बीकानेर,27जुलाई। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा है कि समाज को सकारात्मक दिशा देने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत हैं।
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज सभागार में शनिवार को आयोजित सर्व समाज प्रतिभा सम्मान समारोह को सम्बोधित करते श्रीमती शर्मा ने कहा कि सरकार या आयोग बिना सामाजिक सहयोग के एक कदम भी आगे नहीं बढा सकते। बाल विवाह, दहेज प्रथा, जैसी समस्याओं को समाज में कलंक के रूप में उल्लेखित करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति समाज में जारी अपराधों को रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास की आवश्यकता है। महिलाओं के प्रति बढे रहे अपराधों के निराकरण के लिए बच्चों में संस्कार डालने की जरूरत है तथा कोई भी सभ्यता पूरी तरह से खराब नहीं होती , हमें पश्चिमी सभ्यता की अच्छी बातों का हमारी संस्कृति के साथ समन्वय करने की जरूरत है।
समाज में महिलाओं के गिरते लिंगानुपात पर गहरी चिंता जताते हुए शर्मा ने कहा कि कन्या भू्रण हत्या के कारण देश का सिर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नीचे हुआ है। समाज के प्रत्येक स्तर पर इस दिशा में काम करने के लिए महिलाओं के साथ पुरूषों को भी आगे आना होगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पंक्तियों को दोहराते हुए श्रीमती शर्मा ने कहा कि गांधी- नेहरू की पीढी भी मानती थी महिलाएं हमारी सभ्यता की असली रक्षक है।
सभागार में मौजूद प्रतिभाओं की हौंसला अफजाई करते हुए श्रीमती शर्मा ने कहा बच्चे देश का भविष्य है । उन्होंने कहा कि समाज की 36 कामों को साथ लेकर आयोजित करने वाली संस्था की यह सराहनीय पहल हे। उन्होंने प्रतिभाओं से कहा कि यह केवल शुरूआत है उन्हें अपनी इन उपलब्धियों के आधार पर ही आगे की मंजिल तय करनी होगी और उन मंजिलों को हासिल करने का दृढ संकल्प लेना होगा। अभिभावकों से अपने बच्चों में आध्यात्मिक संस्कारों का विकास करने का आव्हान् करते हुए उन्होंने कहा कि संतों के सानिध्य से संस्कृति की अक्ष्क्षुण्ता को बनाये रखा जा सकता है। अत जीवन में इनके दिखाए मार्ग का अनुकरण कर हम सफलता की नई इबारत लिख सकते हैं।
कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि महंत संवित् सोमगिरी जी ने कहा कि प्रतिभाओं के बीज संस्कति की जडों में मौजूद है। आज जिन प्रतिभाओं का सम्मान किया जा रहा है,उनमें हम भारत के भविष्यको सुरक्षित कर रहे है।उन्होंने प्रतिभाओें से कहा कि अपनी इस चेतना को पूर्ण बनाने के लिए भारतीय संस्कृति को अंगीकार करें,क्योंकि भारतीय संस्कृति अपने आप में इतनी समृद्ध रही है कि विश्व की समस्त शिक्षा इसमें समाहित नजर आती है। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों की क्षमता को विश्व बुद्धि के साथ समन्वित करने की आवश्यकता है। उन्हांेने कहा कि भारतीय संस्कृति में जीवन का दर्शन है,परन्तु हम इसे धीरे-धीरे भूलते जा रहे है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने माता-पिता और गुरूजनों के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा।
इस अवसर पर पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ.ए.के.गहलोत ने प्रतिभाओं को उनकी उपलब्धियों की बधाई दी और कहा कि सर्वसमाज के बच्चों को सम्मानित करने से समाज को एकजुटता का संदेश मिलेगा। समारोह की संयोजिका एवं श्री नारी उत्थान सेवा की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता गौड ने स्वागत भाषण दिया और कहा कि प्राय देखने को मिलता है कि सभी जाति समाज अपने बच्चों के लिए ही सम्मान समारोह आयोजित करते है। यह हमंे बांटने का आभास दिलाता है। उन्होंने कहा कि जब हमें भगवान ने एक जैसा बनाया है तो हमारी प्रतिभाओं के लिए यह भेद क्यों ? इस सवाल ने उन्हें यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित किया।
समारोह में नगर विकास न्यास के अध्यक्ष मकसूद अहमद,पूर्व पार्षद जर्नादन कल्ला,उपायुक्त उपनिवेशन दुर्गेश बिस्सा,ब्रह्म कुमारी विश्वविद्यालय की कमल बहिन अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित किया। संचालन सुश्री पुष्पा ने किया।
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