बीकानेर,
17 जुलाई। बीकानेर जिला राजस्थान के पश्चिम छोर में बसा हुआ है। इसकी भौगोलिक स्थिति अत्यंत विषम है। इसके बावजूद जिले की साठ से अधिक ग्राम पंचायतों ने ओडीएफ होने का गौरव हासिल कर लिया है। बीकानेर की सभी
219 पंचायतों को ओडीएफ घोषित करवाना हमारा स्वप्न है और इसके लिए सभी वर्गों के सहयोग से हम अनवरत प्रयासरत हैं।
जिला कलक्टर आरती डोगरा ने मंगलवार को मंसूरी के लाल बहादुर शास्त्राी राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी भवन में
2011 बैच के आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। डोगरा ‘सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान-बीकानेर के अनुभव’ विषय पर बोल रही थीं। इस दौरान भारतीय प्रशासनिक सेवा के
155, रॉयल भूटान सिविल सर्विस तथा भारतीय रक्षा सेवा के
2-2 अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक मकान में पक्के शौचालय हों तथा शत-प्रतिशत ग्रामीण इनका उपयोग करें, इसके लिए बीकानेर में ‘बंको बीकाणो’ अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न टीमें गठित की गई हैं। इन टीमों द्वारा प्रत्येक मकान का भौतिक सर्वेक्षण किया जाता है
। इसके लिए जीपीएस सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। देश भर में इस पद्धति पर सर्वे पहली बार हो रहा है। जिले की सर्वे टीम द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अब तक एक हजार से अधिक घरों का सर्वे कर लिया गया है। सर्वे करने वाले लोगों को एंड्रोयड मोबाइल दिया गया है। यह लोग गैर सरकारी हैं। इस फोन के माध्यम से वे ओडीएफ ग्राम पंचायत के प्रत्येक घर में जाकर शौचाल तथा मकान मालिक की फोटो, उनकी पहचान, एपीएल अथवा बीपीएल की जांच करते हैं तथा उनसे विभिन्न प्रश्न पूछते हैं। यह जानकारी जीपीएस तकनीक के माध्यम से गूगल अर्थ पर अपलोड कर दी जाती है। जिसे दुनिया के किसी भी कोने में देखा जा सकता है। इस कारण इन दिनों पूरी दुनिया की नजर बीकानेर पर है।
डोगरा ने कहा कि जिन घरों में शौचालय बने हुए होते हैं, उन पर हरे तथा जिन स्थानों पर शौचालय बने हुए नहीं होते हैं, उन पर लाल निशान आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि बीकानेर में यह अभियन 6 अप्रैल को शुरू किय गया था तथा 6 मई को 21
ग्राम पंचायतों ने तथा 6 जून को 24
पंचायतों ने ओडीएफ होने का प्रस्ताव पास किया। जुलाई में भी 20
से अधिक पंचायतों ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। जिला प्रशासन की मोबाइल सर्वे टीमों द्वारा इनका सर्वेक्षण जा चुका है। उन्होंने बताया कि आमजन में ओडीएफ के प्रति जागरूकता लाने के लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्ररेक, सरपंच तथा प्रभारी अधिकारी प्रत्येक क्षेत्रा में अल सुबह जाते हैं तथा लोगों को खुले में शौच से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं तथा लोगों को ऐसा न करने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
डोगरा ने बताया कि बीकानेर के लोगों में इसके प्रति बेहद उत्सुकता है। बीकानेर में सर्वप्रथम नजदीकी ग्राम पंचायत नाल को ओडीएफ घोषित किया गया। इसके बाद ग्रामीणों में ओडीएफ होने की होड़ देखने को मिल रही है। गत दिनों जिले की
111 ग्राम पंचायतों ने खुद को ओडीएफ घोषित करने का संकल्प लिया है तथा इसके लिए वे निरंतर प्रयत्नशील हैं। डब्ल्यू एस पी साउथ एशिया वर्ल्ड बैंक के वाटर एंड सेनिट्रेशन स्पेशलिस्ट सेमुअल और स्टेट कॉर्डिनेटर मुलाकल ने इन गांवों का दौरा करते हुए इस कार्य की सराहना की। उन्होंने बताया कि सोशल वेबसाइट के इसके प्रचार-प्रसार के लिए फेसबुक पर ‘बंको बीकाणो’ पृष्ठ भी बनाया गया है। इस पर अभियान की गतिविधियों की जानकारी दी जाती है। डोगरा का व्याख्यान 75
मिनट चला। इस दौरान विभिन्न प्रशिक्षु अधिकारियों ने अपनी जिज्ञासाएं उनकी समक्ष रखीं जिनका प्रत्युतर उन्होंने दिया।
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