बीकानेर, 24 जुलाई। ‘आज कितने बच्चों का पोषाहार बनाया है? साप्ताहिक मीनू कार्ड क्यों नहीं लगाया? खाना कहां बनाते हो? साफ-सफाई की क्या व्यवस्था है? छठी, सातवीं और आठवीं के नामांकन और उपस्थिति का रिकॉर्ड बताओ?’
जिला कलक्टर आरती डोगरा ने बुधवार को पेमासर के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील के निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापिका से यह प्रश्न पूछे। उन्होंने खाना बनाने में काम आने वाले बर्तनों और खाद्य सामग्री का अवलोकन किया। आटा, तेल, मसाले और सब्जी की गुणवत्ता को देखा तथा पका हुआ भोजन चखा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। रसोईघर की सफाई पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यार्थियों के हाजरी रजिस्टर का अवलोकन किया तथा रजिस्टर में खाली छूटे हुए कॉलम का कारण पूछा। विद्यार्थियों की कॉपियां नियमित जांच न होने के कारण नाराजगी व्यक्त की। शिक्षा हैल्पलाईन के अंकन तथा शौचालय की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्कूलों में निःशुल्क वितरित होने वाली पुस्तकों के वितरण की स्थिति के बारे में जाना तथा एक-एक बच्चे से पूछा कि उन्हें नईं किताबें मिली हैं अथवा पुरानी।
दो अध्यापकों को चार्जशीट
शेरेरां के प्राथमिक विद्यालय में निर्धारित समय से एक घंटे पूर्व छुट्टी कर दिए जाने को गंभीरता से लेते हुए जिला कलक्टर ने दो अध्यापकों को चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए। डोगरा शेरेरां के स्कूल में लगभग 12 बजे निरीक्षण के लिए पहुंची लेकिन इससे पहले स्कूल की छुट्टी कर दी गई थी। इस पर जिला कलक्टर ने अब्दुल वहाद और मुकेश कुमार को चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए तथा कहा कि संतोषजनक जवाब न होने की स्थिति में गंभीर कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकार बम्बलू के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आशा सुपरवाईजर ‘सीएल’ पर थीं लेकिन उनका प्रार्थना-पत्रा नहीं मिला। शेरेरां के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एएनएम सुलोचना तथा पुष्पा रेगर के हाजरी रजिस्टर में हस्ताक्षर होने के बावजूद कार्यालय में नहीं मिले। जिला कलक्टर ने दोनों प्रकरणों की रिपोर्ट चिकित्सा विभाग से मंगवाने के निर्देश दिए।
कलक्टर ने ली परीक्षा, ‘लिछमा’ रही टॉप
जिला कलक्टर ने बम्बलू के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के पास बैठकर उनकी कॉपियों का अवलोकन किया। उन्होंने आठवीं कक्षा में अध्यापक द्वारा पढ़ाया गया एक सवाल हल करने को दिया। आठवीं कक्षा की छात्रा लिछमा ने यह सवाल सबसे पहले हल किया। जिला कलक्टर ने उसे बॉलपैन देकर सम्मानित किया। रमेश सिद्ध और सुनीता क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। उन्होंने कक्षा के प्रत्येक बालक-बालिका की अभ्यास पुस्तिकाओं को देखा तथा अच्छा कार्य करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।
पीएचसी का किया निरीक्षण
डोगरा ने बम्बलू और शेरेरां के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने निःशुल्क दवा वितरण केन्द्र की व्यवस्थाओं को देखा तथा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम एवं शुभलक्ष्मी योजना के तहत लाभांवितों के रिकॉर्ड तथा चैक बुक का अवलोकन किया। जनरल वार्ड में पड़ी स्टेशनरी और अन्य सामग्री को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। जनाना वार्ड में बैड के चद्दर न बदलने तथा दीवारों पर जाले देखकर नाराजगी व्यक्त की। लेबर रूम में सक्सन मशीन, ऑक्सीजन सिलेण्डर तथा आवश्यक चिकित्सकीय उपकरणों की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त की।उन्होंनेे शेरेरां के प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी व्यवस्थाएं देखीं।
इस दौरान तहसीलदार जयदीप मित्तल, एडीपीसी (सर्वशिक्षा) जोरावर सिंह तथा अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) नंद लाल शर्मा मौजूद रहे।
-----
No comments:
Post a Comment