बीकानेर,
13 जुलाई।
नगर
निगम
एवं
राज्य
सरकार
द्वारा
नगर
के
विभिन्न
मार्गों
का
नामकरण
स्वतंत्रता
सेनानियों,
साहित्यकार,
सांस्कृतिक
क्षेत्र
के
विशिष्टजनों
के
नाम
से
करने
पर
अनेक
संगठनों
द्वारा
महापौर
का
आभार
व्यक्त
किया
गया
है।
महापौर
के
गांधीनगर
स्थित
निवास
पर
संगीत
भारती
के
निदेशक
डॉ.
मुरारी
शर्मा,
उपाध्यक्ष
मोहनलाल
मारू,
सखा
संगम
के
अध्यक्ष
चंद्रशेखर
जोशी,
संयोजक
भगवानदास
पडि़हार,
खुशाल
रंगा,
बृजगोपाल
जोशी,
नागेश्वर
जोशी,
खुमराज
पंवार,
हीरालाल
हर्ष,
राजेन्द्र
जोशी,
अशफाक
कादरी,
राजाराम
स्वर्णकार,
प्रसन्न
कुमार
शर्मा,
चतुर्भुज
शर्मा,
शिवकुमार
सोनी,
रमेश
भोजक
ने
माल्यार्पण
कर
स्वागत
किया।
इस
अवसर
पर
राजेन्द्र
जोशी
ने
कहा
कि
भवानी
भाई
ने
देश
की
सेवा
करने
वाले
विशिष्ट
जनों
के
नाम
से
मार्गों
का
नामकरण
कर
भावी
युवा
पीढ़ी
को
पूर्वजों
के
कृतित्व-व्यक्तित्व
को
जानने
का
सुअवसर
दिया
है।
हीरालाल हर्ष ने कहा कि हिन्दुस्तानी संगीत को बीकानेर एवं डॉ. जयचन्द्र शर्मा का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। खुशाल रंगा ने कहा कि बीकानेर वासियों का यह सौभाग्य है कि डॉ. जयचन्द्र शर्मा, डॉ. छगन मोहता, शंभूदयाल सक्सेना, रघुवर दयाल गोयल, किसनलाल शर्मा (गुट्टड़ महाराज) जैसे महापुरूषों की कर्मस्थली बीकानेर रही। महापौर भवानी शंकर शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों एवं साहित्य-सांस्कृतिक क्षेत्र के व्यक्तित्वों द्वारा किये गये कार्यों का कर्ज चुकाया नहीं जा सकता, किन्तु भावी पीढ़ी को उनके पुण्य कार्यों का स्मरण कर एवं अनुसरण कर उनके प्रति सम्मान एवं गरिमा प्रदान करनी चाहिए। सखा संगम के अध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. मुरारी शर्मा एवं भगवानदास पडिहार द्वारा महापौर को स्मृति चिन्ह एवं धन्यवाद का पत्र दिया गया। संगीत भारती के अध्यक्ष शंकरलाल हर्ष ने भी महापौर का आभार जताया।
हीरालाल हर्ष ने कहा कि हिन्दुस्तानी संगीत को बीकानेर एवं डॉ. जयचन्द्र शर्मा का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। खुशाल रंगा ने कहा कि बीकानेर वासियों का यह सौभाग्य है कि डॉ. जयचन्द्र शर्मा, डॉ. छगन मोहता, शंभूदयाल सक्सेना, रघुवर दयाल गोयल, किसनलाल शर्मा (गुट्टड़ महाराज) जैसे महापुरूषों की कर्मस्थली बीकानेर रही। महापौर भवानी शंकर शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों एवं साहित्य-सांस्कृतिक क्षेत्र के व्यक्तित्वों द्वारा किये गये कार्यों का कर्ज चुकाया नहीं जा सकता, किन्तु भावी पीढ़ी को उनके पुण्य कार्यों का स्मरण कर एवं अनुसरण कर उनके प्रति सम्मान एवं गरिमा प्रदान करनी चाहिए। सखा संगम के अध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. मुरारी शर्मा एवं भगवानदास पडिहार द्वारा महापौर को स्मृति चिन्ह एवं धन्यवाद का पत्र दिया गया। संगीत भारती के अध्यक्ष शंकरलाल हर्ष ने भी महापौर का आभार जताया।
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