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Monday, February 25, 2013



सर्वघर्म सम्मान  सद्भाव समारोह

                 
बीकानेर      25 फरवरी। नगर विकास न्यास के अध्यक्ष हाजी मकसूद ने कहा है कि कहा है कि बीकानेर के लोगों ने अपने कार्य, व्यवहार, साम्प्रदायिक सौहार्द आपसी भाईचारा, विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित कौशल से नगर ही नहीं प्रदेश का नाम गौरान्वित किया है। युवा पीढ़ी प्रवासी भारतीयों  से प्रेरणा लेकर इस तरह के कार्य करें जिससे देश-दुनियां में नाम रोशन हो सके।                                                                             न्यास अध्यक्ष सोमवार को सार्दुल गंज स्थित लॉयन सेवा सदन में बीकानेर के गांव रिड़मलसर सिपाहियान मूल के अमेरिका प्रवासी हाजी शेर मोहम्मद राजपूत के सर्वघर्म सम्मान सद्भाव समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने प्रवासी नागरिकों से कहा कि वे अपनी जन्म भूमि को नहीं भूलें तथा इसके विकास में सहभागी बनें। रिड़मलसर गांव में जन्में पले तथा यहीं शिक्षित हुए शेर मोहम्मद ने अमेरीका के शिकांगों में मनी मैनेजर्स ऑफ शिकांगों कंपनी, इस्ट वेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ शिकांगों, की स्थापना की। इस यूर्निवसिटी में वर्तमान में 2500 विद्यार्थी अध्ययनरत है।  भारतीयों को सहयोग उनके विकास में सहभागी बनने के लिए इन्होंने इंडाअमेरिकन सेंटर की स्थापना की। ये जरूरतमंदों की शैक्षिक, आर्थिक मदद करते रहते हैं                                                                            शिवबाड़ी के लालेश्वर महादेव मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी संवित् सोमगिरी ने
कहा कि जीवन की सार्थकता इंसानियत के अमृत पथ पर चलने में है।  इंसानियत को बढ़ाने पनपाने वाली शिक्षा को ग्रहण करना होगा तथा हमें प्रकृति, पुरुष, नारी, बाल, युवा के प्रति दृष्टि को बदलना होगा। अपने कर्तव्य बोध समाज के प्रत्येक प्राणी के ऋण बोध को समझते हुए कार्य करना होगा। सद्भावना, सद्विचार, सद् चिंतन, साहित्य, और सह्दयता अपने जीवन व्यवहार में लानी होगी।  राग-द्वेष को त्याग कर भारत की अनेकता में एकता की संस्कृति को प्रतिष्ठित करना होगा।                            मौलाना अब्दुल वहीद अशरफी ने कहा कि कुरआन शरीफ की पहली आयात में बताया गया है कि मालिक की मेहरबानिया, कृपा आशीर्वाद सभी प्राणियों के प्रति है। इंसानी खिदमत सबसे बड़ा धर्म है। इंसानी धर्म को निभाते हुए सभी आपस में प्यार मुहब्बत बांटे तथा सभी खुशहाली खिदमती के लिए कार्य करें।                            जनार्दन कल्ला ने कहा कि बीकानेर की धरा केे अनेक वीर, शूरवीर, चिकित्सक, शिक्षाविद इंजीनियर खिलाड़ियों ने व्यवसाय, शैक्षिक और खेल कौशल से नाम रोशन किया है। प्रवासी बीकानेरी नगर के विकास में सहभागी बनें तथा यहां स्वरोजगार के नये आयाम स्थापित कर लोगों के आर्थिक उन्नयन में सहभागी बनें।                        एस.डी.कान्वेंट, दिल्ली की प्रोविन्शियल सिस्टर क्रांति ने कहा कि बीकानेर के लोग बहुत अच्छे तथा मानवीयता तथा सेवा भावना रखने वाले हैं। बीकानेर का साम्प्रदायिक सौहार्द आपसी भाई चारा से देश के अन्य नगरों को भी प्रेरणा लेकर वतन की अखंडता आपसी सद्भाव को प्रतिष्ठित करने का प्रयास करना चाहिए। सरदार इंद्रसिंह ने कहा किसी धर्म का अनुयायी बनने से पूर्व अच्छा इंसान बनने का प्रयास करना चाहिए। अच्छा इंसान ही सही मायने में धार्मिक हो सकता है। पूर्व पार्षद गजेन्द्र सांखला, वरिष्ठ नाटककार लक्ष्मी नारायण रंगा इरशाद अजीज ने बीकानेर के साम्प्रदायिक   सौहार्द की रचनाएं पेश की तथा बीकानेर के वैशिष्ट्य से अवगत करवाया। सिस्टर टीना ने प्रभु यीशु की प्रार्थना, मिर्जाहैदर बैंग ने इबादत की।  हाफिज गुलाम रसूल शाद जामी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।                                     अपने सम्मान में शेर मोहम्मद राजपूत ने कहा कि अमेरीका में राष्ट्रपति को नाम मात्रा की तनख्वा मिलती है। भारत में अनेक शिक्षक कॉलेज प्राध्यापकों का मासिक वेतन भी वहां के राष्ट्रपति से अधिक है। भारत में लोगों का आर्थिक सामाजिक स्तर काफी ऊंचा है। पिछले तीन दशकों मे बीकानेर सहित प्रदेश में अनुकरणीय विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि बीकानेर के नागरिक नगर को सुन्दर बनाने के लिए अतिक्रमण आदि नहीं करें। अपने वतन मातृभूमि के विकास के लिए हमेशा समर्पित रहे।     कार्यक्रम में अतिथियों संयोजक सुशील थिरानी, डॉ. अबरार पंवार, साहित्यकार शिवराज छंगाणी, कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष सहीराम दूसाद, , महेन्द्र आचार्य, पारस बोथरा, श्रीमती इंद्रा बिश्नोई डॉ. बिट्ठल बिस्सा आदि ने शेर मोहम्मद राजपूत तथा उनकी बेटी रेशन राजपूत तथा विभिन्न धर्म  के अनुयायियों का शॉल, माला आदि से अभिनंदन किया।                                                                             ----                                                        

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