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Friday, July 12, 2013

ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर स्थापित होंगे ‘लोक सुनवाई सहायता केन्द्र’

बीकानेर, 12 जुलाई। राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों मेंलोक सुनवाई सहायता केन्द्रस्थापित किए जाएंगे। रोजगार सहायक इन केन्द्रों पर प्रत्येक कार्य दिवस को प्रातः 10 से 12 बजे तक परिवाद प्राप्त करेंगे। सुनवाई के लिए ग्राम पंचायत, उपखण्ड और जिला मुख्यालय पर त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू की जाएगी।
            जिला कलक्टर आरती डोगरा ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में सुनवाई का अधिकार अधिनियम से संबंधित जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जनता की शिकायत का प्रभावी ढंग से निराकरण करने के उद्देश्य से इन केन्द्रों में एक खिड़की स्थापित की जाएगी। इस पर परिवाद अथवा शिकायत के आवेदन-पत्रा प्राप्त करने से लेकर इनके निस्तारण तक की कार्यवाही की सूचना परिवादी को उपलब्ध करवाई जाएगी। लोक सुनवाई सहायता केन्द्र पर प्रत्येक कार्य दिवस को प्रातः 10 से 12 बजे तक परिवाद प्राप्त करने की व्यवस्था की जाएगी। जहां अधिनियम के प्रारूप में अथवा सादे कागज पर परिवाद प्रस्तुत किया जा सकेगा।

मिलेगा विशिष्ट रजिस्ट्रीकरण नंबर
            डोगरा ने बताया कि परिवार की प्राप्ति पर प्रत्येक परिवादी को एक विशिष्ट रजिस्ट्रीकरण संख्याक अंकित करते हुए निर्धारित प्रपत्रा में रसीद दी जाएगी। जिसमें परिवाद को सुनने की तिथि, सुनने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम एवं स्थान अंकित होगा। यह प्राप्ति रसीद लाल, पीले और सफेद रंग में होगी। लाल रंग की प्रति आवेदक के लिए, पीले रंग की संबंधित विभाग अथवा कार्यालय तथा सफेद प्रति कार्यालय उपयोग के लिए होगी।
सुनवाई की त्रिस्तरीय व्यवस्था
            जिला कलक्टर ने बताया कि प्राप्त परिवादों को समस्या के स्तर के अनुसार संबंधित ग्राम पंचायत, उपखण्ड अथवा जिला मुख्यालयों पर भेजा जाएगा। प्रकरणों की सुनवाई के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था का निर्धारण किया गया है। इसके तहत प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर 12 से अपराह्न 3 बजे तक ग्राम पंचायत, उपखण्ड तथा जिला स्तर पर त्रिस्तरीय सुनवाई होगी। इसमें सभी लोक सुनवाई अधिकारी साथ बैठक आवश्यक रूप से सुनवाई करेंगे। ग्राम पंचायत स्तर की सुनवाई के लिए ग्राम सचिव, उपखण्ड अथवा तहसील स्तर के लिए संबंधित उपखण्ड अधिकारी तथा जिला स्तर की सुनवाई के लिए जिला कलक्टर नोडल अधिकारी होंगे।
पंजिका का होगा संधारण
            डोगरा ने बताया कि सुनवाई के लिए एक पंजिका संधारित की जाएगी। इसमें सुनवाई का संक्षिप्त विवरण होगा। सुनवाई में कौन से कार्मिक अथवा अधिकारी उपस्थित अथवा अनुपस्थित रहे तथा कितने मामले सुने गए से संबंधित रिकॉर्ड संधारित होगा। ग्राम स्तर की यह सूचना उपखण्ड अधिकारी को तथा उपखण्ड स्तर की सूचना जिला कलक्टर को प्रेषित की जाएगी। सभी अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित नोडल अधिकारी की होगी।
अनुपस्थित रहने पर होगी कार्यवाही
            जिला कलक्टर ने बताया कि यदि कोई अधिकारी लोक सुनवाई में अनपस्थित रहता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। परिवादी की अनुपस्थिति में विनिश्चय सार्वजनिक रूप से खुली सुनवाई में सुनवाया जाएगा। इन मामलों में परिवादी नियमों के अनुरूप अपील भी कर सकेगा। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर के एम दूड़िया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार, उपनिवेशन उपायुक्त पी सी महावर सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

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