शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा, समिति के अध्यक्ष विजय हरितवाल, प्रवक्ता अमरीश कौशिक सहित गौड़ ब्राह्मण महासभा के पदाधिकारियों ने अतिथियों का सूत की माला, पुष्पगुच्छ भेेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा, विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास, वरिष्ठ कांगेसी नेता सलीम कागजी, पूर्व न्यायधीश आई एस इसरानी भी उपस्थित थे आयोजन समिति के अध्यक्ष विजय हरितवाल ने उत्तराखण्ड आपदा पीडि़तों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक लाख ग्यारह हजार रुपए का चैक मुख्यमंत्री को भेंट किया। इस अवसर पर राजस्थान गौड़ ब्राह्मण महासभा की मुख पत्रिका ब्रह्म कीर्ति का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से भजनों की प्रस्तुतियां हुईं। पं. नवल किशोर जी के साथ रहे लोगों ने उनसे जुड़े अनुभव सुनाए।


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