‘सभी जानते हैं कि वे (कांग्रेस) अगला लोकसभा चुनाव हारने जा रहे हैं और उसके बाद वे भिखारी बन जाएंगे.’उन्होंने कहा, ‘वह (कांग्रेस) जनविरोधी नीतियां अपनाकर पूरे देश को बेचने की कोशिश कर रही है. वह खुदरा में एफडीआई लाई और उसने एलपीजी पर सब्सिडी वापस ले ली. उससे आम आदमी प्रभावित हुआ. इसलिए हमने अपना समर्थन वापस ले लिया.’
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा, ‘जब कभी चुनाव करीब आते हैं, कांग्रेस यह कहना शुरू कर देती है कि मुसलमानों को एकजुट हो जाना चाहिए क्योंकि नरेंद्र मोदी आ रहे हैं.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘गुजरात दंगों के 10 साल हो गए हैं, पर कांग्रेस चुनावों से ठीक पहले दंगों का मुद्दा उठाती है. जब चुनाव नहीं होते तो वह इस मुद्दे को भूल जाती है.’ इससे पहले, नदिया जिले में एक अन्य रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, ‘कई राष्ट्रीय नेता हैं जो हर तबके के लोगों से प्रेम करते हैं न कि किसी खास तबके को. रामकृष्ण ने कहा था कि कुछ लोग माता को ‘मां’ कहते हैं जबकि कुछ लोग ‘अम्मा’ कहते हैं.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘साल 1905 में रविंद्रनाथ टैगोर ने हिंदू-मुस्लिम एकता का आह्वान किया था. आज रविंद्रनाथ और काजी नजरल इस्लाम रो रहे हैं.’ कांग्रेस के बारे में ममता ने कहा कि केंद्र ने राजीव और इंदिरा गांधी, जिनका वह आदर करती हैं, के नाम पर योजनाओं का नाम रखा है पर उन्होंने सवाल किया, ‘स्वामी विवेकानंद और काजी नजरल इस्लाम के नाम पर कितनी योजना का नाम रखा गया?’
ममता ने कहा कि पेट्रोल, डीजल और खाद की कीमतें बार-बार बढ़ाने के बावजूद वोट मांगने में कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए.
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