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Saturday, January 19, 2013


कांग्रेस का जयपुर घोषणा पत्र आज 

आगामी लोकसभा चुनाव, संगठन की एकजुटता और मजबूती, देश-विदेश के तमाम मुद्दों पर दो दिन के गहरे चिन्तन के बाद कांग्रेस रविवार को जयपुर घोषणा पत्र जारी करेगी। शनिवार शाम संपन्न चिन्तन शिविर में इस बार युवा नेताओं की जबर्दस्त भागीदारी रही और इसका श्रेय राहुल को दिया गया। कांग्रेस में नई पीढ़ी के नेताओं को जिम्मेदारी देने के लिहाज से यह शिविर काफी महत्वपूर्ण होगा। 

जयपुर ,शिविर में पार्टी में सभी स्तरों के पदों पर मनोनयन की संस्कृति समाप्त कर राहुल गांधी मॉडल की तर्ज पर चुनाव कराने, गठबंधन की मजबूरी समाप्त करने के लिए राज्यों में पार्टी को मजबूत करने और महिलाओं के खिलाफ बर्बर घटनाओं को रोकने के लिए कानून को और कड़ा बनाए जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर आम राय उभरकर सामने आई। 

विभिन्न विषयों पर पांच उप समूहों में दो दिवसीय चिन्तन शिविर की चर्चाएं समाप्त होने पर ये बात सामने आई कि इनमें युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में चुनाव कराने के राहुल मॉडल को कांग्रेस में सभी पदों पर लागू किया जाए। 

पांचों उप समूहों की संगठन, देश-विदेश, महिला, सामाजिक, आर्थिक मुद्दों और राजनीतिक मुद्दों पर बनी राय को समेटकर एक मसौदा तैयार होगा और
इसे जयपुर घोषणा पत्र के रूप में कल जारी किया जाएगा। 

हाल ही में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा दो भारतीय जवानों की हत्या और उनमें से एक का सिर धड़ से अलग करने की घटना के बाद उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग में संतुलन बिठाने की बात करते हुए राहुल ने कहा कि कड़ी कार्रवाई करना और भावनात्मक होना दो अलग बातें हैं। 

सूत्रों ने बताया कि राहुल ने यहां चिन्तन शिविर में 'भारत एवं विश्व' विषय पर गठित उप समूह की बैठक में शामिल होते हुए यह बात कही। इस समूह की चर्चा में वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ आए थे। उन्होंने चर्चा के बीच में कहा कि ऐसी परिस्थितियों में कड़े कदम उठाए गए हैं लेकिन हमारे फैसले भावनाओं में बहकर नहीं किए जाने चाहिए। बताया जाता है कि राहुल ने कहा कि भावनात्मक होने और कड़े कदम उठाने, दोनों में फर्क है। 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इस बर्बर कार्रवाई पर हमने कड़े कदम उठाए हैं लेकिन अपनी प्रतिक्रिया में भावुक नहीं हुए। चर्चा में एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने पाकिस्तान की बर्बर कार्रवाई पर उसके खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि इस बारे में उप समूह का आधार पत्र थोड़ा हल्का है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसा संदेश देना चाहिए कि हम मजबूत हैं और ऐसी घटनाओं को हल्के में लेने वाले नहीं हैं। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि पड़ोसी देश की ओर से पैदा की गई ऐसी भड़काऊ स्थिति में संतुलन बनाए रखना जरूरी है। 

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस उप समूह की चर्चा में कल शामिल हुए थे। उन्होंने कहा था कि भारत तो अपने सभी पड़ोसी देशों से अच्छे रिश्ते चाहता है लेकिन पाकिस्तान की ऐसी हरकतों के बाद ऐसा करना मुश्किल हो जाता है। इससे पहले सोनिया ने भी अपने उद्घाटन भाषण में पाकिस्तान की इस कार्रवाई के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए कहा था कि पाकिस्तान को सभ्‍य आचरण के स्वीकार्य सिद्धांत का पालन करना चाहिए। 

संगठनात्मक सुधार पर एके एंटनी समिति की रिपोर्ट पर चिन्तन शिविर में आम सहमति नजर आई। इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकसभा के उम्मीदवारों का एक साल पहले और विधानसभा के उम्मीदवारों का तीन महीने पहले नाम घोषित कर दिया जाए। इसमें यह भी कहा गया है कि टिकट देते समय पार्टी के प्रति उम्मीदवारों की वफादारी और जमीनी स्तर पर उनके कामकाज की पकड़ को देखा जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकसभा या विधानसभा का दो बार चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों को फिर से टिकट नहीं दिया जाए। 

संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि गठबंधन की राजनीति कम से कम करने की कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों में खुद को मजबूत करके कांग्रेस ऐसा कर सकती है। शिविर में बलात्कारियों को मृत्युदंड देने, पुलिसबल में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 50 प्रतिशत करने और देश की पुलिस में आमूलचूल सुधार करने की जोरदार मांग की गई। गिरिजा व्यास की अध्यक्षता वाले 'महिला सशक्तीकरण' समूह में चर्चा के दौरान आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी उपस्थित थे।

इससे पहले कल इस चर्चा में सोनिया भी आई थीं और उन्होंने कहा था कि महिला सशक्तीकरण की शुरुआत घर से होनी चाहिए जहां मांएं अपने बेटों को परिवार और पड़ोस में महिलाओं का सम्मान करना सिखाएं। इस चर्चा में जयराम रमेश ने कहा कि देश के 15 हजार थानों में से सिर्फ 400 महिला थाने हैं और इनमें से 40 प्रतिशत आंध्रप्रदेश में हैं। 

उन्होंने कहा कि महिला थानों की संख्या कम से कम 60 फीसदी होनी चाहिए। कांग्रेस के सचिव प्रवीण डावर ने कहा कि पुलिसबल में कम से कम 25 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी होनीं चाहिए। प्रिया दत्त ने सुझाव दिया कि महिला कांग्रेस को एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस की तर्ज पर प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है ताकि इसके सदस्य समाज में और सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभा सकें। 

केन्द्रीय मंत्री डी पुरंदेश्वरी ने इस बात के लिए महिला कांग्रेस की आलोचना की कि उसने दिल्ली में हाल ही में चलती बस में सामूहिक बलात्कार की बर्बर घटना के मामले में विरोध की तुरंत अगुवाई नहीं की, जो उसे करनी चाहिए थी। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री किरन रेड्डी ने कहा कि बच्चों को जन्म महिलाएं देती हैं इसलिए उनके जन्म के बारे में फैसला करने का अधिकार भी उन्हीं का होना चाहिए न कि पति या सास आदि का। 

अनिल शास्त्री ने कहा कि पुलिस सुधार के लिए आयोग बनने पर राजनीतिकों को भी उसमें शामिल किया जाए क्योंकि अवकाश प्राप्त पुलिस अधिकारियों से कहीं ज्यादा राजनीतिक ही जनता से जुड़े होते हैं। इस समूह के आधार दस्तावेज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए और महिलाओं की शिकायतों का निवारण करने के लिए जिला, राज्य और केन्द्र स्तर पर प्रभावशाली समितियां बनाने की बात कही गई है। 

शिविर में इस बात पर भी लगभग एक राय थी कि कांग्रेस के महासचिव, राज्यों के कांग्रेस प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ें। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ऐसा होने पर वे पार्टी के चुनाव पर ध्यान देने की बजाय अपने चुनाव पर ज्यादा ध्यान देते हैं। 

जारी चिन्तन शिविर में जिन पांच समूहों में चर्चा हुई वे एके एंटनी के नेतृत्व वाला 'उभरती राजनीतिक चुनौतियां', दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाला 'उभरती सामाजिक आर्थिक चुनौतियां', गिरिजा व्यास के नेतृत्व वाला 'महिला सशक्तीकरण', आनंद शर्मा के नेतृत्व वाला 'भारत एवं विश्‍व' और गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाला 'संगठन की ताकत' हैं। राहुल उस समय अवाक रह गए जब पार्टी के एक सांसद ने उन्हें यहां चल रहे चिन्तन शिविर में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रारंभिक भाषण पर सोशल मीडिया में बड़े पैमाने पर नकारात्मक टिप्पणियों को दिखाया। 

संगठनात्मक विषय पर आयोजित उप समूह की चर्चा में राहुल उपस्थित हुए थे। पार्टी सांसद शांताराम उनके पास गए और उन्हें टैबलेट दिखाया। इसमें सोशल मीडिया में सोनिया के भाषण पर 3000 से अधिक टिप्पणियां की गई थीं। राहुल ने स्वीकार किया कि इस हालात से उबरने की जरूरत है। एक अन्य वरिष्ठ नेता जगदीश टाइटलर ने चर्चा के दौरान कहा कि साइबर जगत में कांग्रेस के खिलाफ जबर्दस्त दुष्प्रचार हो रहा है जिसकी जवाबी रणनीति बनाने की जरूरत है। 

चर्चा के दौरान ये आम राय बनी कि सोशल मीडिया को चूंकि नियंत्रित नहीं किया जा सकता है इसलिए पार्टी को उसमें अपनी उपस्थिति बढ़ानी चाहिए ताकि नकारात्मक प्रचार का प्रभावी जवाब दिया जा सके। दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारत को कुछ यूरोपीय देशों को पेश आ रही आर्थिक दिक्कतों से बचाने के लिए डीजल की कीमतें नियंत्रणमुक्त करने का फैसला करने के अलावा सरकार के पास और कोई विकल्प नहीं था। 

'उभरती सामाजिक, आर्थिक चुनौतियों' पर बने उपसमूह के प्रमुख सिंह ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली को युक्तिगत बनाने की आवश्यकता बताई। उपसमिति के सदस्यों ने युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने की मांग जोरदार ढंग से उठाई। आगामी लोकसभा चुनाव के बाद फिर से गठबंधन सरकार यानी संप्रग 3 को कांग्रेस स्वीकार करती नजर आ रही है क्योंकि उसके चिन्तन शिविर की चर्चाओं में ये बात उभरकर सामने आई है कि विभाजित जनादेश को देखते हुए कुछ राज्यों और केन्द्र में ऐसा करना आवश्यक हो गया है। 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि संप्रग 3 के अलावा कोई चारा नहीं है। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि गठबंधन वास्तविकता है। हमें अपने मित्रों और सहयोगियों को साथ रखना होगा। जगमीत सिंह बरार ने कहा कि गठबंधन का अभी विकल्प नहीं है। जिन राज्यों में पार्टी का आधार कम है, वहां मेहनत करने की जरूरत है। उधर उत्तरप्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि सपा बसपा से समर्थन उत्तरप्रदेश में पार्टी के लिए बहुत महंगा पड़ा है। उन्होंने प्रदेश में 'एकला चलो’ की वकालत की।

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