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Friday, February 22, 2013


सूर्यदेव को किया नमन,शोभायात्रा निकली  

          

बीकानेर । माघ शुक्ला सप्तमी पर रविवार को भगवान सूर्य की आराधना का पर्व सूर्य सप्तमी पारंपरिक रूप से श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आचार्य जाति के लोगों ने ब्रह्मा दादा व अनेक घरों में भगवान सूर्य की पूजा अर्चना कर उन्हें बाटी- चूरमा का प्रसाद चढ़ाया। वही शाकद्वीपीय समाज की ओर से शोभायात्रा निकाली गई , जिसमें भगवान सूर्य  रथ पर सवार होकर लक्ष्मीनाथजी मंदिर से रवाना हुए। जो दांती बाजार, वैदों का बाजार, मरूनायक चौक, आचार्य चौक, केसरदेसर मोहल्ला, भट्टड़ों का चौक, सेवगों का चौक, रत्ताणी व्यासों का चौक, कोकड़ी बाग, साले की होली, जसोलाई, दम्माणियों का चौक, हर्षों की ढाल, मोहता चौक, आसानियों का चौक, रांगड़ी चौक, भुजिया बाजार होते हुए पुन: लक्ष्मीनाथ मंदिर पहुंचे। रास्ते भर शाकद्वीपीय समाज के युवक व युवतियां डांडिया लड़ाते हुए सूर्य सप्तमी के भजन गाते चल रहे थे। रवि रश्मि युवा संगठन, राजस्थान प्रांतीय शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा, भीखमचंद फाउण्डेशन सहित अनेक संगठनों के पदाधिकारी व सजातीय बंधु भी इस शोभायात्रा में सूर्यदेव के जयकारों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे थे। जहांं-जहां से शोभायात्रा निकली वहां स्वयंसेवी संगठनों की ओर से श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया व अल्पाहार तथा प्रसाद की व्यवस्था की गई। पुष्करणा समाज की आचार्य जाति के उत्पत्तिकर्ता ब्रह्मलीन महापुरुष ब्रह्मदत्त आचार्य का निर्वाण दिवस धरणीधर महादेव मंदिर परिसर में स्थित ब्रह्मगढ़ में पारंपरिक धार्मिक रीतिरिवाज से मनाया गया। आचार्य श्रीधरणीधर ट्रस्ट के सचिव जितेन्द्र आचार्य ने बताया कि विवेक पीठ, आचार्य श्रीधरणीधर ट्रस्ट, पुष्करणा नागरिक मंच, सनातन धर्म सत्संग मंडल, श्री जी उपासना संगम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्मा दादा की पूजा अर्चना कर बेर व रेवड़ी का प्रसाद चढ़ाया। आचार्य जाति के बड़े बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे दर्शनार्थ ब्रह्मगढ़ मंदिर पहुंचे।  इस अवसर पर धरणीधर महादेव का भी अभिषेक किया गया। सूर्य सप्तमी पर अनेक घरों में दाल बाटी का प्रसाद भी बनाया जाता है

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