संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में मलाला डे समारोह के अवसर पर जिन सात बालाओं को 'यूएन स्पेशल इनवॉय फॉर ग्लोबल एजुकेशंस यूथ करेज अवार्ड फॉर एजुकेशन' प्रदान किया गया है, उनमें से दो भारत की हैं। पुरस्कार पाने वालों में बेंगलूर की 21 वर्षीय अश्विनी और मेरठ, उत्तर प्रदेश की 15 वर्षीय रजिया सुल्तान शामिल हैं।
विश्व के विभिन्न देशों की इन सात बालाओं को लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं के आत्म-सम्मान को प्रोत्साहित करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
मलाला की सखी शाजिया को भी यह पुरस्कार दिया गया है। पिछले वर्ष तालिबान द्वारा मलाला पर किए गए हमले में शाजिया भी घायल हो गई थी। इसके अलावा जिन बालाओं को यह पुरस्कार मिला है, वे बांग्लादेश, नेपाल, मोरक्को और सिएरा लियोन की हैं। उत्तर प्रदेश में मेरठ की रजिया को बच्चों की शिक्षा में योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया है।
पूर्व में वह बाल श्रमिक थी और फुटबॉल की सिलाई करती थी। वह खुद को शोषण से निकालकर शिक्षा तक लाने में सफल हुई। कठिनाइयों के बावजूद उसने 11वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और इस समय बच्चों को काम से हटाकर उनका स्कूल में दाखिला कराने के लिए काम कर रही हैं। अश्विनी को पढ़ाई के मार्ग में आने वाली बाधाओं के खिलाफ लड़ाई के लिए पुरस्कार दिया गया है। उसने विकलांग बच्चों की शिक्षा के लिए अभियान चलाया है। जन्म के समय से उसकी नजर कमजोर है। उसका लालन पालन कर्नाटक के एक गरीब ग्रामीण समुदाय में हुआ। उसने अपनी बैचलर डिग्री प्राप्त करने के लिए कड़ा संघर्ष किया। उसे एक आइटी कंपनी में नौकरी भी मिली थी। लेकिन विकलांग बच्चों के लिए अभियान चलाने को उसने नौकरी छोड़ दी। अश्विनी इस समय बेंगलूर के गैर सरकारी संगठन [एनजीओ] लियोनार्ड चेशायर डिसएबिलिटी के लिए काम करती है।
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