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कभी ऑस्ट्रेलियाई स्कूल हॉकी के सबसे खतरनाक खिलाड़ियों में गिने जाने वाला एक शख्स अब विश्व में सनातन धर्म और योग का प्रचारक बन चुका है। महानिर्वाणी अखाड़े के पहले विदेशी महामंडलेश्वर स्वामी जसराज पुरी 1980 के दशक में ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय स्कूल हॉकी टीम के सबसे खतरनाक लेफ्ट इन और राईट इन थे।
वह अब अपने योग गुरु विश्वगुरु परमहंस स्वामी महेश्वरानन्द के निर्देशन में सनातन धर्म और योग की संस्कृति का राजस्थान, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड में प्रचार कर रहे हैं। इन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सबसे तेज़ फॉरवर्ड में गिने जाने वाले और 1992 बार्सीलोना ओलिम्पिक में सिल्वर मैडल जीतने वाली टीम के अहम् सदस्य ग्रेग कौर्बिट से हॉकी की ट्रेनिंग ली थी। वह अब राजस्थान में बच्चों को योग सिखाने के लिए क्रिकेट का सहारा लेता हैं।
स्वामी जसराज पुरी के मुताबिक़ 1980 के दशक के पहले हाफ में ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम एक होपलेस टीम थी पर दो से तीन साल के अन्दर वह वर्ल्ड बीटर हो गयी जिसके पीछे माइक व्हिटनी नामक बायें हाथ के तेज़ गेंदबाज का हाथ था। सिडनी के मूल निवासी इस सनातन धर्मं प्रचारक के मुताबिक़ 1980 के दशक के आखिरी सालों में उन्होंने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर एक मैच से पहले पाया की माइक व्हिटनी टीम के अन्य सदस्यों को योग एवं प्राणायाम करा रहे हैं। इस से ना सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ने वह मैच जीता बल्कि आने वाले दो-तीन साल में वही फिसड्डी टीम विश्व की नंबर वन टीम बन गयी।
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