गौरवपूर्ण लम्हो का साक्षी बना चांधन
चांधन फील्ड फायरिंग रेंज से। भारतीय वायुसेना के सबसे बडे युद्धाभ्यास आयरन फीस्ट के आयोजन के साथ जैसलमेर का चांधन कस्बा इतिहास के गौरवपूर्ण लम्हो का साक्षी बना। वाहनों की आवाजाही व अधिकारियों की आवाजाही के कारण कस्बे का माहौल बदला हुआ नजर आया। विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्ग-15 से फील्ड फायरिंग रेंज जाने वाली रोड का नजारा बदला हुआ रहा। आयोजन को लेकर कस्बे के बाशिंदो मे जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
राष्ट्रपति ने किया लक्ष्य निर्घारण
'आयरन फीस्ट' के दौरान भेदे जाने वाले पहले लक्ष्य का निर्घारण राष्ट्रपति ने किया। देश में निर्धारित एयरबेस से उठे विमान की ओर से लक्ष्य को भेदे जाने के साथ ही इस आयोजन का आगाज हुआ। उत्तरलाई विंग कमांडर वीनू निम्ब्रासन ने राष्ट्रपति को मिसाइल टारगेट की जानकारी दी। आयरन फीस्ट का पहला चरण शाम 4:26 बजे शुरू हुआ, जो 6:20 तक चला। फिर दूसरा चरण 6:59 से 7:39 बजे संपन्न हुआ।
थार में पहली बार नजर आया पिलेट्स
हाल ही में शामिल किए गए ट्रेनर विमान पिलेट््स ने भी युद्धक क्षमता का प्रदर्शन किया। इस विमान ने युद्धाभ्यास के दौरान शुरूआत मे ही करतब दिखाए। गौरतलब है कि स्विट्जरलेड का पिलेट्स पीसी-7 मार्क टू विमान वायु योद्धाओं की नई सवारी बना है। माना जा रहा है कि 'अस्त्र' के नाम से विख्यात यह विमान भारतीय वायुसेना के नए पायलटों को न केवल शुरूआती तौर पर
प्रशिक्षण में मददगार बन रहा बल्कि भविष्य में सुखोई और मिराज जैसे आधुनिकतम लड़ाकू विमानों के लिए दक्ष पायलट पूरी तरह से तैयार करने में मददगार साबित होगा।
वहां से उड़ान, यहां निशाना
वायुसेना के विभिन्न लड़ाकू विमानो ने उत्तरलाई, नाल, भुज, जोधपुर, ग्वालियर, फलोदी, तेजसर आदि हवाई अड्डो से उड़ान भरकर अपनी मारक व युद्धक क्षमता को साबित किया। एमआई-17 हेलीकॉप्टर से दुश्मन के ठिकानो पर कमांडो व हथियार आदि को उतारकर उन्हे नष्ट करने का युद्धाभ्यास किया गया।
साबित की श्रेष्ठता
वायुसेना ने युद्धाभ्यास मे जबरदस्त मारक व ताकत क्षमता के जरिए अपनी श्रेषता साबित की। वायुसेना के इतिहास मे अब तक के सबसे बड़े वायुशक्ति प्रदर्शन मे अग्रिम पंक्ति के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखाई-30, एमकेआई और स्वदेशी लाइट काम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस के साथ जगुआर, मिराज व मिग सीरीज के लड़ाकू विमानो ने अचूक निशाने साधकर दुश्मन के काल्पनिक ठिकानो को नष्ट किया। इसी तरह लड़ाकू हेलीकॉप्टर सारंग एमआई, सी-30, सुपर हरक्यूलिस, आईसी एएन-32 परिवहन विमान भी इस प्रदर्शन का हिस्सा बने और मांडो, पेराट्रपर्स को उतारने का प्रदर्शन किया।
रात के अंधेरे में दुश्मन को किया नेस्तनाबूद
लेजर गाइडेड मिसाइलो के जरिए वायु सैनिकों ने काल्पनिक ठिकानो को नेस्तनाबूत किया। रात के अंधेरे में रोशनी बिखेरेते हुए दुश्मनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। शुरूआत में राष्ट्रगान के साथ विमानों का प्रदर्शन और बादमें परिचय दिया गया। आकाशगंगा से रात के अंधेरे में दिवाली सा नजारा पेश आया। रक्षामंत्री ने एयरफोर्स के बैंड ग्रुप से मुलाकात की और उनकी हौसलाअफजायी की। आकाशवीरों ने रात के अंधेरे में बचाव और राहत कार्यो का भी प्रदर्शन किया।
राष्ट्रपति पहुंचे 4 बजकर 4 मिनट पर
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी 4 बजकर 4 मिनट पर रणक्षेत्र पहुंचे जबकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 3 बजकर 48 मिनट व राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री 3 बजकर 49 तथा सबसे पहले रक्षामंत्री एके एंटोनी 3 बजकर 32 मिनट पर पहुंचे। प्रारंभ में वायुसेनाध्यक्ष एनएके ब्राउन ने स्वागत भाषण दिया और वायुसेना के इतिहास व वर्तमान गतिविघियों की जानकारी दी।
जीवंत हुई जेहन मे बसी यादें
आकाशवीरो की ओर से वायुशक्ति व युद्धक क्षमता के जीवंत प्रदर्शन ने वहां मौजूद सैकड़ो लोगो के रोंगटे खड़े कर दिए। जेहन मे बसी बरसो पुरानी यादे हकीकत मे सामने थी, लेकिन आज ताकत कई गुणा अघिक देखने को मिल रही थी। वायुयान से भीषण बमबारी मे उठते रेत के गुबार के बीच बड़ी चतुराई से इशारो पर विमान को कलाबाजियां कराते आकाशवीर बेहतरीन युद्ध कौशल का परिचय देते हुए भारतीय वायुसेना के जांबाजो ने यहां मौजूद सैकड़ो लोगो को भीतर तक हिला दिया।
आकाशगंगा टीम ने किया सम्मोहित
समारोह का प्रमुख आकर्षण आकाशगंगा टीम का प्रदर्शन रहा, जिसने सतरंगी रंगों के प्रदर्शन से वीवीआईपी व आम जन को सम्मोहित कर दिया। समारोह मे एयरफोर्स वारियर ऑर्केस्टा व वारियर डिल टीम ने भी अपना कार्यक्रम पेश किया। वायुसेना के लाइट हेलीकॉप्टर्स व लाइट वायुयान के कौशल का प्रदर्शन देखकर हर किसी ने दांतो तले अंगुली दबा ली।
राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री दिल्ली लौटे
आयरन फीस्ट में भाग लेने के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह ने रात 8:45 बजे जैसलमेर से प्रस्थान किया। फील्ड फायरिंग रेंज से सड़क मार्ग से वे जैसलमेर एयरपोर्ट पहुंचे और यहां वायुसेना के विमान से वे दिल्ली रवाना हो गए। गौरतलब है कि राज्यपाल मार्गे्रट आल्वा 25 फरवरी तक जैसलमेर में ही रहेगी और वे शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मरू महोत्सव का उद्घाटन करेंगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रात्रि विश्राम जैसलमेर मे ही किया। वे शनिवार को तनोट दर्शन करने जाएंगे।
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